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क्या आप ने देखी दुनिया की पहली मोटरसाइकिल? जाने कैसे आया इसे बनाने का आइडिया

बाइक्स यानि मोटरसाइकिल हर किसी को पसंद होती है। बाइक हमारे सफर को बहुत आसान कर देती है। ये कार की तुलना में काफी सस्ती भी होती है। आजकल बाजार में कई तरह की बाइक्स उपलब्ध है। ये सस्ती से लेकर महंगी तक होती हैं। पेट्रोल बाइक्स से लेकर इलेक्ट्रिक बाइक्स तक कई विकल्प बाजार में मौजूद हैं।

इनमें आपको कई रंग, स्टाइल और साइज़ मिल जाते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी बाइक दिखाने जा रहे हैं जो दुनिया की सबसे पहली पेट्रोल से चलने वाली बाइक थी।

इस शख्स ने बनाई की वर्ल्ड की पहली मोटरसाइकिल

The Daimler Reitwagen

दुनिया की पहली मोटरसाइकिल का निर्माण 10 नवंबर 1885 को हुआ था। इसे एक जर्मन इंजीनियर (German Engineer) डेमलर रीटवेगन ने बनाया था। उन्होंने इस बाइक का नाम डेमलर रीटवेगन (Gottlieb Daimler) या राइडिंग साइकिल रखा था। हालांकि इस बाइक को इन्सपुर या सिंगल ट्रैक के नाम से भी जाना जाता है। इस बाइक को बनाने के लिए डेमलर ने विल्हेम मेबैक की मदद ली थी। लोग डेमलर को मोटरसाइकिल का जनक भी कहते हैं।

The Daimler Reitwagen

दिखने में कुछ ऐसी थी दुनिया की पहली बाइक

The Daimler Reitwagen

इस बाइक में थ्री स्टीम सिस्टम और दो पहिए थे। इस बाइक की कुछ तस्वीरें इन दिनों सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रही है। वैसे बता दें कि इसके पहले स्टीम इंजन से चलने वाली बाइक बन चुकी थी। हालांकि पेट्रोलियम से चलने वाली ये पहली बाइक थी। इस बाइक में एक विशेष प्रकार का कंबूसन इंजन लगा था। इस इंजन के अंदर पेट्रोलियम पदार्थ जलता था।

ऐसे आया बाइक बनाने का आइडिया

The Daimler Reitwagen

डेमलर साल 1861 में पेरिस के दौरे पर निकले थे। यहां उन्होंने पहली बार एटिने लेनोइर के बनाए गए पहले कंबूसन इंजन (Combustion Engine) को देखा। यह ओटोमोबाईल की दुनिया में पहला सफल कंबूसन इंजन था। इस इंजन का डाउन साइड यही था कि ये साइज़ में बहुत बड़ा था। हालांकि बाद में इसे धीरे-धीरे छोटा किया गया। यहीं से डेमलर को दो पहियाँ वाहन के लिए ऐसा छोटा इंजन बनाने का विचार आया।

कौन थे डेमलर रीटवेगन

The Daimler Reitwagen

डेमलर रीटवेगन ने साल 1884 में दुनिया की पहली मोटरसाइकिल पर काम स्टार्ट कर दिया था। उन्होंने इसे पेट्रोलियम रीटवेगन के रूप में पेटेंट भी कराया था। इस काम में उनके बिजनेस पार्टनर विल्हेम मेबैक ने भी मदद की। दोनों ने छोटे और हाईस्पीड वाले इंजन बनाने पर फोकस किया। 1883 में दोनों होरिजेंटल सिलेंडर का लेआउट तैयार कर चुके थे। इसे लिक्विड पेट्रोलियम से चार्ज किया जा सकता था।

इस प्रक्रिया से इंजन को हाईस्पीड हासिल होती थी। इसके बाद वर्ष 1885 में डेमरल ने वर्टिकल सिलेंडर वर्जन रेडी किया। इस इंजन का उपयोग टू व्हीलर में किया जाने लगा। इसे ही पेट्रोलियम रीटवेगन (राइडिंग कार) नाम दिया गया।

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