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सुअर की किडनी इंसान को लगाने में डॉक्टर्स को मिली कामयाबी, इंसान की बचेगी जान

मानव की जान बचाएगी सुअर की किडनी, वैज्ञानिकों ने किया चमत्कार। जानिए...

विज्ञान के चमत्कार को अक़्सर सभी नमस्कार करते हैं। जी हां मानव जीवन को स्वस्थ, सुरक्षित और बेहतर बनाने के लिए वैज्ञानिक हमेशा नए-नए शोध करते रहते हैं और इससे इंसान की जिंदगी में खुशहाली बढ़ती है। बता दें कि अब इसी दिशा में मेडिकल साइंस के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी कामयाबी हासिल की है, जिसकी आज की लाइफस्टाइल में बेहद जरूरत महसूस की जा रही थी।

Pig kidney transplant into human

किडनी खराब होने और उसका कोई विकल्प नहीं होने से दुनिया में यह एक बड़ी समस्या बनी हुई थी। अमेरिका के डॉक्टरों ने इस मामले में बड़ी खोज करते हुए सुअर की किडनी को इंसान के शरीर में सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया है।

बता दें कि इसकी कई तरह की जांच के बाद यह साफ हो गया कि सुअर की किडनी इंसान के शरीर में अच्छी तरह से काम कर रही है। डॉक्टरों का कहना है कि शरीर के इम्यून सिस्टम ने सुअर के अंग को तत्काल खारिज नहीं किया। इतना ही नहीं ट्रांसप्लांट की पूरी प्रक्रिया न्यूयॉर्क सिटी में एनवाईयू लैंगन हेल्थ सेंटर में की गई। वहीं डॉक्टरों के मुताबिक ट्रांसप्लांट से पहले सुअर के जीन को बदला गया था, ताकि इंसान का शरीर उसके अंग को तुरंत खारिज न करे।

Pig kidney transplant into human

गौरतलब हो कि यह पहली बार है कि किसी इंसान के शरीर में जानवर की किडनी का सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया गया है। इससे पहले जब भी ऐसे प्रत्यारोपण की कोशिश की गई, वह असफल रही। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। इससे किडनी की खराबी से पीड़ितों की जिंदगी में एक उम्मीद जगी है।

kidni stone Kidney and low back pain
बता दें कि कहा यह भी जा रहा है कि एक ब्रेन डेड मरीज की किडनी काम नहीं कर रही थी। इसके बाद उसे सुअर की किडनी लगाई गई। हालांकि यह काम करने से पहले डॉक्टरों ने मरीज के परिजनों से इसकी अनुमति मांगी थी। उसके बाद ही यह प्रयोग शुरू किया गया और अंत मे यह प्रयोग सफ़ल रहा।

Pig kidney transplant into human

वहीं आख़िर में बता दे कि इस सफलता के बाद भी अभी बहुत कुछ खोजा जाना बाकी है। डॉक्टर और शोधकर्ता चिकित्सा विज्ञानी यह पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि लंबी अवधि में इसके क्या परिणाम होते हैं। न्यूयार्क के जॉन्स हॉपकिन्स स्कूल ऑफ मेडिसिन में ट्रांसप्लांट सर्जरी के प्रोफेसर डॉ. डोर्री सेगेव ने कहा कि, “हमें अंग की लंबी उम्र के बारे में और जानने की जरूरत है।” फिर भी उन्होंने कहा है कि, “यह एक बड़ी सफलता है। जिससे भविष्य के लिए एक बड़ी उम्मीद जगी है।”

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