स्वास्थ्य

फंगल इन्फेक्शन के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज

फंगल इन्फेक्शन के कारण : फंगल इन्फेक्शन शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। फंगल इन्फेक्शन होने पर प्रभावित जगह पर खुजली, दर्द और लालपन आ जाता है। फंगल इन्फेक्शन का अगर सही समय रहते ही इलाज ना किया जाए तो यह फैल जाता है और शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो जाता है। इसलिए फंगल इन्फेक्शन होने पर आप इसे अनदेखा ना करें।

फंगल इन्फेक्शन क्या होता है, इसके कारण, लक्षण और इसके घरेलू इलाज क्या हैं, यह आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताने जा रहे हैं।

फंगल इन्फेक्शन क्या है

फंगल इन्फेक्शन के कारण

फंगल इन्फेक्शन आमतौर पर हाथों और पैरों की उंगलियों के बीच में, सिर पर, बालों पर और नाखूनों पर होता है। हवा, पानी और मिट्टी में फंगस मौजूद होती है और जब यह फंगस शरीर के संपर्क में आती है तो संक्रमण हो जाता है। संक्रमण होने पर लाल रंग के दाने निकल जाता हैं और इनमें बेहद ही खुजली होने लगती है।

फंगल इन्फेक्शन के प्रकार

आमतौर पर फंगल इन्फेक्शन चार तरह का होता है, जो कि स्किन फंगल इन्फेक्शन, नेल फंगल इन्फेक्शन, यीस्ट इन्फेक्शन और माउथ फंगल इन्फेक्शन है। आइए विस्तार में इन चारों फंगल इन्फेक्शन के कारण और लक्षण के बारे में जानते हैं।

स्किन फंगल इन्फेक्शन के कारण

फंगल इन्फेक्शन के कारण

स्किन फंगल इन्फेक्शन त्वचा में होता है और यह इन्फेक्शन होने पर त्वचा पर दाद यानी रिंगवर्म हो जाते हैं। स्किन फंगल इन्फेक्शन होने पर त्वचा लाल हो जाती है और इसमें खूब खुजली होती है। जब वायु में मौजूद फंगस त्वचा के संपर्क में आते हैं तब स्किन इंफेक्शन हो जाता है। स्किन फंगल इन्फेक्शन हाथों-पैरों, गुप्तांग और स्कैल्प में अधिक होता है।

स्किन फंगल इन्फेक्शन के लक्षण

स्किन फंगल इन्फेक्शन होने पर नीचे बताए गए लक्षण देखने को मिलते हैं –

  • त्वचा में खुजली होना और त्वचा का लाल पड़ जाना
  • त्वचा का पपड़ीदार बनना
  • सिर की त्वचा पर यह इंफेक्शन होने पर बालों पर बुरा असर पड़ता है और बाल झड़ने लग जाते हैं।

ऊपर बताए गए लक्षण दिखने पर आप समझ जाएं की आपको स्किन फंगल इन्फेक्शन हो गया है।

नेल फंगल इन्फेक्शन के कारण

फंगल इन्फेक्शन के कारण

जो दूसरे प्रकार का फंगल इन्फेक्शन होता है वो नाखूनों से जुड़ा होता है। नाखूनों पर होने वाले फंगल इंफेक्शन को ओनिकोमाइकोसिस (onychomycosis) के नाम से जाना जाता है। नेल फंगल इन्फेक्शन के कारण प्रदूषित मिट्टी और पानी। कई बार पानी में या मिट्टी में काम करते हुए पानी और मिट्टी में मौजूद फंगस नाखून के संपर्क में आ जाती है जिससे यह इंफेक्शन हो जाता है।

नेल फंगल इन्फेक्शन के लक्षण

नेल फंगल इन्फेक्शन होने पर नेल पर क्या प्रभाव पड़ता है वो इस प्रकार है-

  • नाखून का रंग बदलना और इनका पीला, भूरा और हरा पड़ जाना।
  • नाखून का मोटा होना और इनका फट जाना।

कैंडिड या यीग्स फंगल इन्फेक्शन के कारण

फंगल इन्फेक्शन के कारण

यीग्स फंगल इन्फेक्शन के कारण साफ सफाई में नहीं रहना है। कैंडिड फंगल इंफेक्शन गुप्तांग और आंत में होता है। यह इंफेक्शन साफ-सफाई में ना रहनें की वजह से अधिक होता है। दरअसल साफ-सफाई ना होने पर हवा में फंगस बढ़ जाती है और यह इंफेक्शन हो जाता है।

कैंडिडा फंगल इन्फेक्शन के लक्षण

  • असामान्य स्राव
  • दर्द होना

मुंह, गले में कैंडिड संक्रमण

कैंडिड फंगल इंफेक्शन मुंह और गले में भी होता है और इन जगह पर कैंडिड फंगल इंफेक्शन होने के कई सारे कारण होते हैं। वहीं इस इंफेक्शन को ऑरोफरीन्जियल कैंडिडिआसिस (oropharyngeal candidiasis) के नाम से भी जाना जाता है।

संक्रमण के लक्षण

  • मुंह में रुई जैसा अहसास होना।
  • भोजन करते समय दर्द होना।
  • रेश और लालपन।

फंगल इन्फेक्शन के घरेलू इलाज

फंगल इन्फेक्शन यानी दाद होने पर आप नीचे बताए गए नुस्खों को आजमाकर देंखें। इन नुस्खों की मदद से दाद की समस्या सही हो जाती है। यह घरेलू इलाज फंगल इंफेक्शन को कुछ ही घंटों में दूर कर देते हैं।

लहसुन

फंगल इन्फेक्शन के कारण

लहसुन के अंदर मौजूदा गुण फंगल इन्फेक्शन को सही करने का कार्य करते हैं। फंगल इन्फेक्शन होने पर आप तीन लहसुन की कलियां लेकर उन्हें कद्दूकस कर लें। इसके बाद इसके अंदर नारियल का तेल मिला लें और इसे गैस पर गर्म करने के लिए रख दें। 5 मिनट तक इस तेल को गर्म कर लें और हल्का ठंडा होने पर आप इस तेल को छान कर संक्रमित वाली जगह पर लगा लें। रोज तीन बार ये प्रक्रिया करें आपका फंगल इन्फेक्शन सही हो जाएगा। (और पढ़ें – लहसुन के फायदे)

दही

फंगल इन्फेक्शन के कारण

दही की मदद से भी फंगल इन्फेक्शन सही किया जा सकता है। दही के अंदर लैक्टोबैसिलस (Lactobacillus) और एंटी-फंगल गुण पाए जाते हैं जो कि इन्फेक्शन को सही करने का कार्य करते हैं। इन्फेक्शन होने पर आप  दही के अंदर थोड़ा सा शहद मिला दें। फिर जिस जगह पर फंगल इन्फेक्शन हुआ है उस जगह पर इसे लग दें। रोजाना दही लगाने से फंगल इन्फेक्शन सही हो जाएगा और आपको दर्द, खुजली और लालपन से आराम मिल जाएगा।

टी ट्री ऑयल

फंगल इन्फेक्शन के कारण

टी ट्री ऑयल के अंदर एंटी-फंगल और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो कि फंगल इन्फेक्शन को सही करने का कार्य करते हैं। इसलिए फंगल इन्फेक्शन  होने पर आप टी ट्री ऑयल का प्रयोग करें। संक्रमण वाली त्वचा पर टी ट्री ऑयल लगाने के लिए आप थोड़े से टी ट्री ऑयल मेंं नारियल का तेल मिला दें। फिर इसे सूती के कपड़े या रुई की मदद से प्रभावित जगह पर लगाकर छोड़ दें। रोज तीन बार इसे त्वचा पर लगाने से  फंगल इन्फेक्शन दूर हो जाता है और आपको इससे राहत मिल जाती है।

सेब का सिरका

फंगल इन्फेक्शन के कारण

फंगल इन्फेक्शन को सही करने में सेब का सिरका भी फायदेमंद साबित होता है और इसे लगाने से फंगल इन्फेक्शन सही हो जाता है। फंगल इन्फेक्शन  होने पर आप  एक चम्मच सेब का सिरका आधे कप पानी में मिला लें और इससे अपनी त्वचा को धो लें। ऐसा करने से फंगल इन्फेक्शन दूर हो जाएगा। दरअसल सेब का सिरका एंटी-फंगल गुणों से भरपूर होता है और इसे फंगल संक्रमण सही करने के लिए उपयोगी माना जाता है।

क्रैनबेरी जूस

फंगल इन्फेक्शन के कारण

क्रैनबेरी जूस का सेवन करने से फंगल इन्फेक्शन सही हो जाता है। इसलिए आप चाहें तो फंगल इन्फेक्शन होने पर रोज एक गिलास क्रैनबेरी जूस का सेवन भी कर सकते हैं। क्रैनबेरी जूस में एंटी-फंगल गुण होते हैं जो कि संक्रमण फैलाने वाले फंगस को खत्म कर देते हैं।

अदरक का रस

आप अदरक के रस को एक कप पानी में मिला दें। फिर इस पानी को आप अच्छी तरह उबाल लें। जब ये पानी ठंडा हो जाए तो आप इसे रूई की मदद से इसे संक्रमित त्वचा पर लगा लें। दिन में तीन बार इस पानी को अपनी त्वचा पर लगाएं।

फंगल इन्फेक्शन के कारण

इसके अलावा आप चाहें तो अदरका का जूस भी पी सकते हैं। अदरक का जूस पीन से भी संक्रमण सही हो जाता है और संक्रमण फैलाने वाले फंगस खत्म  हो जाते हैं।

एलोवेरा का जूस

फंगल इन्फेक्शन के कारण

एलोवेरा में एंटी-फंगल गुण होते हैं जो कि फंगल इन्फेक्शन को सही कर देते हैं और इसे त्वचा पर लगाने से खुजली और लालापन से भी आपको राहत मिल जाती है।एलोवेरा जेल को आप संक्रमित त्वचा पर लगा लें और 20 से 30 मिनट तक इसे लगाएं रखें। जब ये सूख जाएं तो आप इसे साफ पानी की मदद से धो लें।

जैतून का तेल

फंगल इन्फेक्शन के कारण

जैतून तेल भी फंगल इन्फेक्शन को सही करने में कारगर साबित होता है और इसे लगाने फंगल इन्फेक्शन तुरंत सही हो जाता है। फंगल इन्फेक्शन होने पर आप रुई की मदद से जैतून का तेल प्रभावित त्वचा पर लगा लें।

हल्दी के औषधीय गुण

फंगल इन्फेक्शन के कारण

एक चम्मच हल्दी में आप पानी मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर लें और इस पेस्ट को आप संक्रमित त्वचा पर लगा ले। 15 मिनट तक इस पेस्ट को लगा रहने दें और जब यह सूख जाए तो आप गुनगुने पानी से त्वचा को धो लें। हल्दी में एंटी-माइक्रोबियल तत्व होते हैं जो कि फंगल को सही कर देते हैं और आपको खुजली और दर्द से भी आराम मिल जाता है।

नीम की पत्तियां

फंगल इन्फेक्शन के कारण

आप कुछ नीम की पत्ती लेकर उन्हें अच्छे से पीस लें और इस लेप को अपनी त्वचा पर लगा लें। इसके अलावा आप चाहें तो नीम के पानी का प्रयोग भी कर सकते हैं। आप नीम के पत्तों को पानी में डालकर पानी को अच्छे से उबाल लें। जब ये पानी ठंडा हो जाए तो इसे छान लें। इसके बाद आप इस पानी से अपनी त्वचा को साफ कर लें। अगर आपको नाखून में फंगल इंफेक्शन हुआ है तो आप अपनी उंगलियों को नीम के पानी में 15 मिनट तक रखें। ऐसा करने से फंगल इंफेक्शन सही हो जाएगा और आपको संक्रमण से आराम मिल जाएगा।  इसके अलावा आप चाहें तो नीम के पत्तों का सेवन भी कर सकते हैं। (और पढ़ें – नीम के औषधीय गुण)

अमरूद की पत्तियां

फंगल इन्फेक्शन के कारण

पानी में आप 15-20 अमरूद की पत्तियां डाल दें और इस पानी को अच्छे से उबाल लें। इस पानी को ठंडा कर इसे छान लें। फिर इस पानी से आप संक्रमित जगह को साफ कर लें। ऐसा करने से फंगल इन्फेक्शन सही हो जाएगा। दरअसल आयुर्वेद में अमरूद की पत्तियां का ही इस्तेमाल फंगल इन्फेक्शन को सही करने के लिए किया जाता है। (और पढ़ें – अमरुद के पत्ते के फायदे)

रखें इन बातों का ध्यान

फंगल इन्फेक्शन से बचाव करना बेहद ही आसान है और इससे बेचने के लिए आप नीचे बताई गई बातों का पालन करें।

  • हमेशा साफ बाथरूम या टॉयलेट का ही प्रयोग करें और कभी भी नंगे पैर बाथरूम में ना जाएं।
  • रोज नहाया करें और अपने कपड़ों के बदला करें।
  • गीले कपड़ों में अधिक देर ना रहें और इन्हें तुरंत बदल लें।
  • पसीने वाले कपड़ों में ज्यादा देर ना रहें।

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