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फिजूलखर्ची बचाने के लिए पिता ने बिना बताए ही कर दी बेटी की शादी, जानें पूरी कहानी

न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: इन दिनों शादियों का माहौल चल रहा है, हर जगह बस शादियां ही शादियां हो रही हैं। बता दें कि हिंदू धर्म में शादियां शुभ मुहुर्त और समय देखकर ही होती है जब शादी के योग बनते हैं तभी शादियां की जाती हैं। और इंडियन बिग फैट वेडिंग्स के बारे में तो हर कोई जानता ही है। इन शादियों में पानी की तरह पैसा बहाया जाता है। साल 2018 में मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी की बेटी की शादी इन्हीं बिग फैट वेडिंग्स में से एक थी और इस साल उनके बेटे आकाश अंबानी की शादी भी कुछ इसी तरह से होने वाली हैं।

बता दें कि हिंदू शादियों में कई तरह की रस्में होती हैं जिस वजह से शादी के कई दिन पहले से ही तैयारियां और वो रस्में शुरू हो जाती हैं, हल्दी, मेंहदी, संगीत, माइन से लेकर के ना जाने क्या-क्या और लोग सिर्फ शादी के दिन ही नहीं बल्कि इन रस्मों में भी पानी की तरह पैसा बहाते हैं। लोग इस तरह से भव्य शादियां करने के पीछे खुशी के साथ दिखावा भी होता। हम इतनी ग्रैंड वेडिंग करेंगे कि लोग देखते रह जाएंगे और याद रखेंगे। और शादी में किए गए ये खर्चे समाज में नाम बनाने में भी अहम भूमिका निभाते हैं।

बता दें कि इन शादियों में पैसा पानी की तरह बहाया जाता है। लेकिन वहीं कुछ लोग ऐसे हैं जो इस तरह के चोचलों से दूर रहते हैं। और पूर्ण तरह से सम्पन्न होने के बावजूद भी इस तरह की फिजूलखरची करने को वो सही नहीं समझते हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही शादी के बारे में बताएंगे जिस शादी में बिल्कुल भी फिजूल खर्च नहीं किया गया, यहां तक की फिजूल खर्च ना हो इस वजह से उस शादी में ऐसा कुछ हुआ की लड़का और लड़की को पता भी नहीं था और उनकी शादी करवा दी गई।

बफना के एक परिवार ने इस तरह की फिजूल खर्ची को रोकने की पहल की है। बता दें कि कांकेर की बाफना फैमिली के बेटे यश की शादी कर्वधा में रहने वाली दिलीप नाहटा की बेटी दिव्या से उनकी तय हुई थी। 28 फरवरी 2019 को दोनों की सगाई थी, जिसके चलते बाफना फैमिली वाले अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ कवर्धा पहुंचे थे। बता दें कि यश पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। लड़के वाले कवर्धा पहुंचे और वहां सगाई की पूरी तैयारियां हो गई थी, लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ की उनकी उसी दिन चट मंगनी और पट ब्याह करवा दिया गया।

दरअसल हुआ कुछ यूं कि सगाई की तैयारियां देखकर यश के पिता के मन में इस तरह की फिजूलखर्ची ना करने का विचार आया और उन्होंने अपने इस विचार को दिव्या के पिता दिलीप से साझा किया। अभय की बात दिलीप को समझ आ गई और उन्होंने इस तरह की फिजूलखर्ची को रोकने के लिए ऐसा कदम उठाया कि सगाई के दिन ही उन्होंने अपनी बेटी की शादी कर दी।

जैसे ही दोनों पक्षों की मंजूर हुई, तुरंत सगाई की जगह पर मंडप सजाया गया और दूल्हा-दुल्हन के सात फेरे करवा दिए गए, और देखते ही देखते बाफना फैमिली अपनी बहू को लेकर अपने घर पहुंच गई।

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