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ये ६ भारतीय सैनिक जिन्होने अपनी बहादुरी से दुनिया को हिला के रख दिया

भारतीय सेना के बहादुरी के किस्से तो बहूत है जिन्हे एक दिन मे नही सुनाया जा सकता. इन्ही सब क़िस्सो मे से हम चुनिंदा 6 वीर सैनिको के बहादुरी की कहानी आपको बताते है. 1. flying Officer Nirmal Jeet Singh

इस सरदार के आगे पाक ने टेके थे घुटने, जवानी में देश के लिए हुए थे कुर्बान
1. फ्लाइयिंग ऑफीसर निर्मल जीत सिह सेखों, परम वीर चक्र

Flying Office Nirmal Jeet Singh

निर्मल जीत सिंह एकलौते परम वीर चक्र पाने वाले भारतीय वायु सेना से है. उन्होने 1971 के युद्ध मेअकेले 6 पाकिस्तानी लड़ाकू विमानो को हवा मे ही तबाह कर दिया था.
1971 में भारत-पाक के बीच हुए वॉर के नायकों की जब भी बात की जाएगी तो उसमें फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल जीत सिंह सेखों का नाम शीर्ष पर लिया जाएगा। सेखों ने वॉर के दौरान पाकिस्तानी वायुसेना के जेट विमानों को भारतीय सीमा से मार भगाया था।

मरणोपरांत मिला परमवीर चक्र
युद्ध में देश की रक्षा करते हुए 14 दिसंबर को सेखों शहीद हो गए थे। उनकी वीरता को देखते हुए 26 जनवरी 1972 को राष्ट्रपति वीवी गिरी ने सेखों को मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया था। परमवीर चक्र वीरता के लिए दिए जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। निर्मलजीत सिंह सेखों इंडियन एयरफोर्स के एकमात्र परमवीर चक्र विजेता है।

पाक के तीन लड़ाकू विमानों को किया था ध्वस्त

सेखों की वीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुश्मन देश भी उनकी प्रशंसा करने से अपने आप को रोक नहीं पाता है। हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान भी उनकी बहादुरी का कायल था। पाकिस्तान के एक शीर्ष अधिकारी ने अपनी किताब में सेखों की बहादुरी की चर्चा करते हुए उनके बलिदान को खूब सराहा था। वॉर के दौरान सेखों ने न सिर्फ दुश्मनों के 3 सेबर जेट विमानों को अपने हमले का निशाना बनाया बल्कि पाकिस्तानी वायुसेना को उलटे पैर भागने पर मजबूर भी कर दिया था। भारत सरकार ने उनकी वीरता और देश के लिए बलिदान को देखते हुए उन्हें सम्मानित किया।

2. बिश्णु श्रेस्ता, सेना मेडल

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बिश्णु श्रेस्ता भारतीय सेना के गोरखा सैनिक है जिन्होने अकेले ४० लुटेरो से एक लड़की की इज़्ज़त की रक्षा की और ट्रेन लूटने स्सी बचाया था. बिश्णु अकेले ही एक खुकुरी की मदात से हत्यरो से लैस लुटेरे सो भीड़ गये और सबको बचा लिया.

3. नायक दिगेंद्र कुमार, महावीर चक्र
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नायक दिगेंद्र कुमार ने वो कर दिखाया जिसकी आप कल्पना भी नही कर सकते. 48 पाकिस्तनिओ को अकेले ही मृत्यु सैया पे लेता दिया और अपने फौलादी जिस्म पे 18 गोलिया झेली. ये किस्सा 1999 कारगिल युद्ध का है.

4. रॉकी, BSF
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रॉकी एक बसफ़ के शाहिद जवान है जिन्होने २५ साल की उमर मे ही अपने ५० निहत्थे साथियो की जान बचाने के लिए खुद की जान दे दी.

5. कॅप्टन सौरभ कालिया
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कॅप्टन सौरभ एक बहादुर भारतीय सैनिक थे जिन्हे १९९९ कारगिल युद्ध मे बंदी बना लिया गया था और बुरी तरह से अत्याचार सहे. इतना कुछ सहने के बाद भी उन्होने भारतीय सेना के राज़ नही बताए.

6. हवलदार अब्दुल हामिद, परम वीर चक्र

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अब्दुल हामिद भारतीय सेना मे 4 ग्रेनेडियर के सिपाही थे. उन्हो ने अकेले ही पाकिस्तान के ७ पैटन टैंकों को नॅस्ट कर दिया था. पाकिस्तानी हामिद से इतना दर गये थे की ५०००० का इनाम भी उनके सिर रख दिया था.

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