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अक्षरधाम मंदिर पहुंचे पीएम मोदी-टर्नबुल, किया ऐसा काम की ‘सेक्युलरों’ को आ जाएगा ‘हार्ट अटैक’!

नई दिल्ली 2015 में पदभार ग्रहण करने के बाद ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्‍कम टर्नबुल इन दिनों भारत की यात्रा पर हैं। आज उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ दिल्ली मेट्रो में सफर का लुत्फ उठाया। दोनों देशों के पीएम मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन से मेट्रो में सवार हो अक्षरधाम मंदिर पहुंचे। इस मेट्रो यात्रा के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। लोगों को इस बात की खबर मिलते ही अक्षरधाम मंदिर के आस – पास भारी भीड़ जमा हो गई और पीएम मोदी को देख लोगों ने जमकर नारेबाजी की। Pm Modi and Malcolm turnbull.

मेट्रो की सवारी कर अक्षरधाम पहुंचे दोनों नेता –

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनिया भर में प्यार और प्रशंसा मिली। उन्होंने दुनिया भर के नेताओं से सम्मान पाया, लेकिन अभी भी कुछ बुद्धिजीवी और तथाकथित ‘धर्मनिरपेक्ष’ यानि ‘सेक्यूलर’ हमारे देश का तिरस्कार करते हैं। ये ‘सेक्यूलर’ प्रधानमंत्री मोदी पर “सांप्रदायिक” यानि “कम्यूनल” होने का आरोप लगाते हैं, जबकि इसमें कितनी सच्चाई है इसे पूरी दुनिया जानती है। लेकिन, आज कुछ ऐसा हुआ है जिससे इन ‘सेक्यूलरों’ की नींदे उड़ जाएंगी।

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल द्विपक्षीय वार्ता और दोनों देशों के बीच संबंधों को और बेहतर बनाने के लिए भारत की 4 दिवसीय यात्रा पर आए हैं। दोनों नेता आज दिल्ली मेट्रो में सवारी कर अक्षरधाम मंदिर पहुंचे। इस दौरान ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने अपना फोन निकाला और प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक सेल्फी भी ली।

 अक्षरधाम मंदिर में ऑस्‍ट्रेलियाई पीएम ने की पूजा

Pm Modi and Malcolm turnbull

दोनों नेताओं ने अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन पर उतर कर अक्षरधाम मंदिर का दौरा किया। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने अक्षरधाम मंदिर में पूजा की। अक्षरधाम मंदिर में पूजा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी और मैल्कम टर्नबुल की यह फोटो उन ‘सेक्यूलरों’ को बिल्कुल हजम नहीं होगी जो हमेशा हिंदू प्रथाओं का विरोध करते हैं और हर चीज में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का आरोप लगाने का प्रयास करते हैं।

हमें आश्चर्य नहीं होगा अगर ये ‘सेक्यूलर’ पीएम मोदी पर ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री को “सांप्रदायिक” बनाने का आरोप लगा दें। आपको बता दें कि मैल्कम टर्नबुल सितंबर 2015 में ऑस्ट्रेलिया के पीएम बने थे, उसके बाद यह उनका पहला भारत दौरा है। हालांकि वे पीएम मोदी से 2015 में जी-20 समिट और 2016 में हुई ब्रिक्स समिट के दौरान मिल चुके हैं।

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