राजनीति

नहीं रहे वायुसेना के मार्शल अर्जन सिंह, कहा था – 1965 में ही पाकिस्तान को मिटा देते दुनिया के नक्शे से…

नई दिल्ली – साल 1965 के भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व वायु सेना प्रमुख अर्जन सिंह का दिल का दौरा पड़ने से शनिवार रात निधन हो गया। दौरा पडने के तुरंत बाद उन्हें सेना अस्पताल (आरएंडआर) में भर्ती कराया गया था, जहां वो दो दिनों तक वेंटिलेटर पर रहे। शनिवार रात दिल को एकबार फिर उन्हें दौरा पडा और वो नहीं बच सके। शनिवार शाम ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अस्पताल जाकर उनसे मुलाकात कि थी। Marshal the indian air force arjan singh.

फ्लाई पास्ट का 15 अगस्त, 1947 को किया था नेतृत्व

मार्शल अर्जन सिंह किस तरह के जाबाज सैनिक थे इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने साल 1965 के भारत और पाकिस्तान के युद्ध में अनुभवहीन भारतीय वायुसेना का नेतृत्व किया था। मार्शल को देश को आजादी मिलने के बाद 15 अगस्त, 1947 को लालकिले के ऊपर सौ से ज्यादा वायुसेना विमानों के फ्लाइपास्ट का नेतृत्व करने का गौरव भी हासिल है। अर्जन सिंह को 1 अगस्त, 1964 को चीफ ऑफ एयर स्टाफ नियुक्त किया गया था।

हमले के लिए घंटे भर में वायुसेना को कर दिया तैयार

जब सितंबर 1965 में पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम कर हमला किया उस वक्त भारत के रक्षा मंत्री ने वायुसेना प्रमुख रहे अर्जन सिंह से पूछा कि वायुसेना को तैयारी में कितना समय लगेगा। अर्जन सिंह ने बड़े विश्वास के साथ जवाब दिया था – एक घंटा। आर उन्होंने अपने कहे अनुसार वायुसेना को एक घंटे के अंदर तैयार कर पाकिस्तान पर हमला बोल दिया था।

एकमात्र फाइव स्टार रैंकिंग वाले अफसर थे अर्जन

अर्जन सिंह चीफ ऑफ एयर स्टाफ रहते हुए विमान उड़ाते रहे और अपनी फ्लाइंग कैटिगरी को बरकार रखा। उन्होंने 60 प्रकार के विमान उड़ाए। उन्हें फाइव स्टार रैंक हासिल है। मार्शल अर्जन सिंह एक जाबाज सैनिक थे इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने साल 1965 के भारत और पाकिस्तान के युद्ध में अनुभवहीन भारतीय वायुसेना का नेतृत्व कर पाकिस्तान को शिकस्त दी थी।

 

Back to top button