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जम्मू कश्मीर में अफरातफरी के माहोल की हो सकती हैं ये 5 बड़ी वजहें

इन दिनों जम्मू कश्मीर में अफरा तफरी का माहौल हैं. घाटी में अचानक से भारतीय सैनिको की तादाद बढ़ने लगी हैं जिसकी वजह से राजनितिक दल भी सतर्क हो गए हैं. आखिर ये क्या माजरा हैं इस बात पर तरह तरह के सवाल उठाना शुरू हो गए हैं. पहले ये जानकारी थी कि अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले के इनपुट मिले हैं जिसकी वजह से सेना बल बढ़ाए गए और यात्रियों को भी वापस जाने को कहा गया. हालाँकि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने इस बात पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा यदि यही कारण हैं तो फिर गुलमर्ग के होटलों और श्रीनगर के एनआईटी को क्यों खाली करवाया जा रहा हैं. ऐसे में मामला थोड़ा गंभीर भी लग रहा हैं और सवाल अभी भी यही बना हैं कि आखिर सेना के इतनी ज्यादा संख्या में आने की वजह क्या हो सकती हैं. ऐसे में इन सबके पीछे ये 5 संभवतः वजहें हो सकती हैं.

आर्टिल 35ए और 370 का खात्मा

अभी तक भारतीय संविधान के आर्टिकल 35ए और 370 की वजह से जम्मू और कश्मीर को एक स्पेशल स्टेट्स का ओहदा मिला हुआ था. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा हैं कि सरकार जल्द ही इन दोनों ही आर्टिकल को ख़त्म कर सकती हैं. यदि ऐसा हुआ तो इसका विरोध होने की पूर्ण संभावना हैं जिस कारण भारी संख्या में सेना बल की आवश्यकता पड़ेगी.

राज्य का विभाजन

कुछ लोगो का ये भी मानना हैं कि केंद्र सरकार जम्मू और कश्मीर का एक बार पुनः विभाजन कर सकती हैं. मतलब जम्मू को एक अलग राज्य घोषित किया जा सकता हैं जबकि कश्मीर और लद्धाख के अलग करते ही उसे केंद्र शासित प्रदेश में शामिल किया जा सकता हैं.

कश्मीर में मोदी फरहा सकते हैं 15 पर तिरंगा

एक अनुमान ये भी हैं कि इस बार 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी कश्मीर की भूमि पर तिरंगा फहरा सकते हैं. मोदीजी हमेशा से ही लिक से कुछ हटकर करना पसंद करते हैं ऐसे में इस बात की संभावना भी अधिक हैं.

विधानसभा चुनाव से संबंधित घोषणा

जैसा कि आप सभी जानते हैं पिछले साल जुलाई से जम्मू और कह्स्मिर में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ हैं. ऐसे में यहां फिर से विधानसभा चुनाव का होना तय हैं हालाँकि ये पिछले काफी दिनों से टलता भी जा रहा हैं. ऐसे में ये कड़ी सुरक्षा विधानसभा चुनाव की तैयारी का एक हिस्सा भी हो सकती हैं.

आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब

एक संभवतः अनुमान ये भी हैं कि इतनी बड़ी संख्या में सेना का आना आतंकवादियों को जवाब देने की तैयारी भी हो सकता हैं. ख़बरों के अनुसार सरकार को ये इनपुट मिले हैं कि आतंकी अमरनाथ यात्रा को अपना निशाना बना सकते हैं. यही बात कहते हुए सरकार ने भी इस इलाके को खाली करवाया हैं. ऐसे में उनका इरादा इन आतंकियों को ढूंढ कर सबक सिखाने का भी हो सकता हैं.

एक संभावना ये भी जताई जा रही हैं कि सरकार कश्मीरी पंडितों को घाटी में पुनः बसाने का वातावरण बना रही हैं. भाजपा हमेशा से ही इस मुद्दे को लेकर बात करती आई हैं. ऐसे में वे कश्मीरी पंडितों को घाटी में वापस लाने का समर्थन भी कर सकती हैं.

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