बॉलीवुड

चिल्ड्रेन डे स्पेशलः जब बच्चों पर बनी इन बॉलीवुड फिल्मों ने याद दिलाया बचपन

14 नंवबर का दिन बच्चों का दिन होता है और इसे बाल दिवस के रुप में मनाते हैं। स्कूलों में इस दिन का खास महत्व होता है। बच्चों को बहुत भोला और सरल माना जाता है। हालांकि आज कल के बच्चे ना भोले हैं औऱ ना ही सरल, लेकिन एक मासूमियत है जो हर बच्चे के अंदर होती है। इस वजह से पर्दे पर रोमांस, एक्शन और थ्रिलर के अलावा कुछ ऐसी फिल्में भी बनीं जो बच्चों पर आधारित थीं। हॉलीवुड में बच्चों के लेकर कई तरह की फिल्में और एनिमेटेड सिरीज बनती हैं, लेकिन बॉलीवुड ऐसी फिल्में कम बनाता है। हालांकि पहले से हालात बदल गए हैं औऱ बॉलीवुड भी ऐसी फिल्में बनी हैं जो बच्चों पर आधारित हैं या बच्चों को सीख मिली है।

मकड़ी

यह फिल्म पूरी तरह से बच्चों और उनकी शैतानियों पर आधारित फिल्म थी। इस फिल्म को विशाल भारद्वाज ने बनाया था। इस फिल्म में हवेली की चुड़ैल से लेकर वह सभी तरह की डरावनी बातें थीं जो बच्चों को डराने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। यह फिल्म सिर्फ बच्चों को ही नहीं बल्कि बड़ों को भी काफी पसंद आई थी।

गिप्पी

बचपन से किशोर अवस्था की ओर बढ़ रही एक लड़की का मन कैसे कैसे ख्याल बुनता है औऱ कैसी कैसी समस्याएं झेलता है यह फिल्म गिप्पी में देखने को मिला। एक 14 साल की लड़की के लिए पैरेंटस का अलग होना, उसका फैटी होना औऱ लड़कों की तरफ से अंटेशन ना मिलना जैसी कॉमन चीजें इस फिल्म में दिखाई गई थीं।

भूतनाथ

अमिताभ बच्चन जैसे दिग्गज कलाकर भी जब बच्चों के साथ आते हैं तो कैसे बच्चे जैसे बन जाते हैं यह फिल्म भूतनाथ मे दिखाया गया है। एक बच्चे और भूत के बीच बने दोस्ती के रिश्ते पर आधारित यह फिल्म बहुत ही खूबसूरत है जो अंत तक जाते जाते काफी गंभीर हो जाती है। हालाकिं आज भी यह फिल्म बच्चों की फेवरेट हैं।

मिस्टर इंडिया

जादूई घड़ी वाला मिस्टर इंडिया बच्चों का रखवाला है। अनिल कपूर और श्रीदेवी स्टारर सुपरहिट फिल्म मिस्टर इंडिया भी बच्चों और बड़ों दोनों के लिहाज से बहुत ही खूबसूरत फिल्म थी।  इस फिल्म क विलेन मोगेम्बो भी बच्चों को डराने के काम आता था। इस फिल्म में हीरो के हाथ एक ऐसी घड़ी लग जाती है जिसे पहनकर वह आसानी से गायब हो जाता है।

कोई मिल गया

दूसरी दुनिया का कोई अस्तित्व है या नही ऐसे दिलचस्प मुद्दे पर बनी फिल्म में बच्चों की अहम भूमिका है। यह फिल्म भी बच्चों पर ही बनाई गई है। यहां तक की इस फिल्म के मुख्य हीरो ऋतिक ने इस फिल्म में आधा से ज्यादा किरदार एक ऐसे लड़के का निभाया था जो बड़ा तो हो जाता है, लेकिन उसका दिमाग बच्चों जैसा रहता है।

तारे जमीं पर

सबसे अंत में जिक्र होगा तारे जमीं पर का। एक ऐसी फिल्म जो बच्चों पर आधारित है, लेकिन इसे देखने की जरुरत सबसे ज्यादा पैरेंटस को है। इस फिल्म ने दिखाया कि कैसे एक बच्चा एक पढ़ने लिखने की समस्या से गुजर रहा होता है, लेकिन उसके परिवार वाले समझते हैं कि वह पढ़ने में नाटक कर रहा है।उस बच्चे को एक टीचर का साथ मिलता है जो उसकी समस्या को समझता है और साथ ही उसके पैरेंटस को भी इस बात का एहसास दिलाता है कि हर बच्चा खास है।

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