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रूसी हमले के बीच अमेरिका ने किया बहुत बड़ा ऐलान, अब और बढ़ जाएगी यूक्रेन की मुसीबत

इस समय रूस और यूक्रेन का युद्ध पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। रूसी हमले के चलते यूक्रेन में हालत काफी खराब हो गए हैं। रूस, यूक्रेन के मुकाबले कही ज्यादा शक्तिशाली है। ऐसे में यूक्रेन अकेला ही रूस का मुकाबला कर रहा है। रूस के इस हमले की कई पश्चिमी देश निंदा कर रहे हैं। वे भी यही चाहते हैं कि यह युद्ध रुक जाए। खासकर अमेरिका रूस को युद्ध न करने की धमकी दे चुका है।

अमेरिका की धमकी मिलने के बावजूद रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया। ऐसे में अमेरिका ने अभी तक यूक्रेन में अपनी सेना नहीं भेजी है। बल्कि उसने ये भी साफ कर दिया है कि उसकी सेना रूस के खिलाफ यूक्रेन में नहीं लड़ेंगी।

ऐसे में सबके बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि आखिर अमेरिका रूस के खिलाफ यूक्रेन की सैन्य मदद क्यों नहीं कर रहा? वह वहाँ अपनी सेना भेजने में इतना डर क्यों रहा है? क्या उसक सभी धमकियाँ खोखली थी? चलिए जानते हैं।

यूक्रेन नहीं जाएगी अमेरिकी सेना

दरअसल हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिकी सेना यूक्रेन में रूसी सेना के साथ नहीं भिड़ेगी। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड (Linda Thomas-Greenfield) ने बताया कि बाइडेन प्रशासन ने बिल्कुल स्पष्ट कहा है कि “अमेरिका इस युद्ध में अपनी टांग नहीं अड़ाएगा। हम अपनी सेना को रिस्क में नहीं डाल सकते।”

इस बात से डर रहा अमेरिका

यूक्रेन में अमेरिकी सेना के न आने की कई वजहें सामने आ रही है। इसमें सबसे बड़ी वजह विश्व युद्ध को छिड़ने से रोकना है। यदि अमरीका ने यूक्रेन के इस युद्ध में रूस के खिलाफ जंग छेड़ी तो इस बात के काफी चांस है कि तीसरा विश्व युद्ध छिड़ जाएगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एबीसी न्यूज से बात करते कहा कि यदि रूस और अमेरिकी सेना एक-दूसरे से लड़ेगी तो विश्वयुद्ध हो जाएगा। मतलब यदि अमेरिकी सेना यूक्रेन में घुसेगी तो यह वैश्विक युद्ध में बदल जाएगा।

छिड़ सकता है विश्व युद्ध

इस मामले पर अमेरिका में रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल मार्क हर्टलिंग (Mark Hertling) कहते हैं कि “युद्ध की संभावना को सीमित करने के लिए डिप्लोमेसी सबसे बड़ी कुंजी है। लेकन इसमें कोई शक नहीं कि यूक्रेन पर रूसी हमला बेहद दुखद, अराजक और विनाशकारी है। अभी तो यह क्षेत्रीय युद्ध है, लेकिन अमेरिका या नाटो सेना रूस के खिलाफ यूक्रेन की मदद को लड़ती है तो से वैश्विक संघर्ष में बदलते देर नहीं लगेगी।”

रूस और अमेरिका दोनों के पास है परमाणु ताकत

मार्क आगे कहते हैं कि “रूस और अमेरिका दोनों के पास परमाणु हथियार हैं। यही वजह है कि अमेरिका और नाटो देश दूसरी तरह से सहायता पहुंचाकर रूस के खिलाफ यूक्रेन को जीत दिलाने की कोशिश कर रहे हैं।” बताते चलें कि अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश रूस के ऊपर कई तरह के प्रतिबंध लगा चुके हैं।

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