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धमाकेदार फिल्म 2.0 का वो 5 सीन जिन्हें जो हजम करना हुआ मुश्किल, जानिए कौन से हैं वो सीन ?

साउथ सुपरस्टार रजनीकांत और बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार की सबसे महत्वकांक्षी फिल्म 2.0 सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. फिल्म ने चारों ओर धमाका मचाया हुआ है और पहले दिन के कलेक्शन भी फिल्मीं ट्रेंड द्वारा अच्छे ही बताए जा रहे हैं और रिलीज के पहले ही फिल्म ने अपने बजट का आधा पैसा कमा लिया है तो अब देखना है कि ये बॉक्स-ऑफिस पर क्या-क्या गुल खिलाती है. धमाकेदार फिल्म 2.0 का वो 5 सीन जिन्हें जो हजम करना हुआ मुश्किल, शायद आपने भी की हो नोटिस.

धमाकेदार फिल्म 2.0 का वो 5 सीन जिन्हें जो हजम करना हुआ मुश्किल

फिल्म में जो टेक्नोलॉजी और वीएफएक्स का कमाल दिखाया गया है को कमाल का रहा है लेकिन इसमें कुछ 5 सीन हैं जो हर किसी को कहीं ना कहीं खटका होगा.

कैसे होता है पक्षीबाज का जन्म ?

फिल्म में अक्षय एख पक्षीबाज बने हैं जिनके पास कुछ शक्तियां होती हैं और वो इंसानी भी होते हैं लेकिन उनका जन्म कैसे हुआ और उनको ये सभी शक्तियां कैसे मिली इन सभी बातों का नहीं दिखाया गया. हालांकि साइंटिफिकली इसे समझाने की कोशिश की गई है लेकिन बहुत सी ऑडियंस यही सोचती हुई थिएटर्स से निकल आई.

जब मोबाइल करता है मंत्री का कत्ल

फिल्म के एक सीन में एक मंत्री के पास हीरों से जड़ा एक मोबाइल होता है और वही मोबाइल मंत्री जी का मर्डर कर देता है. जब उनका एक्सरे होता है तब मोबाइल नजर नहीं आता लेकिन सांस ना आने की वजब से जब मंत्री जी मर जाते हैं तब मोबाइल स्कैन होने लगता है. जब मोबाइल अंदर था तो स्कैन पहले क्यों नहीं हुआ ? ये सस्पेंस को सॉल्व करते नहीं दिखाया गया.

चिट्टी में ज्यादा शक्ति क्यों नहीं दिखाई ?

फिल्म के एक सीन में जब चिट्टी को दैत्याकार रूप लेना होता है तब वो मैगनेट सिस्टम में कनवर्ट हो जाता है क्योंकि उसे पक्षीबाज से टक्कर लेने के लिए शक्ति को बढ़ाना होता है और शहर का सारा लोहा, सिक्का और वाहन उसके शरीर से चिपक जाते हैं. मगर फिल्म में जब उसे रिलोडेड मोडिफाई दिखाया गया है तो फिर उसे ये सब करने की क्या जरूरत थी जिस तरह पक्षीबाज अलग तरीके से अपनी शक्तियां दिखाता है चिट्टी को ये मौका क्यों नहीं मिलता.

कहां से आए इतने सारे पक्षी ?

चिट्टी साइंस के जरिए कुछ भी बना सकता था और इसके लिए फिल्म के एक सीन में पक्षीबाज को टक्कर देने के लिए कई सारे पक्षियों को एक साथ बुलाता है जिससे वो पक्षीबाज को टक्कर दे पाए. मनोरंजन के मुताबिक तो लोगों ने जमकर तालियां बजाईं लेकिन ऐसा करना असल में कैसे संभव था ये सोचने वाली बात है.

इंसाफ ना मिलने पर सुसाइड कर लो

फिल्म के एक सीन में दिखाया गया कि इंसाफ ना मिलने पर सुसाइड जैसा कदम उठाना चाहिए मगर ये नकारात्मक थॉट बिल्कुल गलत है. फिल्म का विलेन पक्षियों को बचाने के लिए निर्दोष लोगों को भी मारने को तैयार हो जाता है ये बात कम लोगों को ही हजम होती है.

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