अध्यात्म

हिंदू धर्म के लिए खास है दिसंबर माह, इन व्रतों से हो जाएंगे मालामाल

भारत को अगर त्यौहारों का देश कहा जाए तो कुछ गलत नहीं हैं होगा क्योंकि यहां पर छोटे-बड़े कई तरह के त्यौहार वर्ष भर मनाए जाते हैं। बात करें दिसबंर महीने की तो यह साल का आखिरी महीना है और इसी के साथ इस महीने कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार दस्तक देने वाले हैं। साथ ही लोगों का पसंदीदा त्योहार क्रिसमस भी आ रहे हैं जिसको लेकर बच्चे बड़े एक्साइटेड रहते हैं क्योंकि उनको इसमें गिफ्ट्स मिलते हैं। तो आज हम आपको इस महीने में होने वाले त्यौहारों के बारे में बताएंगे जिससे आप पहले से ही उनकी तैयारियां कर सकें और साल के इस अंतिम महीने में उन पर्वों को अच्छी तरह से मना सकें।

 तारीख  व्रत/ त्योहार
 3 दिसंबर 2018  उत्पन्ना एकादशी
 4 दिसंबर 2018  प्रदोष व्रत
 5 दिसंबर 2018  मासिक शिवरात्रि
 6  दिसंबर 2018  दर्श अमावस्या
 7 दिसंबर 2018  मार्गशीर्ष अमावस्या
 8 दिसंबर 2018  चंद्र दर्शन
 11 दिसंबर 2018  विनायक चतुर्थी
 12 दिसंबर 2018  नाग पंचमी
 13 दिसंबर 2018  चम्पा षष्ठी
 15 दिसंबर 2018  मासिक दुर्गाष्टमी
 16 दिसंबर 2018   धनु संक्रांति
 18 दिसंबर 2018  मोक्षदा एकादशी, गीता जयंती
 19 दिसंबर 2018  गौण मोक्षदा एकादशी, वैष्णव मोक्षदा एकादशी, मत्स्य द्वादशी
 20 दिसंबर 2018  प्रदोष व्रत, हनुमान जयंती, मासिक कार्तिगाई
 21 दिसंबर 2018  रोहिणी व्रत
 22 दिसंबर 2018  दत्तात्रेय जयंती, पूर्णिमा उपवास, अन्नपूर्णा जयंती, भैरवी जयंती, साल का सबसे छोटा दिन
 23 दिसंबर 2018  पौष प्रारम्भ- उत्तर, अरुद्र दर्शन
 25 दिसंबर 2018  संकष्टी चतुर्थी, मेरी क्रिसमस
 27 दिसंबर 2018  मण्डला पूजा
 29 दिसंबर 2018  कालाष्टमी

उत्पन्ना एकादशी- एकादशी का यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन एकादशी का व्रत किया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

प्रदोष व्रत- इस व्रत में शिव भगवान की उपासना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से भोले बाबा प्रसन्न होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

मासिक शिवरात्रि- शिव भक्तों के लिए महाशिवरात्रि का बहुत महत्व है। बता दें की साल में केवल एक महाशिवरात्री पड़ती है और 11 शिवरात्रियां पड़ती हैं, इन्हीं 11 शिवरात्रियों को मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसी समय पर ब्रह्मा और विष्णु जी ने पहली बार शिवलिंग का पूजन किया गया था।

दर्श अमावस्या- धार्मिक और ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार अमावस्या वाले दिन बुरी शक्तियों का प्रभाव ज्यादा होता है और इस दिन वो सभी शक्तियां बहुत शक्तिशाली होती हैं।

मार्गशीर्ष अमावस्या- दर्श अमावस्या की तरह ही मार्गशीष अमावस्या भी होती है। धार्मिक और ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार अमावस्या वाले दिन बुरी शक्तियों का प्रभाव ज्यादा होता है और इस दिन वो सभी शक्तियां बहुत शक्तिशाली होती हैं।

चंद्र दर्शन- इसदिन चंद्रमा को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा-अर्चना की जाती है।

विनायक चतुर्थी- गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है।

नाग पंचमी- नाग पंचमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है।

सुब्रमण्य षष्ठी – इस व्रत को चम्पा षष्ठी भी कहते हैं, इस दिन भगवान कार्तिकेय का पूजन किया जाता है, जिससे रोग, राग, दुःख और दरिद्रता से मुक्‍ति मिलती है।

मासिक दुर्गाष्टम-  हर महीने में शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत किया जाता है। ये दिन भगवती दुर्गा को समर्पित है

धनु संक्रांति- धनु संक्रांति काल में सूर्य नारायण की उपासना की जाती है।

मोक्षदा एकादशी- इस व्रत में तुलसी की मंजरी, धूप-दीप आदि से भगवान दामोदर का पूजन किया जाता है।

इसी प्रकार से दिए गए सभी व्रतों का अपना एक विशेष महत्व और धार्मिक मान्यता है।

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