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इस मंदिर में भगवान को नहीं चढाया जाता फूल, झाड़ू चढ़ाने वालों की मन्नत होती है पूरी

न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: भगवान को भक्ति स्वरूप और पूर्ण आस्था से भक्त जो कुछ भी चढा़ते हैं वो भगवान स्वीकार कर लेते हैं। हिंदू धर्म में जिन्हें रौद्र का रूप माना जाता है वहीं दूसरी तरफ उन्हें भोले के नाम से भी भक्त याद करते हैं। ऐसे ईश्वर के चरित्र के बारे में सुनकर आप भी दंग रह जाएगे, सत्य तो यह है कि भगवान शिव को लोग प्रेम स्वरूप पुष्प भी चढा़ते हैं तो वहीं कांटेदार फल धतूरा चढ़ाने की भी प्रथा है। ईश्वर भक्तों के भाव को समझ उन्हें आशीष देते हैं, लेकिन क्या कभी आपने ईश्वर को झाड़ू चढा़ने के बारे में सोचा है? शायद नहीं लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में बताएंगे जहां पर भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए उनको झाडू चढा़ई जाती है।

मुरादाबाद और आगरा के राजमार्ग पर गांव सदत्बदी में भोलेनाथ का एक प्राचीन मंदिर है जो पातालेशवर नाम से प्रसिद्ध है उस मंदिर पर भक्त अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए शिवलिंग पर झाडू चढा़ते हैं। लोगों की ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में शिव जी पर झाड़ू चढा़ने से त्वचा संबंधित सभी रोग दूर हो जाते हैं। यहां को लोगों ने बताया कि यह मंदिर अत्यंत प्राचीन है और यहां सदियों से शिवलिंग पर झाड़ू चढा़ने की परंपरा चली आ रही है।

इस मंदिर में शिव जी पर झाडू चढ़ाने के पीछे एक लोककथा भी है जिसके अनुसार, इस गांव में नीम हकीमों और वैद को दिखाया लेकिन कोई भी दवा या औषधि उसका इलाज नहीं कर पाई। एक दिन भिखारीदास कहीं जा रहा था तभी उसे प्यास लगी वहीं पास में ही उसे एक आश्रम दिखाई दिया और वह उस आश्रम में पानी की तलाश में जा पहुंचा, उस आश्रम में एक संत था जो झाडू लगा रहा था भिखारीदास ने उससे पीने के लिए पानी मांगा, तभी उस संत की झाडू भिखारीदास के पैरों में गलती से लग गई, झाडू लगते ही उसके शरीर में एक तरंग सी दौड़ गई और देखते ही देखते उसका त्वचा रोग ठीक हो गया।

व्यापारी यह चमत्कार देखकर बहुत खुश हो गया और उसने संत से मुंह मांगी रकम मांगने को कहा, जिस पर संत ने कहा कि यह सब शिव की महिमा है अगर तुम कुछ मुझे देना ही चाहते हो तो इस आश्रम में एक शिव मंदिर बनवा दो, जिसके बाद भिखारीदास ने उस आश्रम में एक भव्य शिव मंदिर का निर्माण करा दिया।

भिखारीदास के साथ हुए इस चमत्कार की खबर पूरे गांव में फैल गई और तभी से लोगों ने उस मंदिर में झाडू चढ़ाना शुरू कर दिया। यहां भगवान शिव को लोग दूध, जल और फल के साथ-साथ सीकों वाली झाड़ू भी चढ़ाते हैं।

लोगों की ऐसी मान्यता है की इस मंदिर में शिवलिंग पर झाड़ू अर्पित करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और साथ ही साथ हर तरह के त्वचा संबंधी रोग से भी छुटकारा मिलता है। इस मंदिर के पुजारी का कहना है कि यह मंदिर करीब 150 साल पुराना है और यहां झाड़ू चढ़ाने की प्रथा भी उतनी ही पुरानी है। शिवजी को झाड़ू चढा़ने के लिए लोग यहां पर दूर-दूर से आते हैं।

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