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जालिम पिता से माँ को बचाने के लिए 1.5 किलोमीटर भागा बच्चा, पुलिस को बताई ये बात

घरेलु हिंसा एक ऐसी चीज हैं जो आज भी देश के कई घरो में बड़ी समस्यां बनी हुई हैं. एक तरफ तो हमारा देश आधुनिकता की और बढ़ रहा हैं, दिन दुगुनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा हैं लेकिन वहीँ दूसरी और कुछ निम्न मानसिकता के लोग अपने घर की महिलाओं और बच्चों की ही इज्जत नहीं करते हैं. हर साल भारत में घरेलु हिंसा से संबंधित करोड़ो मामले होते हैं लेकिन इनमे से सिर्फ 30 से 40 प्रतिशत ही पुलिस थाने में रजिस्टर हो पाते हैं. अक्सर लोग इस घरेलु हिंसा के प्रति कानूनी कारवाई करने में पीछे हट जाते हैं. यही बात इन अत्याचारियों को बढ़ावा भी देती हैं. लेकिन आज हम आपको 8 साल के एक ऐसे बच्चे के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने अपनी माँ के ऊपर हो रही घरेलु हिंसा को सहन करना सही नहीं समझा और कुछ ऐसा कर दिखाया कि अब हर कोई उसकी बहादुरी, सोच और जज्बे की तारीफ़ करने लगा हैं.

माँ को बचाने के लिए 8 वर्षीय बेटे ने उठाया ये कदम

दरअसल ये पूरा मामला उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले का हैं. यहाँ का स्थानीय निवासी 8 वर्षीय मुश्ताक अपने माता पिता के साथ रहता हैं. मुश्ताक के पिता अक्सर अपनी बीवी के साथ मारपीट करते रहते थे. जब एक दिन इस बात की अति हो गई तो मुश्ताक ने चुप रहना सही नहीं समझा. उसने बड़ी ही समझदारी दिखाई और अपने घर से भागता हुआ पुलिस थाने जा पहुंचा. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मुश्ताक के घर से ये पुलिस स्टेशन करीब 1.5 किलोमीटर दूर हैं. ऐसे में मुश्ताक ने जब अपने पिता को माँ के ऊपर अत्याचार करते हुए देखा तो वो घर से भागता हुआ पैदल ही पुलिस स्टेशन जा पहुंचा. यहाँ उसने पुलिस को बताया कि कैसे उसके पिता माँ के साथ मारपीट करते हैं और इसलिए वो उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करना चाहता हैं.

बेटे की शिकायत के चलते बाप हुआ गिरफ्तार

इस पूरी घटना की जानकारी जिले के एएसपी (एडिशनल सुपरिन्टेन्डेन्ट ऑफ़ पुलिस) राहुल श्रीवास्तव ने ट्विटर के जरिए दी हैं. उन्होंने 8 वर्षीय मुश्ताक की फोटो साझा करते हुए लिखा कि “उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर के रहने वाले इस 8 वर्षीय मुश्ताक से मिलिए. ये बालक 1.5 किलोमीटर भागता हुआ यहाँ इस बात की शिकायत लेकर आया हैं कि इसके पिता इसकी माँ को बहुत मारते हैं. शिकायत के बाद आरोपी पिता को अरेस्ट कर लिया गया हैं. इस छोटे से बच्चे से हमें सीखना चाहिए कि इस तरह के अत्याचारों को सहन ना करे, बल्कि इसकी रिपोर्ट करे.

अधिकतर मामलो में पुलिस तक नहीं जाते लोग

देश में रोजाना कई महिलाएं या बच्चे इस तरह की घरेलु मारपीट के शिकार होते हैं. लेकिन इनमे से अधिकतर लोग डर या इज्जत के चलते मदद के लिए पुलिस का दरवाजा नहीं खटखटाते हैं. वे लोग इसे चुपचाप सहन करते रहते हैं. लेकिन जिस तरह से इस 8 वर्षीय बालक ने हिम्मत कर अपने ही दुष्ट पिता के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई हैं वो सच में काफी सराहनीय हैं. ये बच्चा हमें सिख देता हैं कि इस तरह के मामलो में चुप बैठनाऔर सब कुछ सहते रहना समस्यां का हल नहीं हैं. उधर सोशल मीडिया पर भी बच्चे की इस बहादुरी की काफी तारीफें हो रही हैं.

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