राजनीति

सरकार ने तीन तलाक़ से दिलाया महिलाओं को मुक्ति,लेकिन कांग्रेस ने भाजपा पर लगाया राजनीति का आरोप

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने एक और क्रांतिकारी क़दम उठाते हुए तीन तलाक़ पर बड़ा फ़ैसला दिया है। यक़ीनन मोदी सरकार के इस फ़ैसले से मुस्लिम महिलाओं को होने वाली तकलीफ़ कम हो जाएगी। बता दें केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को तीन तलाक़ अध्यादेश को मंज़ूरी दे दी है। अब से तीन तलाक़ देना अपराध हो गया है। जो भी मुस्लिम समुदाय का पुरुष किसी महिला को तीन तलाक़ देगा, उसके ऊपर क़ानूनी कार्यवाई की जाएगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें नए बिल में तीन तलाक़ के मामले को ग़ैर ज़मानती अपराध माना गया है।

संसद में पारित करवाना होगा यह बिल:

लेकिन संशोधन के हिसाब से अब मजिस्ट्रेट को इस मामले में ज़मानत देने का अधिकार होगा। आपको बता दें कुछ दिन पहले तीन तलाक़ पर बिल लोकसभा में पारित होने के बाद यह विधानसभा में अटक गया था। कांग्रेस के साथ ही अन्य विपक्षी दल इस विधेयक में संशोधन की माँग कर रहे थे। लेकिन संशोधन के बाद भी यह विधेयक राज्यसभा में पारित नहीं हो पाया था। बता दें यह अध्यादेश अगले छः महीने तक लागू रहेगा। इस दौरान केंद्र सरकार को इसे संसद से पारित करवाना होगा।

बता दें इससे पहले तीन तलाक़ बिल संसद के बजट सत्र और मानसून सत्र में पेश किया गया था। इस अध्यादेश को मंज़ूरी मिलने के बाद मुस्लिम समुदाय की महिलाओं में काफ़ी ख़ुशी है तो पुरुषों में इसको लेकर नाराज़गी देखी जा सकती है। इस अध्यादेश को मंज़ूरी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश शिया वफ़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी के ख़ुशी जताई है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की जीत हुई है। उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं ने कट्टरपंथी तबके से लड़ते हुए मामले को समाज में लानें का काम किया और इसके लिए सुप्रीम कोर्ट तक भी गाईं।

कांग्रेस ने लगाया इस मामले में भाजपा पर राजनीति करने का आरोप:

कट्टरपंथी समाज के ख़िलाफ़ हिंदू और मुस्लिम समाज समेत सभी लोग पीड़ित महिलाओं के साथ हैं। रिज़वी ने आगे कहा कि इसके बाद हम अब परिवार में लड़कियों की हिस्सेदारी के लिए भी आगे लड़ाई लड़ेंगे। वहीं इस अध्यादेश को मंज़ूरी मिलने के बाद कांग्रेस ने भाजपा के ऊपर इस मुद्दे को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार इसे मुस्लिम महिलाओं के लिए न्याय का मुद्दा नहीं बना रही है, बल्कि सरकार इसे राजनीतिक मुद्दा बना रही है। बता दें तीन तलाक़ की वजह से कई महिलाओं का घर बर्बाद हो गया है।

पिछले दिनों तीन तलाक़ के कई ऐसे मामले सामने आए थे, जिसके बारे में जानकर कोई भी हैरान हो जाएगा। कोई अपनी बीबी को अख़बार में इस्तहार देकर तीन तलाक़ देता था तो कोई चिट्ठी भेजकर ही तीन तलाक़ दे देता था। मुस्लिम महिलाओं ने एकजुट होकर इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई और समाज के दबाव को झेलते हुए जीत भी पाई। आज स्थिति क्या है आप ख़ुद देख सकते हैं। मुस्लिम समुदाय में महिलाओं के साथ कई तरह के ज़ुल्म किए जाते हैं। इनमें से एक तीन तलाक़ भी था।

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