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दीपावली में इन पांच दिनों में जरूर खाएं ये पकवान

न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: दीपावली एक ऐसा त्यौहार है जिसे पूरे देश में काफी धूम-धाम से मनाया जाता है, घरों से लेकर के बाजार तक इस तरह से सजे होते हैं जैसे कोई मेला लगा हो। घरों में विशेष और अलग-अलग तरह के व्यंजन और मिठाइयां बनती हैं। चारों तरफ भरपूर रोशनी और घरों में लजीज पकवानों के लिए जाने जाना वह त्यौहार सिर्फ एक दिन का नहीं होता है बल्कि इस त्यौहार की धूम चार-पांच दिनों तक रहती है। धनतेरस वाले दिन से शुरू यह त्यौहार, छोटी दीपावली, बड़ी दीपावली, गोर्वधन पूजा और भाई दूज पर आकर खत्म होता है। इन पांचों ही दिन घरों में विशेष प्रकार के पकवान बनाए जाते है, लेकिन क्या आपको पता है कि इन पांच दिनों में प्रत्येक दिन हर एक खाने का एक अलग महत्व होता है। यकीनन आपको इस बारे में कोई जानकारी नहीं होगी, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं हैं, हम आज आपको बताएंके कि घनतेरस के दिन से लेकर भाईदूज तक ऐसी कौन सी खाने की चीज है जिसका सेवन आपको जरूर करना चाहिए।

धनतेरस पर क्या खांए

इस दिन घरों में सोने व चांदी की वस्तुएं या फिर कोई भी नई वस्तुएं घर में खरीदकर लाना शुभ माना जाता है। लेकिन इसी के साथ ऐसा माना जाता है कि आपको धनतेरस वाले  दिन छोटी कन्याओं को दही बताशे खिलाने चाहिए। उत्तर भारत के कई इलाकों में  इसकी खास परंपरा है। दही बताशे अपने परिवार और मेहमानों को भी बनाकर खिलाना अच्छा माना जाता है।

छोटी दीपावली पर क्या खाएं

कहते हैं कि कार्तिक के कृष्ण चतुर्दशी को पवनपुत्र हनुमान जी का जन्म हुआ था, जिसके चलते यदि इस दिन हनुमान मंदिर में बूंदी के लड्डूओं का भोग लगाना शुभ माना जाता है, और इसे प्रसाद के रूप में खाने की भी परंपरा है।

दीपावली पर क्या खाएं

माता लक्ष्मी को दीपावली के दिन मखाने की खीर का भोग लगाना शुभ माना जाता है, मखाना मां लक्ष्मी का प्रिय है इसलिए दीपावली के दिन माता को मखाने की खीर का भोग लगाना और इस दिन मखाने की खीर खाने के विशेष महत्व हैं। (और पढ़ें – मखाने के फायदे)

गोर्वधन पूजा वाले दिन क्या खाएं

गोवर्धन पूजा वाले दिन मालपुआ खाने की परंपरा है। वैसे तो इन दिनों में घरों में कई तरह के पकवान बनते हैं लेकिनगोर्वधन पूजा वाले दिन मालपुआ विशेष रूप से बनाया जाता है और इसको शुभ भी माना जाता है।

भाईदूज वाले दिन क्या खाएं

गोर्वधन पूजा के अगले दिन होता है भाईदूज, इस दिन सभी बहनें अपने भाई को टीका करती हैं, और भाई अपनी बहनों को नेग देते हैं, लेकिन इस दिन सभी बहनों को अपने भाइयों को खाना जरूर खिलाना चाहिए और खाने में चावल का होना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। चावल खिलाने के पीछे यमराज और यमुना की कहानी है।

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