![ब्रह्म कमल: इस दुर्लभ फूल से टपकती हैं अमृत की बूंदें, देखने मात्र से पूरी हो जाती है हर इच्छा](https://www.newstrend.news/wp-content/uploads/2019/02/brahma-kamal-15.2.19-4.jpg)
ब्रह्म कमल: इस दुर्लभ फूल से टपकती हैं अमृत की बूंदें, देखने मात्र से पूरी हो जाती है हर इच्छा
प्रकृत्ति ने इस ब्राह्मांण में बहुत सी चीजें ऐसी बनाई हैं जो बहुत ही खूबसूरत हैं. हर चीज का खूबसूरती और उनके गुण अलग-अलग होते हैं फिर वो नदियां हों या तालाब, फूल हों या पेड़-पौधे, झील हो या समुद्र. इन सभी में ना सिर्फ देखने लायक आकर्षण है बल्कि इनमें ऐसे-ऐसे गुण है कि लोग आज भी उन अद्भुत गुणों पर रिसर्च कर रहे हैं. मगर एक ऐसा फूल है जो दुर्लभ है और बहुत ही चमत्कारिक ब्रह्म कमल का फूल, इसके बारे में आपको जरूर पढ़ना चाहिए.
इन गुणों में कुछ ऐसी भी चीजें हैं जो मानव हित के काम में आते हैं. कुछ कुदरती चीजों में देवों की शक्ति होती है जिन्हें आमतौर पर लोग नहीं मानते लेकिन यही सत्य कथन है. उन्हीं चीजों में एक है ब्रह्म कमल का फूल जिसमें ना जाने कितने गुण पाए जाते हैं.
बहुत ही चमत्कारिक ब्रह्म कमल का फूल
ब्रह्म कमल एक सफेद रंग का अद्भुत सा दिखने वाला कमल का फूल है. जिसे खुद सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी का रूप माना जाता है, हिमालय की ऊंचाइयों पर मिलने वाला इस फूल का अपना पौराणिक महत्व है. इस फूल के बारे में एक मान्यता है कि व्यक्तियों की इच्छाओं को पूरा करता है. यह कमल सफेद रंग का होता है जो देखने में असल में बहुत आकर्षक दिखाई देता है और इसके बारे में विस्तार में पौराणिक कहानियों में भी लिखा है.
इस कमल से संबंधित एक बहुत प्रसिद्ध मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस फूल को देख लेता है तो उनकी हर इच्छा पूरी हो जाती है. इसे खिलते हुए देखना आसान नहीं होता क्योंकि ये देर रात में खिलता है और जिसके खिलने का समय कुछ घंटे ही रहता है. ब्रह्म कमल का यह फूल साल में एक बार ही खिलता है और इसके दर्शन बहुत ही दुर्लभ होते हैं.
ब्रह्म कमल को लेकर हैं दो कहानियां
ब्रह्म कमल को लेकर एक पौराणिक मान्यता ये है कि जिस कमल पर सृष्टि के रचयिता खुद ब्रह्मा विराजमान हैं वही ब्रह्म कमल है, इसकी रचयिता ब्रह्माजी ने उत्पत्ति की थी. इसकी दूसरी पौराणिक कहानी ये है कि जब पांडव जंगल में वनवास काट रहे थे तब द्रौपदी भी उनके जंगल गई थीं. द्रौपदी, कौरवों द्वारा हुए अपने अपमान को भूली नहीं थीं और इसके साथ ही वन की यातनाएं भी उन्हें मानसिक दे रही थीं लेकिन जब उन्होंने पानी की लहर में बहते हुए सुनहरे कमल को देखा तो उनके सभी दर्द खत्म हो गए.
द्रोपदी को एक अलग ही खुशी मिली थी जो उन्हें अलग सी आध्यात्मिक ऊर्जा दे रही थी और इसका एहसास द्रोपदी को सुखद रूप से हो रहा था. द्रौपदी ने अपने सबसे अधिक समर्पित पति दुर्योधन को उस सुनहरे फूल की खोज के लिए कहा और उन्हें उसे तलाशने के लिए भेज दिया. खोद के दौरान भीम की मुलाकात हनुमान जी से हुई थी, जिसके बारे में आपने महाभारत में पढ़ा होगा.