राजनीति

राजस्थान विधानसभा चुनाव : बागियों ने बढ़ाई सीएम वसुंधरा की मुश्किलें, अलर्ट हुई पार्टी हाईकमान

राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर जहां एक तरफ बीजेपी विरोधियों को जवाब देने की कोशिश कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ पार्टी के अंदर कई बागी बनकर उभर रहे हैं। बीजेपी के लिए अब मुश्किल विरोधी नहीं, बल्कि उनकी अपनी पार्टी से उत्पन्न हुए बागी नेता बन गये हैं। जी हां, रविवार को उम्मीदवारों की सूची जारी करने के बाद बीजेपी की मुश्किल बढ़ती हुई नजर आ रही है। राजस्थान बीजेपी यूनिट के कई नेता नाराज चल रहे हैं और उन्होंने बीजेपी को सबक सिखाने की चुनौती भी दे डाली है। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?

रविवार को रात को जब बीजेपी ने उम्मीदवारों की सूची जारी की तो कई बीजेपी नेता अपना नाम नहीं पाने की वजह से नाराज हो गये हैं। इतना ही नहीं, राजस्थान सरकार में मंत्री और पांच बार से विधायक सुरेंद्र गोयल ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए चेतावनी दी है कि वे बीजेपी को बर्बाद कर देंगे, क्योंकि उन्होंने इतने लंबे समय से बीजेपी के लिए काम किया है और बीजेपी ने इस बार उन्हें अनदेखा कर रही है। इस तरह से कई ऐसे नेता है, जोकि अब बीजेपी की टेंशन बढ़ा चुके हैं।

दिग्गजों का नाम न होने की वजह पार्टी में कलह का माहौल

बताते चलें कि जिन बड़े नेताओं के नाम पहली सूची में नहीं हैं, उनमें जयपुर के मालवीय नगर से मौजूदा चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ, झोटवाड़ा से उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, परिवहन मंत्री यूनुस खान और चुरू की रतनगढ़ सीट से देवस्थान मंत्री राजकुमार रिणवां का नाम शामिल है। सूत्रों की माने तो यह सभी नेता बीजेपी से अब किनारा कर सकते हैं, जिससे राजस्थान में बीजेपी की नींव थोड़ी सी डगमगाती दिख रही है। हालांकि, पार्टी में कलह की खबर से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने सुलह कराने की कोशिश जारी कर दी है।

बागियों को समझाने में जुटी बीजेपी

सोमवार को बीजेपी मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगाम किया, जिसके बाद पार्टी हाईकमान ने इस मामले को सुलझाने का आदेश दिया है। बताते चलें कि भारतीय जनता पार्टी में मुखर हो रहे बगावती सुर पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि इन मतभेदों से लड़ने के लिए सभी को साथ बैठना होगा, ऐसे में सभी नेताओं के साथ बीजेपी की एक बैठक होनी तय मानी जा रही है तो वहीं बागियों के सुर अभी भी बुलंद बताए जा रहे हैं।

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