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पीएम मोदी ने किया भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को याद, आज ही के दिन इन्हें दी गई थी फांसी

शहीद दिवस के मौके पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने देश के वीर सपूतों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को याद किया है और इन्हें श्रद्धांजलि दी है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, “आजादी के क्रांतिदूत अमर शहीद वीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीदी दिवस पर शत-शत नमन। मां भारती के इन महान सपूतों का बलिदान देश की हर पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा। जय हिंद!”


आज पूरे भारत में शहीद दिवस मनाया जा रहा है और इसके साथ ही आज भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी, प्रखर चिंतक और समाजवादी राजनेता डॉ. राम मनोहर लोहिया की जयंती भी है। इसका जिक्र भी पीएम ने ट्वीट में किया और लिखा कि “महान स्वतंत्रता सेनानी और समाजवादी चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया जी को उनकी जयंती पर सादर श्रद्धांजलि। उन्होंने अपने प्रखर और प्रगतिशील विचारों से देश को नई दिशा देने का कार्य किया। राष्ट्र के लिए उनका योगदान देशवासियों को प्रेरित करता रहेगा।”

भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का इतिहास

भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए अंग्रेज पुलिस अधिकारी जेपी सांडर्स की हत्या कर दी थी। जिसके कारण इन्हें फांसी दी गई थी। सितंबर 1907 में बंगा, पाकिस्तान में जन्में भगत सिंह को 23 मार्च 1931 में लाहौर सेंट्रल जेल में फांसी दी गई थी। भगत सिंह जी को जब फांसी दी गई थी। उस समय इनकी आयु 23 वर्ष की थी। कहा जाता है कि जिस वक्त तीनों को फांसी दी जा रही थी। उस समय जेल के सारे कैदी रो रहे थे। इनको फांसी देने की जानकारी बेहद ही कम लोगों को थी और फांसी देने के बाद सतलुज नदी के किनारे गुप-चुप तरीके से इनके शवों को ले जाया गया था।

फांसी से पहले पढ़ रहे थे किताब

भगत सिंह फांसी वाले दिन लेनिन की जीवनी पढ़ रहे थे। जेल में रहने वाले पुलिसवालों ने उन्हें बताया कि उनकी फांसी का समय हो चुका है। इसपर भगत सिंह ने कहा कि रुकिए पहले एक क्रांतिकारी दूसरे क्रांतिकारी से मिल तो ले। वहीं कुछ समय तक किताब पढ़ने के बाद इन्होंने इसे बंद कर दिया। इसे अपनी छत की और उछाल दिया और बोले, ‘ठीक है, अब चलिए।

आज ट्विटर पर शहीद दिवस, भगत सिंह ट्रेंड कर रहा है और यूजर्स की कई तरह की प्रतिक्रियां भी आ रही हैं। हर यूजर्स अपने-अपने तरीके से भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत को याद कर रहा है।

डॉ. राम मनोहर लोहिया का जन्मदिवस

23 मार्च को समाजवादी नेता डॉ. राम मनोहर लोहिया का जन्मदिवस भी है। डॉ. लोहिया का जन्म अकबरपुर जिले में हुआ था और ये आजादी के आंदोलन में काफी सक्रिय थे। डॉ. लोहिया ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के खिलाफ चुनाव लड़ा था। ये लगातार दो बार 1952 और 1957 में फूलपुर से सांसद भी चुने गए थे।

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