राजनीति

भोपाल में जब नरेंद्र मोदी की एक थानेदार ने रोक ली थी कार, बड़ा दिलचस्प है यह किस्सा

पीएम नरेंद्र मोदी की छवि आज के समय में एक वैश्विक स्तर के नेता की है। जो विकासपुरुष के रूप में देखें जाते हैं। ऐसे में अगर उनकी एक बड़ी संख्या में फैन-फॉलोइंग है तो उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी भी कम नहीं। जी हां इसी में एक नाम कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह का आता है। जिनके साथ उनके रिश्ते सदैव राजनीतिक रूप से छतीस के ही रहें हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह अक्सर अपने भाषणों में प्रधानमंत्री पर हमले करते हैं।

Narendra Modi And Digvijay Singh

वहीं पीएम मोदी भी दिग्विजय सिंह के कथित अल्पसंख्यक प्रेम को लेकर उन्हें कई बार निशाना बना चुके हैं। जानकारी के लिए बता दें कि इन दोनों के संबंधों में कटुता कुछ दो-चार साल से नहीं देखी जा रही। बल्कि यह प्रतिद्वंद्विता 1990 के दशक से ही चली आ रही है। इतना ही नहीं मालूम हो कि भले ही आज नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री है, लेकिन एक समय ऐसा था। जब दिग्विजय सिंह एमपी के सीएम थे और मोदी बीजेपी के प्रदेश प्रभारी और यह राजनीतिक दुश्मनी उसी समय से चली आ रही है। आइए ऐसे में समझें यह पूरी कहानी…

Narendra Modi And Digvijay Singh

यह तो सर्वविदित है कि आज के दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सबसे ताकतवर नेता हैं, लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि एक समय दिग्विजय सिंह की वजह से मोदी की कार को एक थानेदार ने रोक दी थी। गौरतलब हो कि यह किस्सा है साल 1998 का। जब मोदी की कार दिग्विजय सिंह का काफिला निकालने के लिए एक थानेदार ने रोक दी थी और उस समय नरेंद्र मोदी भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री हुआ करते थे।

वहीं इस किस्से का जिक्र पत्रकार दीपक तिवारी की किताब ‘राजनीतिनामा मध्य प्रदेश’ में हुआ है। इसके अलावा भी दीपक तिवारी ने अपनी किताब में 1956 से 2003 तक के मध्य प्रदेश की राजनीति के दिलचस्प किस्सों का संग्रहण किया है।

हमीदिया अस्पताल के पास थानेदार ने रोकी थी कार…

Narendra Modi And Digvijay Singh

मालूम हो कि साल 1998 में विधानसभा चुनाव से पहले मोदी को मध्य प्रदेश बीजेपी का प्रभारी नियुक्त किया गया था और मोदी रायपुर से भोपाल लौटे रहे थे। ऐसे में दो कारों में उनके साथ कुछ पत्रकार भी थे। रास्ते में हमीदिया अस्पताल के पास चौराहे पर मोदी की कार रोक दी गई। वहीं जब गाड़ी रोकने का कारण पूछा गया तो पता चला कि वहीं से मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का काफिला निकलने वाला था। ऐसे में पुलिस ने चौराहे पर ट्रैफिक रोक रखा था और इस दौरान दिग्विजय सिंह के गुजरने का इंतज़ार मोदी को भी करना पड़ा था।

वहीं इस समय जो दिलचस्प बात हुई थी। वो ये थी कि मोदी के कार के ड्राइवर ने पुलिस ऑफिसर से जिरह करने की कोशिश की, लेकिन वह टस से मस नहीं हुआ। फिर कार में बैठे बीजेपी कार्यकर्ता ने नरेंद्र मोदी के होने के बारे में बताया। फिर भी पुलिस कर्मी पर कोई असर नहीं पड़ा। जिसके बाद ड्राइवर ने थानेदार को धमकी वाले अंदाज में कहा कि कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। फिर बीजेपी की सरकार बनेगी और तब उसे अपने किए के नतीजे भुगतने होंगे। लेकिन अचरज वाली बात यह रही कि तब भी पुलिस वाले पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा और दिग्विजय का काफिला गुजरने तक मोदी को वहीं रुकना पड़ा।

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