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टीचर ने गुस्से में बच्चे पर फेंका पेन, कोर्ट ने 1 साल के लिए जेल भेजा, 3 लाख जुर्माना भी ठोंका

एक टीचर का काम होता है बच्चों को सही राह दिखाना, उनका भविष्य बनाना। ऐसे में जब बच्चे ठीक से पढ़ाई नहीं करते, या क्लास में मस्ती करते हैं तो टीचर उन्हें डांट फटकार देते हैं। कुछ बच्चों को सबक सिखाने के लिए मारते भी हैं। अब बच्चे को मारना सही है या नहीं और किस हद तक मारना चाहिए ये एक अलग टॉपिक है। लेकिन ये बात तो तय है कि बच्चों को ऐसी भी कोई पनिशमेंट नहीं दी जानी चाहिए जिससे उनकी सेहत को कोई नुकसान हो।

आप ने नोटिस किया होगा कि बहुत से टीचरों की आदत होती है कि जब क्लास में कोई मस्ती करता है तो उसे मारने के लिए टीचर अपनी जगह से नहीं उठते हैं, बल्कि चाक या डस्टर जैसी चीजें फेंक के मार देते हैं। यह करना काफी खतरनाक भी हो सकता है। खासकर यदि टीचर कोई ऐसा ऑबजेट फेंके जो गलत जगह लगने पर बच्चों को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। यदि बच्चों को कुछ हो जाए तो टीचर की यह आदत उन्हें भारी पड़ सकती है।

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केरल में एक रिटायर्ड स्कूल टीचर को हाल ही में बच्चे को पेन फेंक कर मारने के लिए जेल हो गई। हैरत की बात ये है कि टीचर ने यह पेन बच्चे के ऊपर 16 साल पहले फेंका था। अब उन्हें एक साल की जेल और 3 लाख का जुर्माना हुआ है। यदि टीचर ये जुर्माना नहीं देती हैं तो उन्हें एक साल के अलावा तीन महीने और जेल में कांटने पड़ेंगे।

दरअसल तिरुवनंतपुरम में पोक्सो कोर्ट ने रिटायर्ड स्कूल टीचर शेरिफा शाहजहां को ये सजा सुनाई है। टीचर ने 16 साल पहले यानि 18 जनवरी 2005 को एक आठ साल के स्टूडेंट अल अमीन पर गुस्से में पेन फेंका था। छात्र अन्य बच्चों से बात कर रहा था, टीचर इस बात से नाराज हो गई और उनसे ये पेन अल अमीन के ऊपर फेंका जो सीधा जाकर उसकी बाईं आंख में लगा। इससे उसकी आंख में छेद हो गया था। उसकी आंख की सर्जरी हुई थी, लेकिन डॉक्टर आंखों की रोशनी नहीं बचा सके। अब वह एक आंख से देख नहीं पाता है।

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इस घटना के बाद स्टूडेंट के पेरेंट्स ने पुलिस में शिकायत दर्ज की थी जिसके बाद महिला टीचर को 6 महीन के लिए स्कूल से सस्पेंड कर दिया गया था। हालांकि निलंबित होने के सिर्फ एक महीने बाद ही वह स्कूल में फिर से पढ़ाने लगी थी। बच्चा जैसे जैसे बड़ा होता गया उसे अपनी टीचर की ये बात और भी ज्यादा चुभने लगी। उसने कोर्ट में टीचर के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखी। और अब उस हादसे के 16 सालों बाद कोर्ट ने आखिर टीचर को सजा सुना दी।

कोर्ट में वकील ने टीचर के खिलाफ तर्क दिया गया कि वह एक क्रूर घटना थी। उसने कहा कि ऐसे अपराध समाज में स्वीकार नहीं किए जा सकते हैं। इसलिए टीचर को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। कोर्ट ने इस बात से सहमति जताई और टीचर को एक साल और 3 लाख रुपए जुर्माना की सजा सुना दी।

वैसे इस पूरे मामले पर आपकी क्या राय है?

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