बॉलीवुड

पहले दिन ही बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी छपाक, देखने वाले हुए निराश

दीपिका पादुकोण इन दिनों बहुत ज्यादा सुर्खियाँ बटोर रही हैं. जैसा कि आप सभी जानते हैं कल दीपिका की फिल्म ‘छपाक’ रिलीज हुई हैं. ऐसे में पहले दिन ही इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर मुंह की खानी पड़ गई. दरअसल सूत्रों के अनुसार फिल्म ने पहले दिन सिर्फ 4.75 करोड़ की कमाई ही करी जबकि इस फिल्म के साथ ही रिलीज हुई ‘तान्हाजी: द अनसंग वोरियर’ ने पहले दिन 16 करोड़ रुपए की कमाई कर डाली. बता दे कि छपाक फिल्म देशभर में 1200 स्क्रीन्स पर रिलीज हुई हैं जबकि तान्हा जी 2700 स्क्रीन्स पर लगी हैं. हालाँकि जिस वजह से दीपिका की छपाक को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ वो हैं उनका जेएनयू के छात्रों के साथ सपोर्ट में खड़ा रहना. जेएनयू के स्टूडेंट्स का सपोर्ट करने की वजह से दीपिका से कई लोग नाराज हुए थे. आलम ये था कि ट्विटर पर #BoycottChhapaak ट्रेंड होने लगा था.

फिर कल जब दिल्ली पुलिस ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में जेएनयू में हुई हिंसा में लेफ्ट विंग के 9 सदस्यों के नाम उजागर किये तो लोगो का गुस्सा और भी फूट पड़ा. बता दे कि इस नाम में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष का नाम भी था. ये वही लड़की हैं जिसके बगल में दीपिका खड़ी हुई थी. कई लोगो का मानना हैं कि दीपिका का जेएनयू जाना उनकी पीआर टीम का प्रमोशन स्टंट था. उन्होंने सोचा होगा कि वहां जाकर फिल्म को प्रमोशन मिल जाएगा. लेकिन अब दीपिका की पीआर टीम का ये निर्णय उनके उपर ही भारी पड़ गया. कई लोगो ने इस कारण दीपिका की ‘छपाक’ फिल्म नहीं देखी. इसी के साथ ट्विटर पर #DeepikaPRBackfires भी ट्रेंड होने लगा.

फिल्म का सिर्फ कलेक्शन ही कम नहीं रहा बल्कि गूगल स्कोर और IMBD पर फिल्म की रेटिंग भी बहुत कम रही. मसलन दीपिका की फिल्म छपाक को गूगल रिव्यु स्कोर पर 2.6/5 जबकि IMDV रिव्यु पर 4.2/10 रेटिंग मिली. इसके साथ ही ट्विटर पर फिल्म देखने वाले लोगो के रिएक्शन भी आए. किसी ने इस फिल्म को ‘वेस्ट ऑफ़ टाइम’ बताया तो किसी ने कहा कि ‘दीपिका की एक्टिंग में कोई दम नहीं था.’ वहीं एक यूजर का कहना था कि ‘दीपिका का अभिनय और फिल्म के डायलाग अच्छे थे लेकिन ओवरआल फिल्म अच्छी नहीं थी. पहला हाफ गुड था जबकि दूसरा हाफ बेकार था.’ वहीं कुछ यूजर ने ये भी लिखा कि ‘दीपिका की फिल्म बकवास थी आप अजय देवगन की तान्हा जी देखिये.’

एक यूजर लिखता हैं कि ‘मुझे खुद पर गुस्सा आ रहा हैं कि मैं ये फिल्म देखने क्यों गया. राजनैतिक स्टंट की वजह से ये फिल्म ओवररेटेड रही. मैं दीपिका को सपोर्ट करने थिएटर गया था लेकिन मुझे निराशा ही मिली.’ वहीं दुसरे यूजर ने लिखा कि ‘मेरे पैसे बर्बाद हो गए. दीपिका लक्ष्मी अग्रवाल का रोल कर बस सहानुभूति चाहती हैं. फिल्म का कांसेप्ट अच्छा था लेकिन फिल्म बेकार बनी हैं. फिल्म में बहुत सारे इम्प्रूवमेंट की जरूरत हैं.’

बस इसी तरह की और भी प्रतिक्रियाएं दीपिका की छपाक को लेकर आ रही हैं. वैसे आप लोगो को ये फिल्म कैसी लगी हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताए.

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