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क्या आप रात में कुत्ते के रोने की वजह आत्माओं का होना मानते हैं, जान लीजिये ये बातें

न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: बचपन पर जब घर की छत पर कौआ कांव-कांव करता था तो संकेत मिलता था कि आपके घर में कोई मेहमान आने वाला है। इसी तरह से हिंदू धर्म में कई इस तरह की चीजें होती हैं जिनके होने से हम आने वाली या आगे घटित होने वाली चीज का अनुमान लगा लेते हैं। खास तौर से शुभ और अशुभ का जैसे घर से बाहर निकलते वक्त छींक आ जाए तो रूक के जाना, जाने वाले को पीछे से ना टोकना और ना जाने कितना कुछ, और इन्ही चीजों में से एक है कुत्ते का रोना। कुत्ते के रोने के अशुभ माना जाता है।

जब भी घर के बाहर या आस पास किसी कुत्तेके रोने की आवाज सुनाई देती है तो हम उसे वहां से भगा देतें हैं ताकि वो आवाज सुनाई ना दें क्योंकि कुत्ते के रोने को किसी अशुभ समाचार का आना या किसी अप्रिय घटना का होना माना जाता है। अब ये सवाल आपके मन में भी उठता होगा कि कुत्तों को कैसे पता लग जाता है या फिर रात के वक्त कुत्ते रोते क्यों हैंं। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं इसकी असल वजह।

ज्योतिषाशास्त्र के अनुसार कुत्तों को अपने आस-पास किसी तरह की बुरी शक्ति का होना पता लग जाता है, साथ ही वो आत्माओं को देख सकते हैं, तो जब भी उनको आत्माएं दिखाई देती हैं तो वो रोना शुरू कर देते हैं।

ये तो हुई शास्त्रों का बात लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि से कुत्ते के रोने की वजह कुछ और ही बताई गई है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कुत्तों उस वक्त रोते हैं जब वो अपने साथियों को संकेत देते हैं या वो उन्हें अपनी लोकेशन बताना चाहते हैं जिस वजह से वो हाउल करते हैं।

बता दें कि कुत्ते एक सबसे वफादार पालतू जानवर हैं उनकों हमेशा लोगों के बीच रहने की आदत होती है। और जब वो अकेले में होते हैं और दर्द में रहते हैं या भूखे रहते हैं तब वो रोकर या हाउल कर के अपनी तकलीफ बयां करते हैं।  वैज्ञानिकों का ऐसा भी मानना है कि  यह उनका अपनी व्यथा को जाहिर करने का एक खास तरीका है।

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