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मुंबई क्रूज ड्रग्स केस (Aryan Khan Drugs Case) में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को जमानत दिलाने के लिए अब भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने जिम्मेदारी संभाल ली है। जी हां 3 अक्टूबर को जबसे पुलिस ने आर्यन खान को गिरफ्तार किया है। लगातार शाहरुख खान एंड फ़ैमिली एड़ी-चोटी का जोर अपने बेटे को छुड़वाने में लगा रही है।
जिसके लिए ही अब शाहरुख ने तीसरे वकील का सहारा लेना उचित समझा है। गौरतलब हो कि अमित देसाई और सतीश मानशिन्दे पहले से आर्यन का केस देख रहे थे, लेकिन अब शाहरुख खान ने पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी पर विश्वास जताया है। ऐसे में आइए जानते हैं कौन हैं मुकुल रोहतगी और क्यों शाहरुख ने उनपर भरोसा जताया है।
मुकुल रोहतगी ने एनसीबी को ‘शुतुरमुर्ग’ की तरह था बताया…
बता दें कि बीते दिनों वकील मुकुल रोहतगी ने आर्यन खान को सपोर्ट किया था। सेशंस कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने से पहले मुकुल ने कहा था कि, आर्यन खान को कैद में रखने का कोई वाजिब कारण नहीं है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो एक ‘शुतुरमुर्ग’ की तरह है जिसने अपना सिर रेत में छुपाया हुआ है। मुकुल के अनुसार आर्यन को एक सेलिब्रिटी का बेटे होने की कीमत चुकानी पड़ रही है।
इसके आगे मुकुल ने कहा था कि, जमानत एक मानक है। जेल एक अपवाद है। यह मुद्दा कई साल पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुलझाया जा चुका था, क्योंकि संविधान का सबसे मजबूत फंडामेंटल राइट ‘जीने का अधिकार’ और ‘स्वतंत्रता का अधिकार’ है और यह न केवल भारतवासियों के लिए हैं, बल्कि भारत में रहने वाले विदेशियों के लिए भी है। अगर वो आर्यन को जमानत देना चाहते हैं, तो यह तुरंत दिया जा सकता है। यह पब्लिक हॉलिडेज पर भी संभव है।
एक सुनवाई का लेते हैं लगभग 10 लाख रुपए…
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुकुल रोहतगी एक सुनवाई के लिए लगभग 10 लाख रुपए की फीस चार्ज करते हैं। हालांकि 2018 में एक RTI में दिए जवाब में महाराष्ट्र सरकार ने बताया था कि उन्होंने सीनियर काउंसिल मुकुल रोहतगी को राज्य सरकार की तरफ से जज बीएच लोया केस के लिए फीस के रूप में 1.21 करोड़ रुपए दिए गए थे। रोहतगी ने तब महाराष्ट्र राज्य सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की थी।
देश के अटॉर्नी जनरल रह चुके हैं मुकुल रोहतगी…
बता दें कि मुकुल रोहतगी के पिता अवध बिहारी रोहतगी दिल्ली हाईकोर्ट के जज थे। उनको 19 जून 2014 को देश के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश का अटॉर्नी जनरल बनाया था। मुकुल 18 जून 2017 तक देश के 14वें अटॉर्नी जनरल के पद पर रहे। रोहतगी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ और देश के दिग्गज वकील हैं।
गुजरात दंगा केस में सरकार का किया था बचाव…
गौरतलब हो कि मुकुल रोहतगी ने 2002 में हुए गुजरात दंगों में राज्य सरकार का सुप्रीम कोर्ट में बचाव किया था। इसके अलावा फर्जी एनकाउंटर के आरोपों को लेकर भी उन्होंने राज्य सरकार की अदालत में पैरवी की थी। इसके अलावा वह दंगों में जली बेस्ट बेकरी, जाहिरा शेख मामला, योगेश गौड़ा मर्डर केस भी सुप्रीम कोर्ट में लड़ चुके हैं। ऐसे में अब देखने वाली बात होगी क्या वे शाहरुख के नशेड़ी बेटे को ज़मानत दिलवा पाते हैं या नहीं।