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दशहरा के दिन सुख-समृद्धि पानें के लिए घर पर करें ये काम, होगी धन की बरसात

जैसा की सभी लोग जानते हैं नवरात्री का पावन समय ख़त्म हो चुका है। आज अश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी है। आज के दिन पुरे देश में रावण दहन किया जाता है। रावण का दहन अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतिक है। आज के दिन पुरे देश में जगह-जगह पर रावण के पुतले को जलाया जाता है। हिन्दू धर्म में दशमी का बहा ही महत्व है। दशमी के दिन सभी लो हर्षोल्लास के साथ रावण का दहन करते हैं।

सदियों पुरानी है दशहरा के दिन रावण जलानें की परम्परा:

नवरात्री के समय में माता दुर्गा के नौ रूपों की आराधना करके भक्त अपने सभी मनोकामनाओं की पूर्ति का वरदान मांगता है। वहीँ दशहरा के दिन अपने मन के रावण का त्याग करनें की कसम खाते हुए नए सिरे से जीवन की शुरुआत करता है। रावण को दशमी के दिन जलानें की परम्परा सदियों पुरानी है। भगवान राम ने आज ही के दिन माता सीता का हरण करनें वाले रावण का वध किया था।

आज ही के दिन रावण को मारा था भगवान राम ने:

रावण ने भगवान राम से बदला लेने के लिए माता सीता को जबरदस्ती उठा लिया था उनसे शादी करना चाहता था। भगवान राम ने माता सीता को बचानें और इस पृथ्वी को पाप मुक्त करनें के लिए रावण का वध किया। हालांकि आख़िरी समय में भगवान राम को रावण पर दया आ गयी और उनका दिल पिघल गया। उन्होंने रावण को माफ़ भी कर दिया। दशहरा के दिन रावण का वध किये जानें की वजह से आज के दिन को पुरे विश्व में विजय दशमी के रूप में मनाया जाता है।

आज के दिन शुभ मुहूर्त की नहीं होती जरुरत:

हिन्दू पंचांग के अनुसार कुछ ऐसे महूर्त होते हैं जो स्वयंसिद्ध होते हैं। इस मुहूर्त में बिना स्पचे समझे आप कोई भी कार्य कर सकते हैं। शास्त्रों की मानें तो आज के दिन किया गया कोई भी काम असफल नहीं होता है। दशहरा का दिन स्वयंसिद्ध मुहूर्तों में से एक माना जाता है। इस दिन किसी भी काम को शुरू करनें के लिए शुभ मुहूर्त देखनें की जरुरत नहीं होती है। सिद्ध योगी और तांत्रिक आज के दिन का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं। आम आदमी के जीवन में भी कई तरह की समस्याएँ लगी रहती हैं। कुछ टोने-टोटके, उपाय और पूजन करके जीवन की कई तरह की समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार दशमी तिथि का आरंभ 29 सितम्बर की रात 11:49 से हो गया है। दशमी 1 अक्टूबर की रात 1:35 पर ख़त्म हो रही है।

शुभ मुहूर्त:

दशहरा

दोपहर 2:08 बजे से 2:55 बजे तक।

अपराह्न पूजन

1:21 बजे से 3:42 बजे तक।

रावण दाह के बाद करें ये उपाय :

रावण दहन के बाद वहाँ से जली हुई लकड़ी के कुछ टुकड़े घर लायें। उस लकड़ी के टुकड़ों को सहेजकर रखें। ऐसा करनें से उपरी बाधा, चोरी की समस्या और नजर दोष की समस्या से छुटकारा मिलेगा।

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