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प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की जान को भी है खतरा

केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों, एसपीजी और एंटी-टेरर यूनिट्स ने कुछ हफ्ते पहले ही ५ अगस्त को हमलों की आशंका का ऐलान किया था. अलकायदा और आईएसआईएस द्वारा सेना और पुलिस ठिकानों पर हमले की योजना के बारे में जानकारी पहले ही भी साझा की जा चुकी है, इसलिए पुलिस ने सुरक्षा के माकूल इंतजाम किए हैं.

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद से ही लालक़िला मैं बुलेटप्रूफ मंच से भाषण देने की प्रथा बन गई थी, लेकिन २०१४ में पीएम मोदी ने १५ अगस्त को भाषण देते वक्त यह प्रथा तोड़ दी थी. इसलिए सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा के लिए वर्चुअल कवर का इस्तेमाल किया था. सुरक्षा को लेकर इस साल काफ़ी रणनीतिक तैयारियां पहले से की जा रही हैं. इस्लामिक स्टेट और अलकायदा के अलावा लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठन भी पीएम मोदी पर हमले की योजना बनाते रहे हैं.

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