दिलचस्प

जर्मनी में कमाते थे लाखों, गांव के लिए कुछ करने की चाह ने बना दिया मेरठ जिला पंचायत अध्यक्ष

हम चाहे दुनिया के किसी भी कौने में चले जाएं, कितने भी पैसे कमा लें, कितनी भी भौतिक सुख सुविधाओं का आनंद ले लें, लेकिन अपने देश, अपने वतन और अपनी मिट्टी की बात ही कुछ और होती है। मन को आली संतुष्टि यहीं बसकर मिलती है। यही वजह है कि विदेश में लाखों करोड़ों कमाने वाले कई लोग कुछ सालों बाद अपने देश, अपने गांव आकर बस गए। ऐसी ही एक कहानी उत्तर प्रदेश में मेरठ जिले के निर्विरोध निर्वाचित हुए जिला पंचायत अध्यक्ष  गौरव चौधरी की है। जर्मनी में अच्छा खासा कारोबार चलाने के बावजूद वे अपने गांव की मिट्टी की ओर खींचे चले आए। उन्होंने ऐसा क्यों किया इसकी भी एक दिलचस्प वजह है।

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गौरव चौधरी ने अपनी इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई मेरठ शहर से की थी। इसके बाद कॉलेज उन्होंने जर्मनी से किया। पढ़ाई के दौरान उन्हें जर्मनी से प्यार हो गया और वे यहीं बस गए। यहाँ उन्होंने इंपोर्ट, एक्सपोर्ट और कंस्ट्रक्शन का बिजनेस स्टार्ट किया। जल्द ही उनका कारोबार यहां अच्छा खासा चलने लगा। ऐसे में वे अपनी बीवी और बच्चे के साथ यहीं सेटल हो गए।

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गौरव विदेश में जरूर रहते थे, लेकिन उन्हें गांव की मिट्टी भी याद आती थी। इसलिए वे साल में कम से कम दो बार जर्मनी से गांव जरूर आते थे। इस दौरान उनका गांव और समाज के लिए कुछ करने का मन हुआ। ऐसे में उन्होंने जर्मनी में रहते हुए गांव में अपने दादा चौधरी भीम सिंह के नाम से एक मेमोरियल ट्रस्ट सामाजिक संस्था शुरू की। यह संस्था के माध्यम से वे बच्चों और गरीबों की सहायता करने लगे। लेकिन वे युवाओं के लिए भी कुछ करना चाहते थे।

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जर्मनी में अच्छे से सेटल होने के बावजूद गौरव चौधरी अपने गांव लौट आए। इसका श्रेय वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देते हैं। उन्हें हमारे पीएम का काम करने का तरीका और उनकी जीवन शैली बड़ी पसंद आई। वे पीएम मोदी को अपना आदर्श मानते हैं। उनका कहना है कि मोदीजी ने इंडिया की इमेज पूरे वर्ल्ड में चेंज कर दी है। आज पूरे विश्व में इंडिया का बहुत मान सम्मान है। सभी भारतीय अपना सिर गर्व से ऊंचा कर घूमते हैं। बस इन्हों बातों से प्रभावित होकर मैं अपने गांव लौट आया।

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गांव आने पर गौरव के चहचा योगेंद्र ने उन्हें चुनाव लड़ने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि तुम विदेश रहकर आए हो, पढ़े लिखे भी हो, तुम्हें चुनाव लड़कर समाज के लिए कुछ करना चाहिए। गौरव के चाचा भी जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। चाचा की बात मान गौरव ने राजनीति में कदम रखा। उन्होंने जिले के वार्ड-18 कुसैडी से बीजेपी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और भरी वोटों से जीत भी गए।

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इसके बाद 32 वर्षीय गौरव चौधरी को मेरठ जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध चूना गया। पूरे मेरठ में उन्हें टक्कर देने लायक प्रत्याशी नहीं था। अपनी जीत पर उन्होंने कहा था कि ये मेरी नहीं बल्कि पार्टी और जनता की जीत है। जीत के बाद उन्होंने जनता से वादा किया कि वह जर्मनी की तरह अपने क्षेत्र का भी विकाश करेंगे।

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