राजनीति

‘मोदी-मैजिक’! इस बार भारत की “दिवाली” से निकलेगा चीन का “दिवाला”

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कि “मेक इन इंडिया” योजना और इस दिवाली के त्योहारी सीजन में चीन के बने सामानों के बहिष्कार के सोशल मीडिया पर अभियान के चलते बने माहौल के कारण खुदरा व्यापारियों और थोक व्यापारियों के बीच चीन के सामान की मांग में पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग 45 प्रतिशत की गिरावट आई है। (Social media campaign to boycott Chinese goods).

भारत में कोई भी चीनी सामान को खरीदने के लिए तैयार नहीं हैं। भारत में चारों ओर चीन के सामान का विरोध चल रहा हैं। एक तरफ जहां चीन के सामानों के विरोध में लोग सड़कों पर जला रहे हैं, तो दूसरी तरफ चीन के उत्पादों के खिलाफ एक मुहीम चला रखी हैं।

 

चीनी सामान खरीदने की मांग में हुई जबर्दस्त गिरावट (boycott Chinese goods)

Social media campaign to boycott goods made in China

सोशल मीडिया पर चीनी सामान के बहिष्कार के अभियान की तीव्रता और उसके कारण पैदा हुआ देशभक्ति का माहौल इसके पीछे वजह है। दीपावली की खरीददारी के माहौल में भारत में बनी लाइट्स, मुर्तियों आदि की मांग बढ़ने लगी हैं। इस कारण इस वर्ष खुदरा व्यापारियों द्वारा इम्पोर्टर्स और थोक व्यापारियों से चीनी सामान खरीदने की मांग गत वर्ष की तुलना में लगभग 45 प्रतिशत घटी है।

इस दीपावली चीन का कैसे निकला दिवाला,

भारत के घरेलू व्यापार में जबर्दस्त उछाल (boycott Chinese goods)

Social media campaign to boycott goods made in China

क्योंकि, यहां मामला पाकिस्तान से जुड़ा है, इस वजह से लोगों में चीनी सामानों के प्रति जबर्दस्त विरोध है जिसकी वजह से सोशल मीडिया का यह अभियान घरों तक महिलाओं और बच्चों के बीच पहुंच गया है। त्योहारी खरीदारी में महिलाओं और बच्चों की बड़ी भूमिका होती है, इसलिए व्यापारी इस वर्ष चीन का सामान अपनी दुकानों पर रखने से भी कतरा रहे हैं और इसी वजह से चीनी सामान की मांग में इस वर्ष जबर्दस्त गिरावट आई है। जिसके कारण भारत के घरेलू व्यापार में जबर्दस्त उछाल दिखाई दे रहा है।

विरोध को देखते हुए लोग मान रहे हैं कि जिन थोक व्यापारियों ने काफी पहले चीनी सामान का आयात किया है, उन्हें इस वर्ष नुकसान होगा। चीनी पटाखे, बल्ब की लड़ियां, गिफ्ट का सामान, फर्नि¨शग फैब्रिक, इलेक्ट्रिक फिटग, इलक्ट्रोंनिक सामान, घरेलू सजावट का सामान, खिलौने, भगवान की तस्वीर एवं मूर्तियां आदि की बिक्री पर इस बहिष्कार का व्यापक असर पड़ेगा।

 

 देखिए सोशल मीडिया ने कैसे पहुचाया चीन को करोड़ों का नुक्सान.

सोशल मीडिया ने दिखाई ताकत और चीन हुआ बर्बाद  (boycott Chinese goods)
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Social media campaign to boycott goods made in China

भारत के दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में चीन के सामानों का बहुत बड़ा बाजार है और पिछले कुछ वर्षों में चीनी उत्पादों ने बड़ी मात्रा में भारतीय बाजार में अपनी जगह बनाई है। पर इन्हीं राज्यों में चीन के सामानों का जबर्दस्त विरोध हो रहा है। भारत के इन राज्यों में भारत में निर्मित पटाखों तथा फायरशॉट की मांग पहले से अधिक बढ़ गई है। सबसे ज्यादा खुशी कि बात यह है कि ग्राहकों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा हैं।

भारत का पटाखा बाजार तेजी से उछला हैं, परन्तु चीन की कंम्पनियों की हालत खराब हैं और विचार कर रही हैं कि अपने उत्पादों को कैसे भारत के बाजार में बेचा जाए। खबरों के अनुसार चीन ने इस बार भारत में 1000 करोड़ और भेजने की तैयारी कि थी।

जानिए, इस दीपावली जनता कैसे निकालेगी चीन का दिवाला….

पाक और आतंकवाद का किया सपोर्ट तो भारतीयों ने सिखाया ड्रैगन को सबक (boycott Chinese goods) –

Social media campaign to boycott goods made in China

चीनी सामान की कीमत क्योंकि भारत में बने सामानों के मुकाबले काफी कम होती है और ये प्रचुर मात्रा में उपलब्ध रहते हैं। इसी कारण भारत में चीनी सामान की लोकप्रियता बनी है। चीनी सामान का बहिष्कार का सोशल मीडिया का अभियान यदि इसी तरह जोर पकड़ता रहा तो निश्चय ही इस दिवाली भारत में तो ‘दिवाली’ मनेगी लेकिन इस दिवाली से चीन का ‘दिवाला’ निकल जाएगा। अगर दुसरे शब्दों में कहे तो कह सकते हैं की इस बार भारतीय बाजारों में दिवाली हैं, तो चीन के कारोबार का दिवाला निकल चुका है।

प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी कि “मेक इन इंडिया” योजना को भारतीयों द्वारा चीन के समानों का विरोध करने के कारण काफी बल मिला है। और लोग अब इस योजना को सफल बनाकर चीन द्वारा पाक द्वारा समर्थित आतंकवाद का साथ देने के लिए ड्रैगन को सबक सिखाना चाहते हैं। वाकई “मेक इन इंडिया” जैसे कार्यक्रमों और देशवासियों कि एक जुटता ने ये साबित कर दिया है कि भारत विश्व गुरु बनने कि राह पर आगे बढ़ रहा है।

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