स्वास्थ्य

सब्जियों से ज्यादा पोषक तत्व और गुण छुपे है इन बीजों में, रोजाना सेवन से नहीं होगी कोई बीमारी

हम में से अमूमन सभी लोग अपनी ही पसंद का खाना खाना पसंद करते है. चाहे उसमे पोषक तत्वों की मात्रा न के बारबार हो. हमें सिर्फ उसमे मौजूद स्वाद से मतलब होता है. इसके साथ ही कुछ लोग ऐसे भी होते है जो हरी सब्जियों का भरपूर सेवन करते है. बावजूद इसके उन्हें सभी पोषक तत्व नहीं मिल पाते. यह सभी पोषक तत्व आपको बीजों से मिल सकते है.

कई लोग सोच रहे होंगे कि आखिर बीच तो सिर्फ पौधा उगाने के काम आता है. लेकिन हम आपको बताने वाले है बीचों के ऐसे फायदे जो आपको हैरान कर देंगे और उनका नियमित सेवन आपको स्वस्थ बना सकता है. चिया, अलसी, तिल, कद्दू, और सूरजमुखी के बीज कई तरह से इंसान को फायदा पहुंचाते हैं. अलसी बीपी और ब्लड शुगर कंट्रोल करने में बेहद कारगर है. वहीं चिया सीड्स दिल के रोगों का खतरा घटाते हैं और तिल आर्थराइटिस के मरीजों के लिए लाभदायक हैं.

चिया सीड्स के कई गुण काफी हद तक अलसी के बीज की तरह ही हैं. चिया सीड्स में फायबर, प्रोटीन, ओमेगा-3 फैट, मैग्नीशियम के साथ एंटीऑक्सीडेंट पॉलिफिनॉल मौजूद रहता है. एक शोध के मुताबिक टाइप-2 डायबिटीज का सामना कर रहे मरीजों को 37 ग्राम चिया सीड्स 12 हफ्तों तक रोज देने पर ब्लड शुगर में कमी मापी गई है. इसक साथ ही शरीर में सूजन बढ़ाने वाले रसायनों का स्तर भी घटा है. शोध के मुताबिक इसमें मौजूद ओमेगा-3 ब्लड शुगर को घटाने के साथ दिल की बिमारियों को भी कंट्रोल करता है.

चिया सीड्स के बीजों को जूस में भिगोकर, स्मूदीज में मिलाकर और दही के साथ सेवन किया जा सकता है. इसमें विटामिन-बी, फायबर, प्रोटीन, मैग्नीशियम और ओमेगा-3 फैट के अलावा लिगनेंस भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है. लिगनेंस ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करने में काम आता है. इसके अलावा 50 ग्राम तिल रोजाना खाने से आप बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को कण्ट्रोल कर सकते है.

अगर आपको आर्थराइटिस है तो तिल का तेल अवश्य ही इस्तेमाल करे. वह इस बीमारी में होने वाले दर्द को कम करता है. आप तिल को सब्जी में डालकर या गुड़ और तिल की चिक्की बनाकर खा सकते है. आप इसे सूखा रोस्ट करके भी खा सकते है. अलसी ब्लड प्रेशर को बढ़ने नहीं देती और दिल की बीमारियों का खतरा कम करती है. यह फायबर अधिक होने के कारण बैड कोलेस्ट्रॉल को रोकती है और आंतों में सूजन होने का खतरा भी घटाती है. सूरजमुखी के बीजों में प्रोटीन और विटामिन-ई अच्छी मात्रा में पाई जाती है. इससे भी शरीर की सूजन कम होती है.

एक शोध के मुताबिक जिन महिलाओं ने कद्दू और सूरजमुखी के बीजों का सेवन किया उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा काफी कम है. कद्दू के बीजों को ऑलिव ऑयल में भूनकर सेवन किया जा सकता है. कद्दू के बीजों में मौजूद फायटोस्टेरॉल्स ब्लड कोलेस्ट्रॉल को रोकने में मदद करता है. एक रिसर्च के अनुसार, कद्दू के बीज ब्लैडर में स्टोन का जोखिम भी कम करते हैं. इन सको खाने से पहल यह बात ध्यान रखे की इनका सेवन सीमित मात्रा में ही करे. रोजाना 25 ग्राम से अधिक अलसी खाने पर सिरदर्द, सांस लेने में दिक्कत और बेचैनी की शिकायत हो सकती है.

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