राजनीति

नक्सली तो नहीं पकड़ पाए आधी रात को एक बाबा को पकड़ कर आतंकी जैसा सलूक कर रहे हैं – नरोत्तम मिश्रा

भोपाल (एमपी)! पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में आयोजित धर्म संसद में महात्मा गांधी को गाली देने वाले कालीचरण महाराज को बीते दिन यानी गुरुवार को छतरपुर के खजुराहो में रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जी हां वहीं अब इस गिरफ्तारी पर मध्यप्रदेश सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है और दो राज्यों की सरकारें इस मसले को लेकर आमने-सामने खड़ी नजऱ आ रही हैं।

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गौरतलब हो कि मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस गिरफ्तारी को लेकर कहा है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने इंटर स्टेट प्रोटोकॉल को तोड़ा है। वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि नरोत्तम मिश्रा बताएं कि गांधीजी को गाली देने वाले से खुश हैं या दुखी? आइए ऐसे में समझते हैं इस पूरे मामले को…

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मालूम हो कि रायपुर में हुई धर्मसंसद में महात्मा गांधी को गाली देने तथा उनकी हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को बीते दिनों कालीचरण महाराज ने नमन किया था। वहीं तभी से उनके खिलाफ कई जगह एफआईआर दर्ज हुई। जिसमें रायपुर भी शामिल है। बता दें कि इसके बाद से ही छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्यमंत्री ने कहा था कि कालीचरण महाराज को कैसे भी करके गिरफ्तार किया जाएगा और इसी के तहत बीते दिन उन्हें रायपुर पुलिस ने खजुराहो से गिरफ्तार कर लिया।


बता दें कि रायपुर कोर्ट ने उन्हें पुलिस हिरासत में भेज दिया है और उनके खिलाफ राजद्रोह का केस भी दर्ज किया गया है। लेकिन दूसरी तरफ, कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी के छत्तीसगढ़ पुलिस के तरीके पर मप्र के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कड़ी आपत्ति जताई है। गौरतलब हो कि उन्होंने कहा कि बिना सूचना दिए इस तरह अन्य राज्य में जाकर किसी भी आरोपी को पकड़ना संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है। इतना ही नहीं उन्होंने डीजीपी विवेक जौहरी से इस बारे में छत्तीसगढ़ के डीजीपी से बात कर मप्र सरकार की ओर से आपत्ति दर्ज कराने की बात भी कही है।

इतना ही नहीं नरोत्तम मिश्रा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जो लोग नक्सली पकड़ने में असफल रहें हैं। उनके द्वारा एक बाबा को रात 3 बजे कुख्यात अपराधी जैसे पकड़ना उचित नहीं और हां अगर दूसरे राज्य में दबिश दी जा रही या किसी को पकड़ना है तो पहले सम्बंधित स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना देनी थी। वहीं आगे अपनी बात रखते हुए मिश्रा ने कहा कि कालीचरण महाराज ने जो कहा था, वह गलत है, लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस ने जो किया, वह भी सरासर गलत है।

वहीं जानकारी के लिए बता दें कि इस मामले पर चुप भूपेश बघेल भी नहीं रहें और उन्होंने तपाक से यह सवाल पूछ लिया कि नरोत्तम मिश्र यह बताएं कि कालीचरण की गिरफ्तारी से वे खुश हैं या दुखी? वहीं इसका जवाब देते हुए नरोत्तम ने फिर कहा कि नक्सली तो पकड़ नहीं पा रहे, एक बाबा को रात 3 बजे किसी के घर में घुसकर कुख्यात अपराधी की तरह पकड़ रहे हो।

इस बारे में स्थानीय पुलिस को बताते या राज्य स्तर पर बताते। लेकिन आपने ऐसा कुछ भी नही किया। जो नीति के खिलाफ है। ऐसे में कुल-मिलाकर देखें तो कालीचरण की गिरफ्तारी पर लगातार सियासत गरमाती जा रही है और भाजपा और कांग्रेस दोनो अपने हिसाब से सियासत को साधने में लगें हुए है।

कालीचरण को पकड़ने के लिए पुलिस बनी उनकी भक्त…

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वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कालीचरण को पकड़ने के लिए पुलिस को उसका भक्त बनना पड़ा। जी हां पुलिस ने बागेश्वर धाम पहुंचकर उनके पीए से कहा कि महाराज के दर्शन करने हैं तो उसने कहा कि अभी नहीं मिल सकते, लाखों की संख्या में वेटिंग चल रही है। वहीं इसके बाद पुलिस ने एक और पासा फेंका कि हम बहुत दूर से आए हैं और हमारे पास वापिसी की टिकट भी है।

ऐसे में उनको बाबा से मिलने की इजाजत मिली और फिर क्या था पुलिस ने अपने असली रंग में आते हुए कालीचरण महाराज को गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के लिए बता दें कि कालीचरण महाराज को पकड़ने के लिए पुलिस ने 62 घंटे का ऑपरेशन चलाया। तब जाकर रायपुर पुलिस को सफलता मिली।

शिव तांडव स्तोत्र से मिली थी कालीचरण महाराज को प्रसिद्धि…

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वहीं जानकारी के लिए बता दें कि कालीचरण महाराज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। जिसमें उनके द्वारा भोजपुर मंदिर में शिव तांडव स्तोत्र को गाया गया था और उसी के बाद वह फ़ेमस हुए थे। जिसके बाद वे इंदौर के भय्यू महाराज से जुड़े और भय्यू जी महाराज ने उन्हें खामगांव (महाराष्ट्र) स्थित आश्रम की जिम्मेदारी सौंपी थी।

कालीचरण ने गांधी पर लगाया यह आरोप…

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बता दें कि उन्होंने कहा है कि गांधी की वजह से ही सरदार वल्लभ भाई पटेल देश के प्रधानमंत्री नहीं बने। इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि अगर सरदार वल्लभ भाई पटेल प्रधानमंत्री बनते तो आज भारत अमेरिका से भी बड़ी पावर बन सकता था। इसके अलावा कालीचरण ने महात्मा गांधी पर वंशवाद को बढ़ावा देने, भगत सिंह, राजगुरु की फांसी न रुकवाने, जैसे आरोप भी लगाए।

मुझ जैसे करोड़ों कालीचरण मरने को तैयार…

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वहीं मालूम हो कि विवादित बयानों की वजह से पहचान बनाने वाले कालीचरण ने रायपुर पुलिस द्वारा FIR किए जाने के मामले पर भी बीते दिनों अपना बयान एक वीडियो जारी कर रखा था कि, “मुझे अगर सच बोलने के लिए मृत्यु दंड की सजा भी दी जाती है तो वह मौत को स्वीकार करेंगे।

” इसके अलावा उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज का उदाहरण देते हुए कहा था कि उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपनी जान दे दी तो मुझ जैसे तुच्छ जंतु जीकर क्या करेंगे, मुझ जैसे करोड़ों कालीचरण मरने को तैयार हैं।

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