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‘मंगेतर गैर-लड़कियों से रिश्ते छिपाता था’ खुदखुशी करने वाली महिला अफसर की डायरी ने उगले राज

29 अक्टूबर को अयोध्या के कोतवाली नगर के खवासपुरा इलाके में 28 साल की श्रद्धा गुप्ता पंखे से लटकी मिली थी। श्रद्धा पंजाब नेशनल बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय में स्केल 1 अफसर थी। श्रद्धा के कमरे से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला था जिसमें उसने अपनी मौत का जिम्मेदार बताते हुए 3 शख्स IPS आशीष तिवारी (SSF हेड लखनऊ), अनिल रावात (पुलिस, फैजाबाद) और विवेक गुप्ता (श्रद्धा का पूर्व मंगेतर) का नाम लिखा था।

श्रद्धा के मंगेतर से हो रही पूछताछ

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इस मामले में पुलिस को अब तक कोई खास सुराग नहीं मिला है। वह श्रद्धा के पूर्व मंगेतर विवेक गुप्ता से घंटों पूछताछ कर रही है। हालांकि पुलिस ये पता नहीं लगा पा रही है कि श्रद्धा को उनका पूर्व मंगेतर किस तरह परेशान कर रहा था। पुलिस ने विवेक को शनिवार को हिरासत में लिया था।

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वहीं आईपीएस आशीष तिवारी ने अपने बयान में कहा कि उनका श्रद्धा गुप्ता से कोई लेना देना नहीं है, वह उन्हें नहीं जानते हैं। इसके अलावा अंतिम आरोपी अनिल रावत पुलिस को अभी तक मिला ही नहीं है। उन्होंने बहुत खोजा तो उन्हें इस नाम का ट्राफिक लाइन में तैनात एक अधेड़ उम्र का पुलिसकर्मी मिला हालांकि पुलिस का कहना है कि इस शख्स का श्रद्धा से कोई लेना देना नहीं लगता है। ऐसे में पुलिस के सामने ये गुत्थी और भी उलझती जा रही है।

कॉल डिटेल्स से सुराग खोजने की कोशिश कर रही पुलिस

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पुलिस इस समय श्रद्धा की कॉल डिटेल खंगाल रही है। इससे शायद उन्हें कुछ सुराग मिल जाए कि किन किन लोगों ने श्रद्धा को आत्महत्या के लिए प्रताड़ित किया था। उधर इस केस के दूसरे आरोपी और अयोध्या के पूर्व आईपीएस आशीष तिवारी ने श्रद्धा से कोई भी कनेक्शन होने से साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह किसी श्रद्धा या विवेक को नहीं जानते हैं। वे ये भी बोले कि शायद विवेक उनसे कभी मिला हो, लेकिन रोज कई लोग मिलते हैं इसलिए कुछ याद नहीं।

ऐसे में पुलिस को एक शक ये भी है कि विवेक श्रद्धा को इंप्रेस करने के लिए आशीष तिवारी के नाम का दुरुपयोग करता होगा। बताते चलें कि आईपीएस आशीष तिवारी डेढ़ साल पहले अयोध्या एसएसपी थे। अभी वे लखनऊ की स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स यानी एसएसएफ के एसपी हैं। वैसे श्रद्धा गुप्ता ने भी अपने सुसाइड नोट में आशीष तिवारी के नाम के आगे एसएसएफ हेड लखनऊ ही लिखा था।

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कमरे से मिली दो डायरियां

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जांच के दौरान पुलिस को श्रद्धा के कमरे से दो डायरियां मिली है। इसमें उसने लिखा है कि कैसे उसके विवेक से रिश्ते बिगड़ गए। आरोप है कि विवेक के दूसरी लड़कियों से रिश्ते थे जिसकी जानकारी उसने श्रद्धा को नहीं दी। जब उसकी पोल खुली तो एक के बाद एक झूठ बोलता रहा। श्रद्धा ने अपनी डायरी के एक पन्ने में साफ लिखा है कि आप विवेक गुप्ता से पूछताछ करें, सच खुद सामने आ जाएगा।

कुल मिलाकर इस केस को सुलझाने में पुलिस को पसीना आ रहा है। जहाँ विवेक गुप्ता पूछताछ में गोलमोल जवाब दे रहा है तो वहीं आईपीएस आशीष तिवारी का श्रद्धा के सुसाइड केस से कोई कनेक्शन ही नहीं मिल रहा है। इसके अलावा असली अनिल रावत कौन है, वह भी नहीं मिला है।

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