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एवरेस्ट पर शाखा लगाने वाले RSS कार्यकर्ता ने 22,482 फीट ऊँचें पर्वत पर लहराया CAA समर्थन का झंडा

सीएए को लेकर देशभर में लोग अलग अलग तरह से प्रदर्शन और समर्थन कर रहे हैं. इसी कड़ी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विपिन चौधरी ने एक बहुत ही अनोखे अंदाज़ में नागरिक संशोधन अधिनियम का समर्थन किया हैं. विपिन RSS के पदाधिकारी होने के साथ साथ एक पर्वतारोही भी हैं. उन्होंने तो माउंट एवरेस्ट पर आरएसएस का झंडा फहरा कर एक ‘शाखा’ चलाने तक का दावा किया हैं. इसके बाद मोदी सरकार के सीएए को समर्थन देने के लिए उन्होंने इसके बैनर का एक झंडा एशिया के बाहर सबसे ऊंचे पर्वत दक्षिण अमेरिका स्थित एकोनकागुआ पर फहरा कर सबकों हैरान कर दिया.

विपिन चौधरी यूपी के मुरादनगर में आरएसएस के सह महानगर कार्यवाह हैं. विपिन के पिता उत्तर प्रदेश पुलिस में कार्यरत हैं जबकि माँ हाउस वाइफ हैं. विपिन ने 22 मई 2019 को एवरेस्ट पर्वत की 29,029 फीट लंबी चढ़ाई की थी. अब अपने इसी पर्वतारोही के गुण को दिखाते हुए वे दक्षिण अमेरिका के अर्जेंटीना के पहाड़ एकोनकागुआ पर भी 18 दिसंबर को चढ़े थे. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ये सभी पहाड़ ‘सेवन समिट’ का ही एक हिस्सा हैं.

विपिन हाल ही में मोदी सरकार द्वारा लाए गए नागरिक संशोधन अधिनियम का समर्थन अलग अंदाज़ में करना चाहते थे. ऐसे में उन्होंने अपने पर्वतारोही होने के गुण को इसमें जोड़ दिया और सीएए का एक बैनर एकोनकागुआ नामक पहाड़ की चोटी पर फहरा दिया. विपिन जब एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचे थे तो उन्होंने वहां पर अपनी आरएसएस का भगवा तिरंगा भी लहराया. विपिन के लिए ये सब किसी सपने के सच होने जैसा था. इतना ही नहीं नेपाल सरकार द्वारा विपिन को माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के बाद एक सर्टिफिकेट भी दिया गया था.

विपिन ने अर्जेंटीना के जिस एकोनकागुआ नामक पर्वत पर सीएए समर्थन का झंडा फहराया हैं उसकी उंचाई जमीन से करीब 22,482 फीट हैं. ये काम उन्होंने 18 दिसंबर को किया था. बता दे कि जब तक नागरिक संशोधन विधेयक पास हो गया था. चुकी कई लोग इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे इसलिए विपिन ने चढ़ाई के पहले इसके समर्थन वाला एक तिरंगा भी अपने साथ रख लिया था. ऐसे में जब वे इस उंचाई वाले पर्वत की चोटी पर पहुँचने में सफल रहे तो उन्होंने इस सीएए वाले झंडे को फहरा के अपना समर्थन प्रकट किया.

विपिन ने चढ़ाई भले ही 18 दिसंबर को स्टार्ट की थी लेकिन वे चोटी पर एक जनवरी को पहुंचे थे. उनके इस बैनर पर ‘मैं सिटिज़नशिप अमेंडमेंट लॉ का समर्थन करता हूं.’ लिखा हुआ था. ऐसा करने के पीछे की वजह बताते हुए विपिन कहते हैं कि मैं पूरी दुनियां को ये बताना चाहता था कि भारतीय सीएए को लेकर क्या सोचते हैं. इसके साथ मैं सभी हिन्दुस्तानियों को सीएए का सपोर्ट करने का संदेश भी देना चाहता था.

बचपन से ही आरएसएस की सदस्यता लेने वाले विपिन कहते हैं कि इन ऊँची चोटियों पर चढ़ना जितना कठिन हैं वहां से नीचे उतरना भी उतना ही मुश्किल हैं. एक बार जब आप उंचाई पर पहुँच जाते हैं तो वहां ज्यादा देर नहीं रुक सकते हैं. इस काम के लिए बहुत शारीरिक श्रम की जरूरत पड़ती हैं.

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