राजनीति

मांस-मछली खाने के लिए लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव ने बदल दिया अपना ‘भगवान’!

पटना – बिहार के स्वास्थ्य मंत्री और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव ने मांस-मछली खाने के लिए अपना भगवान बदल लिया है। हमारे सूत्र ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया है कि मंत्री महोदय की ‘अध्यात्मिक’ आस्था मांसाहारी भोजन की तरफ बढ़ते आकर्षण के कारण बदल गई है। यह विश्वसनीय सूत्र, मंत्री महोदय का मित्र है, जिसकी इस मसले पर प्रतिक्रिया, ‘‘ससुरा जीभ जो न करा दे’’ थी। कुछ दिन पहले कृष्ण की भक्ति में सराबोर मंत्री जी ने एक फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की थी, लेकिन मांस-मछली के चक्कर में अब उनके लेटेस्ट भगवान देवों के देव महादेव हो गए हैं। Tej pratap became non vegetarian.

तेज प्रताप यादव ने छोड़ दी कृष्ण भक्ति –

तेज प्रताप यादव के मित्र ने खुलासा किया है कि ‘‘मंत्री महोदय को मुर्ग-मुस्सलम खाने का जबरदस्त चस्का लग गया है।’’ इसी चस्के के बीच उनको एक साधु मिल गया जिसने मंत्री महोदय को समझाया और सावधान किया कि भगवान कृष्ण की भक्ती करनी है तो नॉनवेज न ग्रहण करें, अनिष्ट होगा। इसी साधु महात्मा ने लगे हाथ सलाह भी दे डाली कि मांस खाना है तो भगवान ही बदल लें।

फिर क्या था मंत्री जी तो मांस खाना छोड़ नहीं सकते थे, इसलिए भगवान ही बदल डाला। उसी महान साधु की सलाह पर मंत्री जी ने अपनी गर्दन से भगवान कृष्ण के प्रतीक कंठी को उतार फेंका। शायद आपको याद हो कि पिछले महीने महाशिवरात्रि  के अवसर पर तेज प्रताप यादव ने शिव रूप में एक वीडियो और कई पोस्ट शेयर कर शिव के प्रति अपनी भक्ति जाहिर की थी।

मांसाहार के लिए अब महादेव को पूजेंगे तेज प्रताप –

मांस-मछली खाने के लिए कृष्ण भक्ति छोड़ने के बाद तेज प्रताप यादव के एक खास चेले ने भोलेनाथ की नगरी काशी से 10 हजार रूपए का शिवलिंग भी खरीद कर उन्हें दिया है। मंत्री महोदय के भगवान बदलने के बाद वृंदावन से पीतल का त्रिशूल और डमरू भी लाया गया है। फिलहाल शिवलिंग, त्रिशूल तथा डमरू को उनकी मां और बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास में स्थित मंदिर में रखा गया है।

आपको बता दें कि मंत्री बनने के बाद तेज प्रताप ने 3 सरकुलर रोड पर अपने नाम से एक भव्य बंगला लिया है। मांसाहारी अवतार में आने के बाद बिहार के स्वास्थ्य मंत्री व लालू यादव की आंखों के तारे तेज प्रताप श्रृंगार रस के जबरदस्त प्रेमी भी हो गए हैं। उनके आवास में गांव की स्टाइल में लकड़ी व कुश से अति सुन्दर मड़ई बनवाई गई है। जिसमें एक खटिया और कुछ कुर्सियां भी रखी हैं।

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