स्वास्थ्य

इन महिलाओं का स्तनपान कराना हो सकता है बच्चों के लिए ख़तरनाक, डॉक्टरों ने किया ख़ुलासा

नई दिल्ली: कहा जाता है कि जन्मजात बच्चे के लिए माँ का दूध अमृत के समान होता है। लेकिन कई बार माँ का दूध बच्चे के लिए ज़हर भी बन जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि आख़िर ऐसा कैसे हो सकता है जो दूध अमृत के समान माना गया है, वह अचानक से ज़हर कैसे बन सकता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें नशे ने पंजाब में ऐसे ही हालात पैदा कर दिए हैं कि माँ का दूध बच्चे के लिए ज़हर बनने लगा है। सीमा से सटे हुए जिले फ़िरोज़पुर में 22 दिन के नवजात की ज़िंदगी बचाने के लिए डॉक्टरों ने नशे की आदी माँ को बच्चे को दूध पिलाने से मना कर दिया।

बता दें महिला पिछले 7 सालों से नशे की आदी है, इस वजह से उसका दूध बच्चे के लिए ज़हर बन गया है। पेशे से आर्केस्ट्रा डांसर 32 वर्षीय महिला फ़िरोज़पुर के नशा मुक्ति केंद्र में इलाज करवा रही है। महिला ने 22 दिन पहले एक बच्चे को जन्म दिया था। नशे की आदी इस माँ के सामने बच्चा भूख से बिलखता रहता है, लेकिन यह उसे अपना दूध नहीं पिला सकती है। बाहर का दूध पिलाने पर बच्चा उल्टी कर देता है। नशे के दलदल में फाँसी मजबूर माँ नशे की आदत छुड़ाने के लिए फ़िरोज़पुर केंद्र में दवाई लेने के लिए गयी हुई थी।

महिला ने वहाँ बताया कि वह एक आर्केस्ट्रा डांसर है और पिछले 7 साल से हेरोइन का नशा कर रही है। हर रोज़ उसे दो से चार ग्राम हेरोइन की ज़रूरत होती है। डाँस करते समय वह थके नहीं, इसलिए दोस्तों के कहने पर वह हेरोइन का नशा करने लगी। महिला ने बताया कि एक साल पहले उसकी शादी हुई थी। जब वह गर्भवती हुई तो उसने डाँस करना छोड़ दिया। शादी के बाद हेरोइन का नशा कम कर दिया, लेकिन जब तलब लगती है तो वह मेडिकल नशा करना शुरू कर देती है।

22 दिन पहले बेटा पैदा हुआ। उसके बाद उसने फिर से हेरोइन का नशा करना शुरू कर दिया। पति के कहने के बाद वह नशा छोड़ने के लिए केंद्र में आयी है। महिला ने डॉक्टरों को बताया कि उसका बच्चा बहुत सुस्त है। वह बहुत कम रोता है और उसे भूख भी बहुत कम लगती है। डॉक्टरों ने जाँच के बाद बताया कि वह जो नशा कर रही है वह दूध के ज़रिए उसके बच्चे को भी मिल रहा है। इसलिए उसे अपना दूध बच्चे को भी पिलाना बंद करना होगा। अगस्त महीने में ही हेरोइन और अन्य दूसरे नशे के चक्कर में फाँसी पाँच महिलाएँ नशा मुक्ति केंद्र पहुँची थीं।

दो महिलाएँ कलाकार हैं, जिन्होंने अपने साथियों के कहने पर नशा शुरू किया था। तीन अन्य महिलाएँ गृहणी हैं जो पति के नशे के आदी होने की वजह से नशा करने लगीं। एक पिड़िता इसमें से छात्र है। सिविल अस्पताल फ़िरोज़पुर की मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर रचना मित्तल का कहना है कि उनके पास आइ महिलाएँ नशे की आदी हैं। दूध पिलाने के बाद नशे का असर बच्चों पर दिख रहा है। इन महिलाओं को बच्चों को दूध पिलाने से रोका गया है। अगर इसे रोका नहीं गया तो बच्चे में नशे का प्रभाव बढ़ता जाएगा।

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