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रैपिड रेल: कहीं ज़मीन के ऊपर तो कहीं ज़मीन से नीचे चलेगी ये ट्रेन, स्पीड होगी 180 KM प्रति घंटा

केंद्र की मोदी सरकार लगातार विकास के रास्ते पर बढ़ती जा रही है। जी हां, मोदी सरकार देश को विकास के रास्ते पर बुलेट ट्रेन की तरह दौड़ा रही है। इसी कड़ी में मोदी सरकार के हाथ एक और बड़ी सफलता लगी है। मोदी सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम कर रही है और इसी सिलसिले में एक और सफलता हाथ लगी है। केंद्र सरकार ने दिल्ली से रेवाड़ी के बीच चलने वाली हाई स्पीड ट्रेन कॉरिडोर के डीपीआर को मंजूरी दे दी है, जोकि एक कारगर पहल है। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?

यह प्रोजेक्ट राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) परिवहन का है। इस प्रोजक्ट को पूरा होने में 25000 करोड़ रूपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद दिल्ली एनसीआर के लोगों को यात्रा करने में और भी ज्यादा आसानी हो जाएगी। इस प्रोजेक्ट से गुरूग्राम और अलवर से दिल्ली आने जाने वाले लोगों को काफी राहत मिलेगी। बता दें कि फिलहाल इस प्रोजेक्ट की तैयारियां शुरू हो चुकी है और केंद्र सरकार से इसकी मंजूरी मिल चुकी है। तो चलिए प्रोजेक्ट से जुड़े कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातों के बारे में जानते हैं।

कहां कहां से गुजरेगी ये रेल?

 

दिल्ली और एनसीआर में रहने वाले लोगों की यात्रा को और भी ज्यादा आसान बनाने के लिए इस प्रोजेक्ट की कल्पना की गई है। इसी सिलसिले में दिल्ली, गुरुग्राम और अलवर के बीच रैपिड रेल चलाने की योजना पर काम चल रहा है। बता दें कि इसके पहले चरण में दिल्ली, गुरुग्राम, रेवाड़ी और एसएनबी (शाहजहांपुर, नीमराना, बेहरोर अर्बन कॉम्प्लेक्स) की डीपीआर तैयार की गई है और इसके बाद इसका विस्तार और भी ज्यादा होगा। मतलब साफ है कि पहला चरण सफल होने के बाद इसका विस्तार और भी ज्यादा किया जा सकता है। कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां से शुरू होगा और गुरूग्राम के रास्ते रेवाड़ी तक जाएगी।

इतनी होगी इस रेल की स्पीड

इस प्रोजेक्ट के ज़रिए दिल्ली एनसीआर में सफर करने के लिए लोगों को कम समय खर्च करना होगा। बता दें कि रैपिड रेल की अधिकतम स्पीड 180 किमी प्रति घंटे रहेगी और ऑपरेशन के समय इसकी स्पीड 160 किमी प्रति घंटा होगी। ऐसे में इस स्पीड से दिल्ली से एनसीआर या फिर एनसीआर से दिल्ली का सफर करना और भी ज्यादा आसान हो जाएगा। बता दें कि इस रैपिड रेल में 9 कोच होंगे, जिसमें यात्री सफर कर सकते हैं।

क्या होगी खासियत?

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इस रैपिड रेल में यात्रियों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा। पहले चरण में रैपिड रेल 5 से 10 मिनट के अंतराल पर चलेगी। माना जा रहा है कि यात्रियों को हवाई यात्रा जैसी सुविधा मुहैया कराई जाएगी। बता दें कि इस ट्रेन के सभी कोच एयरकंडीशन होंगे और यात्रियों के सफर को आरामदायक बनाने के लिए हवाई जहाज जैसी सीटें होंगी। इतना ही नहीं, सामन रखने के लिए अलग से स्पेस होगा और इसमें बिजनेस क्लास भी उपलब्ध होगा।

कब होगा पूरा?

संबंधित अधिकारियों का कहना है कि कॉरिडोर अगले पांच साल में पूरा हो जाएगा और ट्रेनों का ऑपरेशन शुरू हो जाएगा। ऐसे में माना जाए तो यह 2025 तक पूरा हो जाएगा और इसमें करीब 8.25 लोग रोज़ाना सफर करेंगे। ऐसे में लोग अब इस रैपिड रेल का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

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