अध्यात्म

तिजोरी खाली हो रही हैं तो घर ले आए ‘लक्ष्मी चरण पादुका’, जाने इसके लाभ और रखने का सही स्थान

हिंदू धर्म में माँ लक्ष्मी को धन की देवी माना गया हैं. ऐसी कहा जाता हैं कि जिस भी व्यक्ति के ऊपर माँ लक्ष्मी की आशीर्वाद होता हैं उसके जीवन में धन से जुड़ी कोई भी समस्यां नहीं आती हैं. इसलिए माँ लक्ष्मी आपके घर की दरिद्रता दूर करने के लिए भी जानी जाती हैं. मान्यता हैं कि जिस घर में माँ लक्ष्मी की पूजा पाठ होती हैं वहां धन – वैभव और सुख – शान्ति का आगमन होता हैं. यही वजह हैं कि भक्त भी लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय आजमाते हैं. ऐसे में आज हम आपको घर की गरीबी दूर करने और धन की प्राप्त करने का बहुत ही आसान और कारगर उपाय ‘Lakshmi Charan Paduka’  बताने जा रहे हैं.

यहाँ रखे लक्ष्मी चरण पादुका (Lakshmi Charan Paduka)

माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आप घर, ऑफिस या दूकान में ‘लक्ष्मी चरण पादुका’ रख सकते हैं. इसे रखने के लिए दो स्थान सबसे उचित होते हैं. पहला इसे आप पूजा घर के समीप रखे. ऐसे में इसकी यहाँ निरंतर पूजा पाठ भी होती रहेगी. दूसरा स्थान घर की तिजोरी या अलमारी होती हैं. अर्थात वह स्थान जहाँ आप अपने पैसे और गहने रखते हैं. इन जगहों पर लक्ष्मी चरण पादुका रखने से आपको कई सारे लाभ मिलते हैं. यहाँ उस एरिया की सकारातमक ऊर्जा बढ़ा देती हैं. गौरतलब हैं कि माँ लक्ष्मी वहां जल्दी अकार्षित होती हैं जहाँ पॉजिटिव उर्जा का लेवल अधिक होता हैं.

लक्ष्मी चरण पादुका के लाभ

घर या किसी अन्य जगह लक्ष्मी चरण पादुका (lakhmi Charan Paduka) रखना शुभ माना जाता हैं. ये अष्ट धातु से मिलकर बनी होती हैं. इसे जिस भी स्थान पर रखा जाता हैं वहां की सभी समस्याएं ख़त्म हो जाती हैं. इसे घर में रखने से ना सिर्फ पैसो की आवक बढ़ जाती हैं बल्कि सुख और शान्ति भी मिलती हैं. इससे घर में प्रेम भाव बढ़ता हैं. यदि आप इसे अपने ऑफिस में रख ले तो बिजनेस में फायदा होने लगता हैं. वहीं दूकान के अंदर रखने से ग्राहकों की संख्या बढ़ जाती हैं और बिक्री अधिक होती है. इस चरण पादुका से घर में रह रहे लोगो का माइंड भी पॉजिटिव दिशा में वर्क करता हैं. सभी अपनी पढ़ाई या जॉब पर ज्यादा फोकस करते हैं. ये घर के अंदर की नेगेटिव और बुरी शक्तियों को भी नष्ट करती हैं. इस तरह इसे अपने पास रखने के कई लाभ होते हैं. इससे आपकी खाली तिजोरी धीरे धीरे भर भी सकती हैं.

लक्ष्मीजी के चरण पादुका में हैं 16 शुभ चिह्न

शास्त्रों के अनुसार माँ लक्ष्मी के चरणों में सोलह शुभ चिह्न होते हैं. अर्थात लक्ष्मीजी के प्रत्येक चरण में आठ चिह्न होते हैं. यही वजह हैं कि उन्हें अष्ट लक्ष्मी भी कहा जाता हैं. यह दोनों पाँव सोलह कलाओं के प्रतीक माने जाते हैं. इसी से माँ लक्ष्मी षोडशी भी कहलाती हैं. अन्नमया, प्राणमया, मनोमया, विज्ञानमया, आनंदमया, अतिशयिनी, विपरिनाभिमी, संक्रमिनी, प्रभवि, कुंथिनी, विकासिनी, मर्यदिनी, सन्हालादिनी, आह्लादिनी, परिपूर्ण और स्वरुपवस्थित माँ लक्ष्मी की सुलह कलाएं हैं.

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