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सावधानः नोटबंदी से तो बच गए लेकिन पीएम मोदी के इस घातक वार से कोई नहीं बच पाएगा!

नई दिल्ली – देश से कालेधन को खत्म करने के लिए नोटबंदी के ऐतिहासिक फैसले के बाद अब मोदी सरकार बेनामी संपत्ति पर वार करने कि तैयारी कर रही है। बेहिसाब संपत्ति रखने वालों कि नींद उड़ने वाली है, क्योंकि आयकर विभाग ने शुक्रवार को ‘बेनामी संपत्ति संव्यवहार अधिनियम’ का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अपना रुख कड़ा कर लिया है। आयकर विभाग काली संपत्ति रखने वालों को 7 साल के सश्रम कारावास के साथ-साथ आयकर अधिनियम के तहत भी आरोपी बनाने पर जोर दे रही है। अगर ऐसा होता है तो भ्रष्टाचारियों के खिलाफ दूगनी कार्रवाई होगी मोदी सरकार अब कालेधन को छिपाने के लिए खरीदी गई भ्रष्टाचारियों की बेनामी संपत्ति पर सर्जिकल स्ट्राइक करने जा रही है। PM Modi next Notbandi.

 

बेनामी संपत्ति पर कसेगा शिकंजा –

कालेधन के बड़े हिस्से को बेनामी प्रॉपर्टीज की खरीद में निवेश किया जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है और क्योंकि अभी विधानसभा चुनाव जारी हैं इसलिए सरकार फिलहाल इसको लागू नहीं कर रही लेकिन जैसे कि चुनाव के परिणाम आ जाते हैं मोदी सरकार इसकी घोषणा कर सकती है।

आयकर विभाग ने सभी अखबारों के जरिए लोगों को आगाह किया कि वे लोग बेनामी संपत्ति का लेन-देन न करें। क्योंकि बेनामी संपत्ति संव्यवहार का प्रतिषेध अधिनियम (1988) 1 नबवंबर 2016 से सक्रिय हो चुका है, जिसके तहत उनपर भारी कार्यवाई की जा सकती है। इस विज्ञापन में सभी जिम्मेदार नागरिकों से इसके उन्मूलन में सरकार का सहयोग करने के लिए भी कहा गया है।

काली सम्पति पर होगा अगला वार –   

देश से कालेधन को खत्म करने के लिए नोटबंदी के ऐतिहासिक फैसले के बाद अब मोदी सरकार बेनामी संपत्ति पर वार करने कि तैयारी कर रही है। नोटबंदी के बाद भले ही गरीबों को सीधे रुप में कोई फायदा न मिला हो। लेकिन, मोदी सरकार अब कालेधन को छिपाने के लिए खरीदी गई भ्रष्टाचारियों की बेनामी संपत्ति को जब्त करने की योजना बना रही है।

सुत्रों के मुताबिक ऐसे लोग जिनके नाम पर बेनामी संपत्ति है और उन्होंने वास्तविक प्रतिफल का भुगतान नहीं किया है या ऐसे लोग जो बेनामी संपत्ति की खरीद और बेच के लिए लालच देते हैं। ऐसे सभी लोग गुनाहगार हैं और उन्हें उस संपत्ति के उचित बाजार मूल्य के अनुसार 25 प्रतिशत तक के जुर्माने के साथ-साथ 7 साल की कठोर कारावास की सजा भी हो सकती है।

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