राजनीति

शिवसेना को लगा तगड़ा झटका, 400 कार्यकर्ता ने थामा बीजेपी पार्टी का हाथ

महाराष्ट्र में इस समय शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की सरकार बनीं हुई है। जबकि राज्य का मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बनाया गया है। दरअसल बीजेपी पार्टी से नाता तोड़ने के बाद शिवसेना पार्टी ने इस राज्य में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस-एनसीपी का सहारा लिया था। और इन दोनों पार्टी से बहुमत मिलने के बाद शिवसेना अपनी सरकार इस राज्य में बना पाने में कामयाब हुई थी। वहीं अब शिवसेना पार्टी को तगड़ा झटका लगा है और इस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बीजेपी पार्टी का हाथ थाम लिया है।

सरकार बनने के बाद से ही शिवसेना और बीजेपी पार्टी के बीच की दूरियां और बढ़ गई हैं और इसी बीच शिवसेना पार्टी के 400 कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़कर बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है।

इस वजह से शामिल हुए बीजेपी में

कहा जा रहा है कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की सरकार बनने से शिवसेना पार्टी के कार्यकर्ता नाराज हैं और इस नाराजगी के कारण शिवसेना पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बीजेपी की सदस्या ली है। बीजेपी में शामिल होने वाले एक कार्यकर्ता रमेश नाडार के अनुसार पार्टी के 400 कार्यकर्ताओं ने बीजेपी जॉइन की है। क्योंकि उनकी पार्टी ने हिंदू विरोधी दलों के साथ सरकार बनाई है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि पिछले 7 साल से शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस के खिलाफ लड़ रही थी। लेकिन चुनाव के बाद शिवसेना ने इन दोनों पार्टी से हाथ मिला लिया है जो कि गलत है।

गौरतलब है कि शिवसेना और बीजेपी की और से महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव एक साथ ही लड़ा गया था। वहीं ये चुनाव जीतने के बाद शिवसेना पार्टी बीजेपी से अलग हो गई थी और सरकार बनाने के लिए विपक्षी दलों से जा मिली थी। दरअसल महाराष्ट्र की 288 सीटों पर इन दोनों पार्टियों ने गठबंधन किया था। जिसके तहत बीजेपी पार्टी की और से 164 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए गए थे। जबकि शिवसेना ने 124 सीटों से ये चुनाव लड़ा था।

बीजेपी पार्टी 164 सीटों में से 105 सीटे जीतने में सफल हुई थी। जबकि शिवसेना 56 सीटें ही अपने नाम कर सकी थी। जीत हासिल करने के बाद शिवसेना और बीजेपी पार्टी में से किस पार्टी के सदस्य को मुख्यमंत्री बनाया जाए। इसको लेकर मतभेद शुरू हो गए थे। बीजेपी पार्टी देवेंद्र फडणवीस को दोबारा से इस राज्य का मुख्यमंत्री बनाना चाहती थी। जबकि शिवसेना पार्टी उद्धव ठाकरे को इस राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहती थी। मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति नहीं बनने के बाद शिवसेना और बीजेपी पार्टी के बीच हुआ ये गठबंधन टूट गया था। गठबंधन टूटने के बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिलाकर राज्य में सरकार बनाने का फैसला किया। वहीं बीजेपी पार्टी की और से भी राज्य में दोबारा से सरकार बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया गया। लेकिन अंत में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी अपनी सरकार इस राज्य में बना पाने में कामयाब हुए। वहीं सरकार बनाने के कुछ ही हफ्तों बाद शिवसेना पार्टी के 400 कार्यकर्याओं ने बीजेपी पार्टी को ज्वाइंन कर लिया है जो कि शिवसेना पार्टी के लिए एक किसी झटके से कम नहीं है।

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