अध्यात्म

चैत्र नवरात्रि : इस दिन शुरु हो रही है नौ देवी की पूजा, कलश स्थापना के साथ जानिए सही मुहूर्त

भारत में तीज-त्यौहारों की कोई कमी नहीं है, जहां एक त्यौहार खत्म होता है कि लाइन लगाए दूसरा खड़ा रहता है. अभी 21 तारिख को होली का उत्सव खत्म ही हुआ कि आने वाली 6 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का पर्व शुरु हो गया, जिसकी तैयारी में माता रानी के भक्त लग गए हैं. भारत में देवी-देवता को करोड़ों हैं लेकिन कुछ ऐसे श्रेष्ठ देवता और देवियां हैं जिनकी पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. दुर्गा मां के नौ दिन की पूजा तो साल में 5 बार की जाती है लेकिन तीन गुप्त और दो ऐसी होती हैं जिसे सभी मनाते हैं. इन दो नवरात्रि में एक शारदीय नवरात्रि होती है जो नवंबर में पड़ती है और दूसरी चैत्र नवरात्रि अब अप्रैल में है. इस दिन शुरु हो रही है नौ देवी की पूजा, इसके बारे में हर देवी मां के भक्त को जान लेना चाहिए.

चैत्र नवरात्रि इस दिन शुरु हो रही है नौ देवी की पूजा

चैत्र नवरात्रि 6 अप्रैल, 2019 दिन शनिवार को शुरु हो रही है और इसी दिन पतिपदा और द्वितीया भी है. मतलब नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापन करके मां शैलपुत्री और मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी. इन्ही 9 दिनों में माता की पूजा अर्चना करके उन्हें प्रसन्न किया जाएगा. माता अपने भक्तों को आशिर्वाद देने आ रही हैं और आप उनसे मनवांछित फल पा सकते हैं. नवरात्रि में दो रितुओं का मिलन भी होता है. मुख्य रूप से साल में दो नवरात्रि पड़ते हैं जिसमें चैत्र नवरात्रि और आश्विन नवरात्रि होती है. चैत्र नवरात्रि गर्मियों के मौसम में शुरु होती है जिसमें उपवास रखकर भक्त माता रानी को याद करते हैं. इन नौ देवियों में प्रथम शैलपुत्री, द्वितीय ब्रह्मचारिणी, तीसरी चंद्रघंटा, चौथी कुष्मांडा, पांचवी स्कंदमाता, छठी कात्यायनी, सातवीं कालरात्रि, आठवीं महागौरी, नौंवी सिद्धिदात्री हैं.

नौ दिन भक्त इन्ही की पूजा करके दुर्गा मां की दया के पात्र बनते हैं. शक्ति की उपासना और पूजा के लिए नवरात्रि के प्रतिपदा से नवमी तक इनकी पूजा निश्चित रूप से की जाती है. सनातन काल से ही नौ शक्तियों के पूजन के लिए नवरात्रि के नौ दिन सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि सबसे पहले श्रीरामजी ने शरद नवरात्रि का पूजन समुद्र तट पर किया था तब जाकर दसवें दिन उन्होंने रावण का वध करके लंका पर विजय प्राप्त की थी लेकिन चैत्र नवरात्रि के नवें दिन रामनवमी मनाई जाती है.

कलश स्थापना और पूजन का शुभ समय

6 अप्रैल की सुबह 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट पर कलश स्थापना के लिए बहुत ही उत्तम मुहूर्त है. मगर इस समय कर्क लग्न है और यह चर राशि है इसलिए ये मुहूर्त शुभ नहीं माना जाएगा. इसलिए सुबह 6 बजकर 9 मिनट से 10 बजकर 21 मिनट तक आपको कलश स्थापना कर देनी होगी. इसके पीछे का कारण ये है कि इस समय द्विस्वभाव मीन लग्न लगा रहेगा जो बहुत श्रेष्ठ माना जा रहा है. मां दुर्गा की अराधना करने से आपके हर दुख मिटेगा और आर्थिक परेशानियां भी दूर होंगी. इसलिए भक्तों को नवरात्रि में अष्टमी और नवमी के दिन पूजन जरूर करना चाहिए.

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