अध्यात्म

जानें छठ पूजा विधि और महत्व, कैसे बनाएं घर पर प्रसाद

छठ पूजा का त्यौहार दीपावली के बाद शुक्ल पक्ष में षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। छठ पूजा में मुख्य रुप से भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। कार्तिक मास में भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। इस पूजा की शुरुआत मुख्य रुप से बिहार से हुई थी, लेकिन धीरे धीरे इसकी महिमा फैल गई और आज देश ही नहीं विदेश में भी छठ पूजा पूरी श्रद्धा के साथ की जाती है। आईये आपको बताते हैं छठ पूजा की विधि और महिमा।

छठ पूजा का महत्व

यह पूजा विशेष रुप से संतान के लिए रखी जाती है।कार्तिक मास में सूर्य अपनी नीच राशी में होता है। इस वजह से इस दिन सूर्य भगवान की पूजा की जाती है। सूर्य भगवान की पूजा करने से स्वास्थय अच्छा रहता है और छठ मैय्या व्रत करने वाले के संतान की आयु बढ़ाती हैं और उसके जीवन की रक्षा करती हैं। इस बार दीपावली 7 नंवबर को है और छठ का पर्व 13 नंवबर को मनाया जाएगा।

छठ पूजा विधि

यह पर्व बहुत ही बड़ा पर्व माना जाता है। इसे चार दिनों तक मनाया जाता है। इसकी शरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से होती है और सप्तमी को अरुण वेला में व्रत का समापन किया जाता है।

छठ पूजा में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। इस व्रत की शुरुआत नहा-खा के साथ होती है। व्रत की शुरुआत लौकी और चावल खाकर करते हैं। व्रत करने वाला व्यक्ति पूरे दिन सिर्फ इसका ही सेवन करके रहते हैं। दूसरे दिन लोहंडा खरना होता है। इस दिन सिर्फ खीर खाकर व्रत रखा जाता है। इस खीर में चीनी या गुड़ का नहीं बल्कि गन्ने के रस का इस्तेमाल होता है।

तीसरे दिन उपवास रखकर सूर्य देवता को अर्घ्य देते हैं। इस पर्व में सबसे खास पकवान बनता है जिसे ठेकुआ कहते हैं। साथ ही मौसमी फल भी छठ मैय्या और सूर्य देवता को चढ़ाते हैं।

इस पर्व की सबसे खास बात यह है कि ना सिर्फ डूबते हुए सूर्य बल्कि उगते हुए सूर्य को अंतिम अर्घ्य देकर व्रत का समापन करते हैं। इसके बाद कच्चे दूध और प्रसाद को खाकर व्रत का समापन करते हैं। इस बार 13 नंवबर को पहला अर्घ्य और 14 नंवबर को आखिरी अर्घ्य दिया जाएगा।

छठ पूजा के लाभ

छठ पूजा करने के भी विशेष लाभ होते हैं। जिनको संतान ना हो रही हो या संतान होने पर जीवित ना बच रही हो उनको यह पूजा करनी चाहिए।

जिन्हें संतान होती है वह लोग अपने बच्चे की लंबी आयु के लिए व्रत रखते हैं। अगर किसी को संतान पक्ष से कष्ट हो तो यह व्रत लाभदायक होता है।

अगर किसी की कुंडली में सूर्य की स्थिति खराब हो तो भी यह व्रत करने से सूर्य देव की कृपा मिलती है।

छठ पूजा के वक्त बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। व्रत का जो भी सामान बने उसे पूरी तरह से  साफ रखा जाना चाहिए। अगर घर का एक भी व्यक्ति व्रत करता है तो बाकी सभी सदस्यों को भी स्वच्छता से रहना चाहिए।

 

घर पर कैसे बनाएं ठेकुआ

 सामग्री

  • गेंहू का आटा- आधा किलो
  • सूखा नारियल- 2 चम्मच
  • चीनी- 300 ग्राम
  • सौंफ- 1 चम्मच
  • तेल- 2 चम्मच
  • हरी इलायची पाउडर- आधा चम्मच
  • पानी- 1 कप
  • ठेंकुआ बनाने का सांचा

 

विधि

  • सबसे पहले एक बर्तन में चीनी औऱ पानी डाल कर पकाएं। अब इस घोल को ठंडा होने दें।
  • इसके बाद आटा, कद्दूकस किया हुआ नारियल, इलायची पाउडर, सौंफ और 2 चम्मच तेल डालकर इसे गूंथें।
  • इस मिश्रण में चीनी पानी वाला घोल मिलाते जाएं और गूंथते जाएं। जब मुलायम आटा सन जाए तो छोटी छोटी लोई लेकर इसे सांचे में दबाकर ठेकुए का आकार दे दें।
  • अब एक कढ़ाई में तेल गर्म करें। उसमें ठेकुआ डालकर डीप फ्राई करें। धीरे धीरे पकाते हुए ठेकुए को बाहर निकाले। अब यह पूजा में चढ़ाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

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