राजनीति

कुलभूषण जाधव के काउंसलर एक्सेस पर पाकिस्तान का इंकार, 14वीं बार भी असफल हुआ भारत!

पाकिस्तानी सेना की न्यायालय द्वारा फांसी की सजा पाने वाले भारतीय और रिटायर्ड नेवी अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान की मंशा और नियत पूरे विश्व के सामने साफ होती जा रही है. कुलभूषण से मिलने या उससे बात करने के प्रयासों में भारत को 14वीं बार असफलता मिली है. पाकिस्तान ने इस मामले में कुलभूषण जाधव तक काउंसलर एक्सेस देने से मना कर दिया है.

काउंसलर एक्सेस पर पाकिस्तान का इंकार :

Indian spy given death sentence

पाकिस्तानी सेना का कहना है कि इस मामले में पाकिस्तानी सरकार और सेना किसी तरह का कोई समझौता नहीं कर सकती. पाकिस्तान का कहना है कि उसके पास जाधव के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं जिससे यह साबित होता है कि जाधव पाकिस्तान विरोधी गतिविधियों में शामिल थे. इसलिए उन तक पहुंचने के लिए किसी भी प्रकार से काउंसलर एक्सेस नहीं दिया जा सकता है.

वहीं भारतीय अधिकारियों ने ऐसी किसी भी सूचना की पुष्टि फिलहाल नहीं की है. माना जा रहा है कि पाकिस्तानी सरकार ने भारत को अभी तक इस मसले पर कोई जानकारी नहीं दी है. मगर पाकिस्तानी सेना के बयान से यह बात स्पष्ट है कि पाकिस्तानी सरकार का रुख क्या है. पाकिस्तानी सेना भारत की इस बात को भी नकार रही है कि जाधव को सभी कानूनी जरूरतें मुहैया नहीं कराई गयी हैं.

कुलभूषण जाधव के मुद्दे पर भारत का रुख पूरी तरह से स्पष्ट है भारत ने पहले ही कहा था कि अगर कुलभूषण जाधव को फांसी दी गयी तो यह पाकिस्तान द्वारा नियोजित तरीके से की गयी हत्या होगी. इससे भारत और पाकिस्तान के संबंधो को गहरा नुकसान पहुंचेगा. गौरतलब है कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को किसी भी अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण और फोरम तक नहीं पहुंचने देगा. इतना ही नहीं उसके रुख से यह स्पष्ट हो चुका है कि वही किसी भी कीमत पर इस मामले में पारदर्शिता नहीं आने देगा.

पाकिस्तान न तो जाधव तक काउंसलर एक्सेस दे रहा है और न ही किसी अन्य तरह से उनके व्यक्तिगत पक्ष को दुनिया के सामने आने दे रहा है. ऐसे में कई सवाल पाकिस्तान के रवैये और कानूनी प्रक्रिया पर उठ रहे हैं. गौरतलब है कि कुलभूषण जाधव को पिछले हफ्ते पाकिस्तानी सेना की न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई है. पाकिस्तान ने उन्हें पाकिस्तान विरोधी गतिविधियों का दोषी पाया है. पाकिस्तान का कहना है कि उन्हें उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वो ईरान से पाकिस्तान में दाखिल होने का प्रयास कर रहे थे.

जबकि भारत कह रहा है कि पाकिस्तानी सेना और तालिबान ने मिलकर ईरान से कुलभूषण का अपहरण किया और इसके बाद पाकिस्तान में लाकर उनपर ट्रायल चलाया गया.

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