राजनीति

अब ट्रेन,-मेट्रो, बस में चलेगा एक कार्ड, डेबिट-क्रेडिट कार्ड की तरह भी होगा इस्तेमाल

नई दिल्ली: मोदी सरकार देश के लोगों को ज़्यादा से ज़्यादा सहूलियत देने के पीछे काफ़ी काम कर रही है। अभी हाल ही में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को सुगम बनाने के लिए तैयार हो रही ‘एक देश एक कार्ड’ योजना का ट्रायल आने वाले तीन से चार महीनों में होने की सम्भावना है। बता दें नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने गुरुवार को कहा कि इस योजना का ज़्यादातर काम पूरा हो चुका है। इस योजना के लागू होने के बाद से जनता को काफ़ी फ़ायदा होने वाला है।

एक ही कार्ड से कर सकेंगे देशभर में यात्रा:

 

आपकी जानकारी के लिए बता दें इस योजना के लागू होने के बाद यात्री एक ही कार्ड से देशभर में रेल, मेट्रो और बसों में कहीं भी सफ़र कर सकेगा। केवल यही नहीं इस स्मार्टकार्ड को डेबिट-क्रेडिट कार्ड की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। अब तक ट्रेन और बस में सफ़र करने के लिए अलग-अलग जगह का पास बनवाना पड़ता था। वहीं दिल्ली के मेट्रो में सफ़र करने के लिए अलग कार्ड और कोलकाता के मेट्रो में सफ़र करने के लिए अलग कार्ड की आवश्यकता पड़ती थी। लेकिन इस योजना के लागू होने के बाद से ऐसा नहीं होगा।

इसके लिए की गयी सम्बंधित मंत्रालयों से बैठक:

अमिताभ कांत ने बताया कि, ‘योजना को तैयर करने में सेंटर फ़ॉर डेवेलपमेंट ऑफ़ एडवांस कम्प्यूटिंग, बैंक और शहरी विकास मंत्रालय शामिल है। इसके तकनीकी पहलू को अंतिम रूप देने के लिए कई एजेंसियों और उससे सम्बंधित मंत्रालयों की बैठक की गयी।’ बता दें अलग-अलग जगहों पर यातायात की अलग-अलग व्यवस्था की वजह से लोगों को काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। दिल्ली में रहने वाला व्यक्ति अगर किसी अन्य शहर में जाता है तो उसे परेशानी उठानी पड़ती है। हर समय व्यक्ति के पास कैश भी नहीं रहता है। ऐसे में इस कार्ड के आने के बाद से उसे इस समस्या से भी निजात मिल जाएगा।

3 सितम्बर को अमिताभ कांत ने कहा था कि इस योजना के आने के बाद यातायात के विभिन्न माध्यमों में सफ़र करना आसान हो जाएगा। भारत जैसे सघन आबादी वाले देशों में मज़बूत ट्रांसपोर्ट सिस्टम अर्थव्यवस्था के विकास की रीढ़ है। नए ट्रांसपोर्ट सिस्टम में ना सिर्फ़ वाहनों बल्कि नागरिकों को सबसे पहले रखा जाएगा। जिससे यातायात के सभी माध्यमों में सफ़र साफ़-सुथरा और आरामदायक हो सके। भारत बहुत बड़ी आबादी वाला देश है और यहाँ के ज़्यादातर लोग हर रोज़ सफ़र करते रहते हैं।

अमिताभ कांत के अनुसार जीडीपी में फ़िलहाल रोड ट्रांसपोर्ट का योगदान इस समय लगभग 4 प्रतिशत है, जो ज़्यादातर जीवाश्म ईंधन पर निर्भर है। बड़े शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण और पर्यावरण में बदलाव चिंता का विषय है। ऐसे में देश के विकास और अर्थव्यवस्था में ट्रांसपोर्ट सिस्टम की अहम भूमिका है। नीति आयोग के सलाहकार अनिल श्रीवास्तव ने कहा था कि केंद्र सरकार पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए आवागमन की बेहतरी के लिए काम कर रही है। जिस ट्रांसपोर्ट सिस्टम की बात की जा रही है, अगर वह लागू हो गयी तो यक़ीनन यह ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में क्रांतिकारी क़दम होगा।

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