अध्यात्म

जन्माष्टमी पर पूजा में शामिल करें ये 7 चीजें, देखिए फ़िर कैसे बदल जाएगी आपकी जिंदगी…

भगवान श्रीकृष्ण को पसंद हैं ये 7 चीजें। जन्माष्टमी पर पूजा में करें शामिल, मिलेगी विशेष कृपा...

भारत संस्कृति और सभ्यताओं का देश है। यहां आएं दिन कोई न कोई पर्व मनाया जाता है। इसी के तहत भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। बता दें कि इस बार जन्माष्टमी 30 अगस्त 2021, सोमवार को पड़ रही है। मंदिरों में अभी से ही कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू हो गई हैं। श्रीकृष्ण जी के जन्म स्थान ब्रज के वृंदावन में भी जन्माष्टमी की तैयारीयां जोरो-शोरों से चल रही है। वहीं गौरतलब हो कि अष्टमी के दिन जन्में भगवान कृष्ण को विष्णु जी का ही अवतार माना जाता है।

इस दिन भक्त पूरा दिन उपवास करते हैं रात के 12 बजे तक भगवान कृष्ण जी का जागरण, भजन, पूजन-अर्चना करते हैं और जन्माष्टमी के दिन भक्त अपने घरों में कान्हा जी का पालना सजाते हैं। उस पर उन्हें बैठाते हैं और उसे फूलों और गुब्बारों से सजाते हैं। कान्हा जी को फैंसी पोशाक पहनाते हैं, जेवर पहनाकर सजा कर पालने में झूलाते हैं।

भगवान विष्णु के 8 वें अवतार भगवान कृष्ण ने कंस के कारागृह में देवकी की आठवीं संतान के रूप में जन्म लिया था। भगवान श्रीकृष्‍ण को कुछ चीजें जैसे बांसुरी, मोरपंख, माखन मिसरी इत्‍यादि बेहद प्रिय थीं। मान्‍यता है कि जन्‍माष्टमी की पूजा में उनकी प्रिय वस्‍तुओं को शामिल करने से ईश्‍वर की विशेष कृपा प्राप्त होती है। ऐसे में आइए आज हम आपको बताते है श्रीकृष्‍णजी को प्रिय ऐसी 7 वस्तुओं के बारे में जो जन्‍माष्‍टमी की पूजा में शामिल करना बहुत शुभ ही माना जाता है।

माखन मिसरी…

टीवी पर अगर हमने भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ा धारावाहिक देखा होगा। तो हमें यह पता होगा कि भगवान कृष्‍ण को बचपन से ही माखन मिसरी बेहद प्रिय था और वह गोपियों का माखन चुराकर खाया करते थे, इस वजह से उनका एक नाम माखनचोर भी पड़ा था। जन्‍माष्‍टमी की पूजा में माखन मिसरी से कान्‍हाजी का भोग लगाया जाना चाहिए। इसके लिए आपको गाय के दूध का माखन और डेले वाली मिसरी का प्रयोग करना चाहिए। ये दोनों ही वस्‍तुएं सबसे शुभ मानी जाती हैं।

पिसा हुआ धनिया…

Krishna Janmashtami

इतना ही नहीं जन्माष्टमी के पर्व के दिन श्रीकृष्‍णजी की पूजा में पिसे हुए धनिया का भी खास महत्‍व होता है। ज्‍योतिष में धनिया को धन से जोड़कर देखा जाता है। भोग प्रसाद में धनिया का प्रयोग करना आपको सुख समृद्धि प्रदान करता है। आम तौर पर लोग धनिए की पंजीरी बनाकर भगवान को भोग के रूप में अर्पित करते हैं।

मोरपंख…

बता दें कि श्रीकृष्‍णजी अपने मुकुट में सदैव मोर का पंख धारण करते थे। ऐसे में जन्माष्‍टमी की पूजा में मोरपंख सदैव रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि घर के पूजा के स्‍थान में सदैव मोरपंख रखने से आपके घर से हर प्रकार की नकरात्‍मकता दूर रहती है। साथ ही घर में लक्ष्‍मीजी का वास भी होता है।

पंचामृत…

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वैसे तो पंचामृत पांच वस्‍तुओं से मिलकर बनाया जाने वाला ऐसा पदार्थ है जिससे भगवान का भोग लगाया जाता है। जिसमें पांच मेवा, दूध, दही, घी, गंगाजल और शहद होती है। वहीं अगर यही पंचामृत भगवान श्रीकृष्‍ण के भोग के लिए जन्माष्टमी के दिन रखा जाए। तो यह काफ़ी शुभकारी माना जाता है।

बांसुरी…

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जन्‍माष्‍टमी की पूजा में बांसुरी रखना बेहद जरूरी माना जाता है। मान्‍यता है कि बांसुरी पूजा में रखने से भगवान कृष्‍ण आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

गाय की मूर्ति…

कान्‍हाजी को बचपन से ही गाय यानी कि गौमाता से खास लगाव था। वह अक्‍सर गाय के बछड़े के साथ खेला करते थे और गाय को चराने ले जाया करते थे। इसलिए कान्‍हाजी के लिए भोग प्रसाद तैयार करने में गाय के घी का प्रयोग किया जाता है। वहीं जन्‍माष्‍टमी पूजा में आप गाय की छोटी सी मूर्ति भी रख सकते हैं।

वैजयंती का फूल…

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जन्‍माष्‍टमी पर भगवान श्रीकृष्‍ण की पूजा में वैजयंती का फूल अगर कहीं मिल पाना संभव हो तो अवश्‍य लाएं। भगवान कृष्‍ण को यह फूल सबसे प्रिय माना जाता है। पूजा में वैजयंती का फूल चढ़ाने से कान्‍हाजी प्रसन्‍न होकर हर इच्छित वर पूरा करते हैं।

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वहीं आख़िर में आप सभी की जानकारी के लिए बता दें कि हिंदू पंचाग के अनुसार इस साल कृष्ण जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त 29 अगस्त, रविवार को रात 11:25 से शुरू होकर 30 अगस्त, सोमवार रात 1:59 तक रहेगा। यही नहीं, पूजन का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त को रात 11:59 से देर रात 12:44 तक रहेगा। अतः रोहिणी नक्षत्र की शुरुआत 30 अगस्त, सुबह 6:39 से होकर 31 अगस्त सुबह 9:44 तक रहेगा।

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