अध्यात्म

इस मंदिर में दो पत्नी के साथ विराजमान है भगवान अयप्पा, दर्शन के लिए उमड़ती है भीड़

केरल के चर्चित से विवादित बन चुके सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति मिल जाने के बाद भी प्रवेश नहीं मिला है। इस मंदिर में भगवान अयप्पा विराजमान हैं और वह ब्रह्मचारी रुप में हैं। इस वजह से इस मंदिर में 10 वर्ष से 50 वर्ष उम्र तक की महिलाओं को एंट्री नही है। हालांकि यह जानकर आपको हैरानी हो सकती है कि सबरीमाला मंदिर से 60 किमी की दूरी पर अचनकोविल में अयप्पा का ऐसा मंदिर है जो सबरीमाला से बिल्कुल अलग है और सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर में उनका गृहस्थ जीवन है। इस मंदिर में उनकी पत्नी पूर्णा और पुश्कला दोनों विराजमान है।

सबरीमाला के अयप्पा

केरल के सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा के दर्शन करने वालों भक्तों को 41 दिन का जटिल अनुष्ठान करना पड़ता है। इस अनुष्ठान को मंडलम कहते हैं जिसे केवल पुरुष कर सकते हैं। मंदिर के संचालकों का कहना है कि भगवान अयप्पा नैष्ठिक ब्रह्मचारी है और उनके दर्शन केवल पुरुष कर सकते हैं। इस मंदिर को लेकर ही इतना बड़ा विवाद चल रहा है क्योंकि इसमें महिलाओं को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। भगवान अयप्पा को ब्रह्मचारी मानते हुए लोग सिर्फ पुरुषों को ही मंदिर में एंट्री देते हैं।

अचनकोविल मंदिर

भगवान अयप्पा को सर्पदंश रक्षक भी मानते हैं। इसका मतलब होता है जिसे सांप ने काट लिया हो। यह वहीं मंदिर हैं जहां भगवान अयप्पा अपनी दोनों पत्नी के साथ है। इस मंदिर में भगवान अयप्पा के एक हाथ में थेरथम जिसे पवित्र जल कहते हैं है और दूसरे हाथ में भस्म। यहां पर उन्हें सर्पदंश चिकित्सक के रुप में जानते हैं। दिन या रात किसी भी वक्त अगर सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति इस मंदिर में आता है तो पंडित भगवान अयप्पा के हाथ में रखे भस्म को सर्पदंश वाली यानी सांप की काटे जाने वाली जगह पर लगा देते हैं। इससे उस व्यक्ति को आराम मिल जाता है।

अयनयार अयप्पा

भगवान अयप्पा के अयनयार यानी रक्षक देवता कहते है और ग्राम देवता भी कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि पुराने समय में सर्पदंश की समस्या गांव में आम हुआ करती थी और लोग प्राण की रक्षा के लिए इस मंदिर में इलाज करने के लिए आते थे। वहीं सबरीमाला में भगवान अयप्पा को लेकर दूसरी तरह की कथाएं प्रचलित है। ऐसा माना जाता है कि अयप्पा भगवान विष्णु के मोहिनी रुप और शिव के अंश से उत्पन्न हुए थे। अयप्पा ने महिषि नाम की राक्षसी का वध कर लोगों की रक्षा की थी। इसके बाद ही उन्होंने ब्रह्मचर्य धारण कर लिया था।

कोर्ट से बना विवादित

सबरीमाला मंदिर बहुत ही पुराना मंदिर है और औरतों के ना जाने की वजह से भी चर्चा में रहता था, लेकिन कोर्ट तक यह मामला पहुंचने के बाद य़ह कुछ ज्यादा ही चर्चित हो गया। कोर्ट ने कहा कि मंदिर में महिलाओं को प्रवेश के बैन करने पर इसे लैंगिक असमानता करार दिया था औऱ महिलाओं को  अनुमति दे दी थी। हालांकि कोर्ट से मिली अनुमति के बाद भी महिलाएं इस मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई हैं। सिर्फ सबरीमाला के पंडितों को ही नहीं वहां आसपास में रहने वाली महिलाओं को भी महिलाओं की एंट्री पर नाराजगी है।

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