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एक्टर या लेखक बनना चाहते थे मोदी, जानिए फिर क्यों उन्होंने राजनीति को चुना अपना कैरियर!

नई दिल्ली – एक गरीब परिवार में जन्मे और चाय बेचने वाले एक साधारण से इंसान से देश के प्रधानमंत्री बनने तक नरेंद्र मोदी का सफर बेहद रोचक है। वैसे तो नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उनके जीवन से जुड़ी कई बातें लोगों के सामने आई और लोगों ने देश के प्रधानमंत्री के बारे में जाना। लेकिन, कुछ बातें ऐसी भी हैं जो अभी तक बहुत कम लोगों को पता हैं। इसलिए आज हम आपको पीएम मोदी से जुड़ी कुछ रोचक बातें बतायेंगे। Facts about Prime Minister Narendra modi.

बचपन में एक्टर या लेखक बनना चाहते थें नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 5 भाई-बहन हैं। जिनमें मोदी दूसरे नंबर की संतान हैं। बहुत कम लोग जानते हैं कि नरेन्द्र मोदी को बचपन में नरिया कहकर संबोधित किया जाता था। वैसे ये बात तो पूरे देश को मालूम हो गई है कि नरेन्द्र मोदी के पिता की रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान थी। 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान वो वहां लगे शिविर में ठहरे देश के जवानों को चाय पिलाते और उनके खाने का इंतजाम किया करते थे।

क्योंकि, मोदी अपने स्कूल के दिनों में नाटकों में भाग लेते और लेखन का काम भी करते, इसलिए कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि वो बचपन में एक्टर या लेखक बनने का सपना देखते थे। नरेन्द्र मोदी ने गुजराती होने के बावजूद हिंदी में कविताएं और कहानियां लिखते थे। लेकिन, बाद में वो साधु-संतों से भी काफी प्रभावित हुए और संन्यासी बनने का भी मन बनाया।

इस वजह से उन्होंने राजनीति को चुना अपना कैरियर  

बचपन में एक्टर या लेखक बनने की चाहत रखने वाले नरेन्द्र मोदी ने बाद में राजनीति को अपना कैरियर क्यों चुना ये काफी दिलचस्प है। बात साल 1967 की है जब वो अपनी कोलकाता यात्रा के दौरान बेलूर मठ में उनकी भेंट रामकृष्ण मिशन के तत्कालीन अध्यक्ष स्वामी माधवानंद से हुई। उस वक्त उनकी उम्र महज 17 वर्ष थी। यह एक संयोग है कि नरेंद्र मोदी जिस वक्त कोलकाता की यात्रा पर थे उसी वक्त इंदिरा गांधी पहली बार देश की प्रधानमंत्री बनीं थी।

नरेंद्र मोदी 17 साल की उम्र में साल 1967 में संघ से जुड़े और संघ प्रचारक के रूप में काम कर पार्टी हाईकमान तक पहचान बनाई। मोदी को साल 2001 में गुजरात का सीएम बनाया गया। आज वो साल 2014 में प्रचंड बहुमत के साथ देश के प्रधानमंत्री का पद संभाल रहे हैं। उन्होंने अपनी प्रतिभा, लगन और कड़ी मेहनत के बदौलत पार्टी और राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई। ये संघ के सदस्य के रूप में जुड़े और अपनी मेहनत से सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ते हुए आज ये ऊंचाई हासिल की है।

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