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अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने खोली कांग्रेस की पोल, कांग्रेस की वजह से पूरे देश को होना पड़ा शर्मिंदा

हमारे देश में कांग्रेस का इतिहास जितना पुराना है उसके भ्रष्टाचार का इतिहास भी उतना ही पुराना है. भारत में कांग्रेस सबसे ज्यादा समय तक सत्ता में रही है ऐसे में कांग्रेस ने देश में विकास के पीछे कई बड़े घोटाले भी किये हैं.

अमेरिकी खुफिया एजेंसी के तहत भारत में हुये घोटालों में बोफोर्स स्कैम सबसे अहम् घोटाला है, और ये घोटाला भी कांग्रेस के पूरे कार्यकाल के उस दौर का है जब जिसे वो अपने समय का स्वर्णिम युग मानती है जिसे कांग्रेस विकास की राह में मील का पत्थर मानती आई है. और वो समय है राजीव गाँधी का कार्यकाल.

राजीव गाँधी के कार्यकाल को लोग कलर टीवी और कंप्यूटर की उपलब्धता से जोड़कर देखते हैं, लेकिन इसी कार्यकाल में देश में एक ऐसा घोटाला भी हुआ जिससे दुनिया भर में भारत की थू थू हुई.

क्या कहती है अमेरिकी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट :

अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए ने हाल ही में कुछ दस्तावेज जारी किये हैं, दरअसल यह दस्तावेज बोफोर्स तोप घोटाले से जुड़े हुये हैं, ये दस्तावेज पहले सीआईए के गुप्त दस्तावेजों में शामिल थे लेकिन हाल ही में इन्हें गुप्त दस्तावेजों की लिस्ट से निकालते हुये सार्वजानिक कर दिया गया.

राजीव गाँधी ने ली थी रिश्वत :

रिपोर्ट के मुताबिक बोफोर्स तोप घोटाले में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी भी प्रत्यक्ष तौर पर शामिल थे, रिपोर्ट में बताया गया है कि स्वीडेन की कंपनी बोफोर्स ने तत्कालीन प्रधानमंत्री समेत कई बड़े अधिकारियों को रिश्वत दी थी जिसके कारण बोफोर्स के साथ तोप खरीदने का सौदा किया जा सका था.

लेकिन राजीव गाँधी ने उस समय चल रही जाँच को बंद करा दिया था, इसके पीछे मुख्य वजह यह थी कि उनका नाम घोटाले में सीधे तौर पर शामिल था और ये उनकी साख पर बहुत बड़ा धब्बा बनने वाला था.

क्या है बोफोर्स का मामला :

बोफोर्स तोप खरीदने के लिये 150 करोड़ डॉलर की डील हुई थी जिसमें से 4 करोड़ डॉलर की रकम बिचौलियों को दी गई थी और उन बिचौलियों में राजीव गाँधी भी शामिल थे. लेकिन 2004 में दिल्ली की एक अदालत ने इस मामले में राजीव गाँधी के खिलाफ सबूत ना होने पर उन्हें बरी कर दिया था. लेकिन सीआईए की ताज़ा रिपोर्ट ने एक बार फिर कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर दिया है. और एक बार फिर राजीव गाँधी पर सवाल खड़े होने लगे हैं.

कांग्रेस के इस घोटाले की वजह से पूरे विश्व में भारत को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था. और इतना ही नहीं ये एक ऐसा था जिसमे देश का प्रधानमंत्री सीधे तौर पर शामिल था. प्रधानमन्त्री के घोटाले में शामिल होने के कारण विश्व में भारत की और थू थू हुई. कांग्रेस का इतिहास घोटालों से भरा रहा है, देश में जितने भी घोटाले हुये हैं सब कांग्रेस के राज में हुये हैं, फिर वो चाहे बोफोर्स हो, 2जी हो या फिर कोयला.

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