राजनीति

महज 15 दिन में BJP ने खेला ऐसा मास्टर स्ट्रोक, कि बदल गए इन 3 राज्यों के चुनावी समीकरण

यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर ये देश के वह 5 राज्य हैं जहां जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। पंजाब को छोड़कर सभी चार राज्यों में भाजपा की सरकार है। ऐसे में इस विधानसभा चुनाव में भी अपनी सत्ता कायम रखने के लिए बीजेपी पूरा जोर लगा रही है। चुकी चुनाव आने में अब अधिक समय नहीं बचा है ऐसे में पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बीजेपी ने बीते 15 दिनों में तीन मास्टर स्ट्रोक चल दिए। इसके चलते बाकी दल चुनावी रेस को जीतने की दौड़ में बहुत पीछे दिखाई दे रहे हैं।

पंजाब: करतारपुर के जरिए सिखों का गुस्सा कम करने का प्रयास

2020 के अंत में पंजाब से बड़ी संख्या में किसान, खेती कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर बैठे थे। तब बीजेपी के लिए पंजाब पर सत्ता कायम करना कठिन लग रहा था। फिर किसान आंदोलन और तेज हुआ और मीडिया में भाजपा के प्रति सिखों की नाराजगी दिखने लगी।

इस बीच पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान के मध्य पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह ने अलग होकर अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया। ऐसे में भाजपा ने भी इस माहौल का लाभ उठाते हुए करतारपुर कॉरिडोर को खोलने की घोषणा कर दी। इस फैसले से भाजपा के प्रति सिखों की नाराजगी में कमी दिखी।

इसके साथ ही भाजपा ने ये संदेश दे दिया कि उन्हें सिखों की धार्मिक भावनाओं की भी कद्र है। यह राजनीतिक मुद्दों से बढ़कर नहीं है। अब आप भाजपा का सफल मैनेजमेंट देखी। करतारपुर कॉरिडोर खोलने के फैसले के साथ ही उन्होंने पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ गठबंधन को लेकर कदम आगे बढ़ा लिए।

यूपी: कृषि कानूनों की वापसी

pm modi cm yogi

केंद्र सरकार ने जब से तीन कृषि कानूनों का ऐलान किया था तभी से उसके खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन स्टार्ट हो गया था। एक साल से ज्यादा समय से चल रहे किसान आंदोलन को यूपी चुनाव में एक बड़ा फैक्टर माना जा रहा था। फिर जब किसान संगठनों ने वेस्ट यूपी के मुजफ्फरनगर में एक विशाल रैली निकाली तो कयास लगाए जाने लगे कि इस बार यूपी भाजपा के साथ से निकल सकती है।

फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मास्टर स्ट्रोक लगाते हुए कृषि कानूनों को ही वापस लेने का ऐलान कर दिया। इससे सभी राजनीतिक समीकरण उथल पुथल हो गए। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि कृषि कानूनों की वापसी पर किसानों की नाराजगी कम हो या ना हो, लेकिन बीजेपी को अब वेस्ट यूपी में पहले जैसे विरोध को नहीं झेलना पड़ेगा।

कृषि कानूनों को वापस लेने के बावजूद यदि किसान अनोदलन जारी रहता है तो भाजपा कह सकती है कि ये विपक्ष की राजनीति है। इसलिए कृषि कानूनों की वापसी भाजपा का एक बड़ा दांव है।

उत्तराखंड: देवस्थानम बोर्ड पर यूटर्न

उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार द्वारा पेश किए गए देवस्थानम बोर्ड गठन के विधेयक के चलते भाजपा का स्टार्टिंग से विरोध हो रहा है। इस मसले पर चारों धाम के पुरोहित संगठन खुलकर भाजपा और राज्य सरकार का विरोध करने लगे थे। दूसरी तरफ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने भी इसे फटाफट सियासी मुद्दा बना दिया।

पीएम मोदी के केदारनाथ दौरे से पूर्व ही भाजपा के दो दिग्गज नेताओं को केदारनाथ धाम में पुरोहितों का भारी विरोध का सामना करना पड़ा था। इस स्थिति में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा चुनाव से पहले इस सियासी दावपेचों को भांप लिया और देवस्थानम बोर्ड बनाने के विधेयक को वापस लेने की घोषणा कर दी। इस तरह उन्होंने विपक्ष के हाथ से एक बड़ा मुद्दा छीन लिया। नहीं तो चुनाव के समय देवस्थानम बोर्ड का मुद्दा भाजपा को भारी नुकसान पहुंचा सकता था।

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