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देश के शहीदों को PM मोदी का बड़ा तोहफा, बोलें ‘आप भूतपू्र्व नहीं, बल्कि अभूतपूर्व हो’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को शहीद हुए जवानों की याद में नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन किया। यह मेमोरियल इंडिया गेट के पास है, जोकि दिल्ली में स्थिति है। नेशनल वॉर मेमोरियल शहीदों के लिए एक बड़ा गिफ्ट माना जा रहा है, जिसकी बात पिछले 55 सालों से चल रही थी, लेकिन अब जाकर यह पूरा हुआ है। मोदी कार्यकाल में शहीदों को यह बड़ा गिफ्ट दिया गया है, जिससे हर भारतीय का सीना चौड़ा हो गया है। इस प्रस्ताव पर 55 साल पहले बातचीत शुरू हुई थी, लेकिन इस बीच कई सरकारे आई और गई, पर इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?

यह वॉर मेमोरियल उन जवानों के प्रति सम्मान का सूचक है, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपनी जान दी है। जी हां, 25 हजार 942 से वीर जवानों की याद में बनाया गया है। यह वॉर मेमोरियल अपने आप में ही खास है, लेकिन दुख इस बात का है कि इसे बनाने में तकरीबन 55 साल से ज्यादा का समय लग गया, जोकि एक लंबा समय है। हालांकि, अब देश को यह वॉर मेमोरियल समपर्ति पर कर दिया है और इस दौरान पीएम मोदी ने कई बड़ी बाते कहीं है, जिनके बारे में हम आपको नीचे बताएंगे।

पीएम मोदी ने कहीं ये बातें

नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी भूतपूर्व नहीं अभूतपूर्व हैं, क्योंकि आप लोगों के समपर्ण की वजह से ही आज हम दुनिया की बड़ी सेना में से एक हैं। आपकी वीरता को हम कभी भी भूल नहीं सकते हैं। आपने अपने शौर्य से जो योजना बनाई है,  उसे हम कभी नहीं भुला सकते हैं, बल्कि यह हमारे लिए गर्व की बात है। पीएम मोदी ने कहा कि जब भी देश पर कोई संकट आया, तब सेना सामने आई और हर संकट को दूर किया।

पुलवामा में शहीद हुए जवानों को नमन

वॉर मेमोरियल का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने तमाम जवानों को सलाम किया तो इसके साथ ही पुलावमा हमले में शहीद हुए 40 जवानों के बलिदान को नमन किया और कहा कि आपका बलिदान बेकार नहीं जाएगा। पीएम मोदी ने कहा  कि मैं सभी मोर्चों पर खड़ें वीरों को नमन करता हूं और नया हिंदुस्तान नई नीति के साथ तेज़ी से अपने मुकाम पर पहुंच रहा है और इसमें सेना का एक अहम रोल है, जिसका कर्ज हम कभी नहीं उतार सकते हैं।

40 एकड़ में बना है वॉर मेमोरियल

25 हजार 942 वीर जवानों की याद में बनाया गया नेशनल वॉर मेमोरियल 40 एकड़ में है। जी हां, इसकी शुरूआत 2015 में हो गई थी। मोदी सरकार ने इसके लिए प्रस्ताव 2015 में ही पारित कर दिया था, जिस पर काम तेज़ी से चल रहा था और लिहाजा अब यह देश के सामने है और आम जनता यहां घूम सकती है और शहीदों को याद कर सकती है। बता दें कि इसमें हर शहीद का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है।

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