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जन्नत हैं भारत के ये 5 खूबसूरत गांव, दूसरे नंबर वाले गांव में जाना है सबकी चाहत

गांव का नाम सुनते ही घर के बड़े-बुजुर्ग अपने पुराने समय में चले जाते हैं जब उनका बचपन गांव की किसी गली में बीतता था. भारत की आत्मा तो सही मायनों में गांवों में ही बसती है, यहां की अपनी एक सुंदरता, अपनी कार्यशैली, अपनी प्राचीन संस्कृति और सभ्यताएं होती हैं. ग्रामीण क्षेत्रों की मिट्टी में आपको शुद्धता और उसकी सौंधी-सौंधी खुशबू हमें मंत्रमुग्ध कर देता है. इनकी खूबसूरती इतनी अद्भुत है कि इनकी सौंदर्यता से टकराना हर किसी का सपना होता है लेकिन आज की भागा-दौड़ी में कहां कोई गांव के शुद्ध वातावरण में रह पाता है और ना ही उस जगह चाह कर भी जा पाता है. जन्नत हैं भारत के ये 5 खूबसूरत गांव, इन गावों की खूबसूरती देखिए और घूम आइए इन गावों में.

जन्नत हैं भारत के ये 5 खूबसूरत गांव

1. शिलॉन्ग

शिलांग से करीब 90 किमी दूरी पर बसा ये छोटा सा गाव, जहां पेड़ों की जड़ों से बने मजबूत पुल, खूबसूरत झरने, 85 फीट ऊंची मचान पर बैठकर सम्मोहित कर देने वाले दृश्य देखने को मिलते हैं. शिलांग के अद्भुत दृश्य खासकर वहां की मनमोहक पहाड़ी का दृश्य सुकून देने वाला है. आप इस गांव की हर एक गली को देखकर वहीं पर बसने के लिए मजबूर हो जाएंगे. इस गांव की असल पहचान इसकी खूबसूरती है और यहां गंदगी बिल्कुल नाम मात्र ही थी. इस गांव को सबसे स्वच्छ गांव का ताज दिया गया है वो भी इसका श्रेय यहां के गांव वालों को जाता है. हर वर्ग के लोग दिल खोलकर गांव की सफाई करते हैं और ग्रामीण अपने द्वारा बनाए गए बांस के कूड़ेदान में कचरा जमा करके उसे खेती के लिए प्रयोग में लाते हैं.

2. खोनोमा :

खोनोमा को एशिया का सबसे पहला हरा-भरा गांव घोषित किया गया है. ये गांव कोहिमा से 20 किलोमीटर दूर खोनोमा की हरी-भरी वादियों में स्थित है. यहां पर 100 से भी ज्यादा अलग-अलग प्रजाति वाले वन्य प्राणियों और खूबसूरती जीव-जंतु रहते हैं जो यहां पर आने वालों को आकर्षित करते हैं. यहां के हर घर एक दूसरे से जुड़े हैं जो पहाड़ियों की ढलान बहुत ही खूबसूरती के साथ बनाए गए हैं. हर घर के दरवाजे पर एक खास तरह का सींग लटकाया जाता है जो गांववालों की सुरक्षा करता है. ये गांव अपनी अलग तरह की खेती के लिए भी जाना जाता है. यहां पर जंगली फलों, सब्जियों सहित लगभग 250 पौधों की प्रजातियों के पौधे पाए जाते हैं. कोहिमा से टैक्सी के जरिए आप खोनोमा आसानी से पहुंच सकते हैं और कोहिमा पहुंचने के लिए दीमापुर सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन और एयर पोर्ट है. दीमापुर से कोहिमा की दूरी 2 घंटे की है.

3. मिरिक :

दार्जलिंग के पश्चिम में समुद्र तल से लगभग 4905 फीट की ऊंचाई पर बसा मिरिक एक छोटा सा गांव हैं. जहां प्रकृति ने अपने चरम पर सौंदर्य बिखेर रखा है. हिमालय की वादियों में देवदार से घिरी मिरिक झील यहां के नजारों को सुरम्य बना देती है. चाय के ढलानी बागान, जंगली फूलों की चादर, क्रिप्टोमेरिया के पेड़ यहां आने वाले सैलानियों को अपनी ओर खींचते हैं. अपनों के साथ सुकून से पल बिता सकते हैं.

4. मलाना :

दुनिया की सबसे महंगी चरस मलाना मिल्क और अपने कायदे- कानून की धाक पर शासित होने वाला मलाना गांव हिमाचल की कुल्लू घाटी के उत्तर में पार्वती घाटी की चंद्रखानी की हरी-भरी वादियों से ढका है. ये गांव मलाना नदी के पास खूबसूरत पहाड़ियों के किनारे बसा है. यहां आबादी कम और कुदरती करिश्मे ज़्यादा हैं. यहां के अद्भुत नजारे सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. यहीं कारण है कि पर्यटक सुकून की तलाश में देश-विदेश से मलाना आते हैं. पर्यटक इस गांव के बाहर कैंप में रुकते हैं. अंदर गांव में जाने औऱ वहां किसी भी चीज़ को छूने की पर्यटकों को मनाही होती है.

5. स्मित :

मेघालय की राजधानी शिलांग से करीब 11 किलोमीटर दूर पहाड़ी पर बसा स्मित गांव बहुत ही खूबसूरत है. स्मित की हवा में शुद्धता और ताजगी का एहसास घुला हुआ है. इस वजह से ही इस गांव को प्रदूषण मुक्त गांव का दर्जा मिला है. स्मित की प्रकृति में चकित कर देने वाले ऩजारे हैं जो आपकी आंखों को सुकून प्रदान करते हैं. स्मित के लोग मुख्य रूप से झूम खेती का इस्तेमाल करते हैं. यहां सब्जी और मसाले की खेती होती है. स्मित में चीनी मिट्टी की चट्टाने आपको मंत्रमुग्ध कर देती हैं.

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