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पैन कार्ड के नए नियम 5 दिसंबर से होने जा रहे हैं लागू, जानिए वरना पड़ सकता है पछताना

अगर आप पैन कार्ड का इस्तेमाल करते हैं या फिर पैन कार्ड बनवाने की सोच रहे हैं तो आप इससे पहले पैन कार्ड के नए नियमो के बारे में जान लें दरअसल अगले महीने पैन कार्ड से संबंधित नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं आयकर विभाग ने पैन कार्ड को लेकर नियमों का एक नया सेट जारी किया है 5 दिसंबर 2018 से इन नियमों को लागू किया जाने वाला है नए नियम के अंतर्गत वह वित्तीय संस्थाएं जो वित्तीय वर्ष में ₹250000 रुपये या इससे अधिक का लेनदेन करती है उनके लिए पैन कार्ड जरूरी होगा इन संस्थाओं को 31 मई 2019 से पहले सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर टैक्सेस में पैन कार्ड के लिए आवेदन करना होगा इस विषय में आयकर विभाग की ओर से इस हफ्ते नोटिफिकेशन जारी किया गया है।आखिर पैन कार्ड में कौन से नियम बनाए गए हैं और नए पैन कार्ड के आवेदन के लिए क्या क्या नियम है? इन सभी बातों को जानना बहुत ही जरूरी है तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।

चलिए जानते हैं आखिर क्या है नए नियम

  • यदि आप किसी कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर, डायरेक्टर, पार्टनर, ट्रस्टी, चीफ एग्जीक्यूटिव, अधिकारी, मुख्य अधिकारी या किसी कंपनी के मालिक है और उस कंपनी का पैन कार्ड नहीं है तो आपको पैन कार्ड के लिए आवेदन करना जरूरी है इसके लिए आपको 31 मई 2019 से पहले पैन कार्ड का आवेदन करना आवश्यक है।

  • आयकर विभाग के नए नियमों के अनुसार स्थानीय कंपनियों या दुकानदार जिनका टर्नओवर 5 लाख प्रति वर्ष है या फिर इससे अधिक है उनके लिए पैन कार्ड का आवेदन करना जरूरी है।
  • नए नियमों के अनुसार आयकर विभाग ने पैन कार्ड के आवेदन के लिए फॉर्म के प्रारूप में भी बदलाव कर दिया है अब नए नियम के अंतर्गत पैन कार्ड का आवेदन करते समय आपको पिता के नाम का उल्लेख करना जरूरी नहीं होगा अब इस फॉर्म में अगर आप पिता का नाम दर्ज नहीं करते हैं तो भी इस फॉर्म को स्वीकार कर लिया जाएगा, नए नियमों के अनुसार पैन कार्ड के आवेदन के समय पिता का नाम उल्लेख करना अनिवार्य नहीं है यह नियम उन लोगों पर लागू होगा जिनकी मा ही परिवार का हिस्सा है और पिता नहीं है सीबीडीटी के नोटिफिकेशन के अंतर्गत यह नियम 5 दिसंबर से लागू होने वाला है पैन कार्ड देश में कर जमा करने के लिए बहुत जरूरी है अगर आप बैंक में खाता खोलते हैं या फिर आयकर रिटर्न भरते हैं तो इसमें पैन कार्ड की आवश्यकता होती है।

लगभग एक 135 अरब की जनसंख्या वाले देश में करदाताओं की संख्या बहुत कम है वैसे इस वर्ष कुछ तेजी आई है भारत में कर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या साल 2014 में लगभग 3.80 करोड़ थी यह पिछले वर्ष यानी 2017 तक 6.86 करोड़ पर पहुंच गई है उम्मीद करते हैं कि यह आंकड़ा अगले वर्ष 7.6 करोड़ या 7.5 करोड़ तक पहुंच जाएगी सरकार के अनुसार प्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी काले धन पर अंकुश के उपाय अर्थव्यवस्था की विभिन्न गतिविधियों को संगठित रूप देने तकनीकी के इस्तेमाल और लेन-देन को पकड़ने की वजह से की गई है अगर आप नए पैन कार्ड का आवेदन करने जा रहे हैं तो इन नियमों को ठीक प्रकार से जरूर जान लीजिए।

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